Kanpur News: पांच मंजिला इमारत में लगी भीषण आग ने 5 की जिन्दगी निगली, जूता-चप्पल कारखाने में शॉर्ट सर्किट बना बड़ा कारण।
जांच के अनुसार, आग भूतल पर स्थित जूता-चप्पल कारखाने में शॉर्ट सर्किट के कारण शुरू हुई। कारखाने में चमड़ा, डेंड्राइड, पेट्रोल, और अन्य ज्वलनशील केमिकल्स के ड्रम...

कानपुर के चमनगंज थाना क्षेत्र के प्रेमनगर, गांधीनगर में रविवार (4 मई 2025) रात करीब 8:30 बजे एक पांच मंजिला इमारत में लगी भीषण आग ने एक परिवार की जिंदगी तबाह कर दी। इस दर्दनाक हादसे में जूता कारोबारी मोहम्मद दानिश (45), उनकी पत्नी नाजमी सबा (42), और उनकी तीन बेटियों सारा (15), सिमरा (12), और इनाया (7) की जलकर मौत हो गई।
प्रारंभिक जांच के अनुसार, आग भूतल पर स्थित जूता-चप्पल कारखाने में शॉर्ट सर्किट के कारण शुरू हुई। कारखाने में चमड़ा, डेंड्राइड, पेट्रोल, और अन्य ज्वलनशील केमिकल्स के ड्रम भारी मात्रा में रखे थे, जिसने आग को तेजी से भड़कने में मदद की। आग इतनी तेजी से फैली कि 10-15 मिनट में पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया। तीन तेज धमाके सुने गए, जो संभवतः सिलेंडर और एयर कंडीशनर के फटने से हुए। इमारत पांच मंजिला थी, जिसमें भूतल और पहली मंजिल पर जूता कारखाना था, जबकि ऊपरी मंजिलें (तीसरी और चौथी) आवासीय थीं। परिवार चौथी मंजिल पर रहता था, जहां आग और धुएं ने उन्हें फंसा लिया। इमारत में कोई आपातकालीन सीढ़ी, फायर अलार्म, या स्प्रिंकलर सिस्टम नहीं था, जिससे बचाव कार्य और मुश्किल हो गया।
मोहम्मद दानिश अपने बुजुर्ग पिता को बचाने के लिए बाहर निकले थे, लेकिन अपनी पत्नी और बेटियों को बचाने के लिए वापस इमारत में गए और फंस गए। फायर कर्मियों ने बताया कि नाजमी का शव अपनी एक बेटी से लिपटा हुआ मिला, जो दर्शाता है कि उन्होंने आखिरी पल तक अपने बच्चों को बचाने की कोशिश की। सभी पांचों शव चौथी मंजिल से बरामद किए गए, जो आग और धुएं से बुरी तरह झुलसे थे। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को सूचित किया। 38-50 दमकल गाड़ियों और 70 से अधिक दमकलकर्मियों ने रात 3 बजे तक 7-8 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। लखनऊ से SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम को बुलाया गया, जो रेस्क्यू में शामिल हुई। संकरी गलियों और घनी आबादी ने बचाव कार्य में बाधा डाली। दमकलकर्मियों को दीवारें तोड़कर अंदर प्रवेश करना पड़ा। दो अन्य व्यक्तियों को मामूली चोटों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया। इमारत में अग्निशमन उपकरणों की पूरी तरह कमी थी। कोई फायर एग्जिट, अलार्म, या स्प्रिंकलर सिस्टम मौजूद नहीं था।
कारखाने में ज्वलनशील पदार्थों का भंडारण बिना सुरक्षा मानकों के किया गया था। संकरी गलियों ने दमकल गाड़ियों की पहुंच को मुश्किल बनाया, जिससे समय पर रेस्क्यू में देरी हुई। सीएम ने घटना का तुरंत संज्ञान लिया और जिला प्रशासन को राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने घायलों के इलाज और रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी की। कानपुर के एसीपी तेज बहादुर सिंह ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है, और फॉरेंसिक टीम को कारणों की जांच के लिए भेजा गया है। शॉर्ट सर्किट की पुष्टि के लिए फॉरेंसिक और इलेक्ट्रिकल विशेषज्ञों की टीम जांच कर रही है। X पर इस हादसे को लेकर गहरा दुख और गुस्सा व्यक्त किया जा रहा है। कई यूजर्स ने इसे सुरक्षा नियमों की अनदेखी का परिणाम बताया।
वायरल वीडियो में इमारत से निकलती ऊंची लपटें और धुएं का गुबार दिखाई दे रहा है, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। कुछ यूजर्स ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नियमों को लागू करने की मांग की। इस हादसे के कई वीडियो सोशल मीडिया, खासकर X और इंस्टाग्राम पर वायरल हो रहे हैं। इनमें आग की लपटें, दमकल गाड़ियों का ऑपरेशन, और स्थानीय लोगों की भीड़ दिखाई दे रही है। कुछ रील्स में स्थानीय लोगों के बयान भी हैं, जो हादसे की भयावहता और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। हालांकि, कुछ यूजर्स ने ऐसी रील्स बनाने और शेयर करने पर आपत्ति जताई है, इसे संवेदनहीनता करार दिया। यह हादसा न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज और प्रशासन के लिए एक चेतावनी भी है। मोहम्मद दानिश और उनके परिवार की मौत ने कानपुर ही नहीं, बल्कि पूरे देश में अग्नि सुरक्षा के मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है।
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