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Short Story: मीता (Meeta) खिड़की के पास बैठी उस धुँधले आसमान को देख रही थी, जहाँ...
Short story: विमल अपने कमरे में अकेला बैठा था, तभी उसे गाँव से आया अपनी छोटी बहन...
झिलमिल तारे टांक चुनर में कर सोलह श्रृंगार सखी मदमाती इठलाती देखो कलरव करती न...
“सांवला रंग तो पुरुषों पर फबता है।” कहते हुए माँ ने शिवांगी का दुपट्टा पिनप किया...
समुद्र के किनारे टहलते हुए उसके पैरों से कुछ टकरा गया। वह झुक कर उसे तलाशने लगी।...
ये जला दीप हैं , शुभ्र ज्यों सीप हैं । पाक ये हव्य सी ,ज्योति हैं भव्य सी
“दी! क्या आपको पता है शाश्वत जी आजकल कहाँ हैं और कैसे हैं ?” “नहीं! मुझे कैसे...
शाम को फिर पीठ पर बोझा ले उठ खड़ा हुआ होगा । मजदूर है पर मजबूर नहीं....
शीश पर जा बैठ, रौंदी धूल कहे पग से देख निज औकात...
काश की ये जीवन भी एक मौसम की तरह होता, कभी धूप ,कभी छांव तो कभी बादल बन जाता....
नम्रता, वार्ड बॉय की सहायता से ऑपरेशन रूम से पेशेंट को वार्ड में शिफ्ट कर रही ...
जंगल में भीषण गर्मी पड़ रही थी। नदियों, झरनों, तालाबों, कुओं आदि में पानी लगातार ...
अभी-अभी श्याम अपने मित्र रवि की चिता को अग्नि देकर आया था। रवि उसका बचपन का मित्...
दुनियां की नजरों में एक सशक्त महिला होते हुए भी अपने भीतर के अंतर्द्वंद से बाहर ...