स्मिता पाटिल की जन्म जयंती पर राज बब्बर ने साझा किया भावुक संदेश, छोटी सी जिंदगी को हमेशा का दर्द बताया। 

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और राजनीतिज्ञ राज बब्बर ने अपनी दिवंगत पत्नी, प्रसिद्ध अभिनेत्री स्मिता पाटिल की जन्म जयंती पर एक गहरा भावुक संदेश साझा किया है। 17 अक्टूबर 2025 को स्मिता

Oct 18, 2025 - 15:19
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स्मिता पाटिल की जन्म जयंती पर राज बब्बर ने साझा किया भावुक संदेश, छोटी सी जिंदगी को हमेशा का दर्द बताया। 
स्मिता पाटिल की जन्म जयंती पर राज बब्बर ने साझा किया भावुक संदेश, छोटी सी जिंदगी को हमेशा का दर्द बताया। 

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और राजनीतिज्ञ राज बब्बर ने अपनी दिवंगत पत्नी, प्रसिद्ध अभिनेत्री स्मिता पाटिल की जन्म जयंती पर एक गहरा भावुक संदेश साझा किया है। 17 अक्टूबर 2025 को स्मिता का जन्मदिन था, और इस मौके पर राज बब्बर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर एक पुरानी तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि उनकी छोटी सी जिंदगी हमेशा एक ऐसे दुख के रूप में रहेगी जो कभी ठीक नहीं होगा। उन्होंने कहा, "उनकी छोटी जिंदगी हमेशा कभी न ठीक होने वाला दुख रहेगा, जन्मदिन पर उन्हें स्नेहपूर्वक याद कर रहा हूं।" यह संदेश राज बब्बर के दिल की गहराई से निकला हुआ लगता है, जो स्मिता के निधन के 39 वर्ष बाद भी उनके प्रति उनके अटूट प्रेम को दर्शाता है। स्मिता पाटिल का जन्म 17 अक्टूबर 1955 को महाराष्ट्र के जालगांव में एक मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वे हिंदी सिनेमा की उन अभिनेत्रियों में से एक थीं जिन्होंने सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्मों के माध्यम से समाज को आईना दिखाया। उनकी अचानक मौत ने न केवल बॉलीवुड को झकझोर दिया बल्कि राज बब्बर के जीवन को भी हमेशा के लिए बदल दिया।

राज बब्बर और स्मिता पाटिल की प्रेम कहानी बॉलीवुड की सबसे चर्चित और विवादास्पद कहानियों में से एक है। राज बब्बर का जन्म 23 जून 1952 को लाहौर, पाकिस्तान में एक पंजाबी मुस्लिम परिवार में हुआ था। वे बचपन से ही अभिनय की ओर आकर्षित थे और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, दिल्ली में प्रशिक्षण लिया। 1970 के दशक में वे हिंदी फिल्मों में प्रवेश कर चुके थे। उनकी पहली शादी 1975 में नादिरा बब्बर से हुई, जिनसे उनके दो बच्चे समीरा और आर्यन बब्बर हुए। लेकिन 1982 में आई फिल्म "भीगी पलकें" के सेट पर राज बब्बर की मुलाकात स्मिता पाटिल से हुई। यह फिल्म एक सामाजिक ड्रामा थी जिसमें दोनों ने मुख्य भूमिकाएं निभाईं। सेट पर दोनों के बीच दोस्ती हुई जो धीरे-धीरे गहरे प्रेम में बदल गई। स्मिता उस समय एक उभरती हुई अभिनेत्री थीं जिन्होंने "चक्र" जैसी फिल्म से राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था। राज बब्बर स्मिता के साहसी और संवेदनशील व्यक्तित्व से प्रभावित हुए। दोनों ने लिव-इन रिलेशनशिप में रहना शुरू कर दिया, जो उस समय समाज में अस्वीकार्य था।

1985 में राज बब्बर ने नादिरा को तलाक दिए बिना स्मिता से शादी कर ली, जिससे काफी विवाद हुआ। स्मिता ने कहा था कि वे राज के बच्चों को भी अपना मानती हैं। इस शादी के बाद दोनों ने एक नया जीवन शुरू किया। स्मिता गर्भवती हुईं और 28 नवंबर 1986 को उनके बेटे प्रतीक बब्बर का जन्म हुआ। लेकिन प्रसव के तुरंत बाद स्मिता की तबीयत बिगड़ गई। डॉक्टरों ने दिमागी बुखार का निदान किया, लेकिन सही इलाज न मिलने से 13 दिसंबर 1986 को मात्र 31 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। राज बब्बर ने बाद में कई इंटरव्यू में बताया कि स्मिता की मौत के समय वे मुंबई से बाहर थे। जब वे अस्पताल पहुंचे तो स्मिता आंसुओं में डूबी हुई माफी मांग रही थीं। राज ने कहा कि स्मिता ने अंतिम क्षणों में कहा, "मैं तुम्हें छोड़कर जा रही हूं, माफ करना।" यह दृश्य राज के दिल में आज भी कांटा बना हुआ है। स्मिता की मौत के बाद राज बब्बर ने नादिरा के साथ फिर से संबंध जोड़ लिए और वर्तमान में वे अनीता लांबा के साथ रहते हैं, जिनसे उनकी बेटी जूही बब्बर हुई। लेकिन स्मिता के प्रति उनका भावनात्मक लगाव कभी कम नहीं हुआ।

स्मिता पाटिल का फिल्मी सफर छोटा लेकिन यादगार था। उन्होंने 1980 में "मंडी" से हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया, जो श्याम बेनेगल की एक व्यंग्यात्मक फिल्म थी। इसके बाद "चक्र", "अर्थ", "मंथन", "भूमिका" जैसी फिल्मों में उन्होंने गहरे किरदार निभाए। स्मिता को सामाजिक न्याय, स्त्री अधिकार और ग्रामीण भारत की समस्याओं पर फिल्में करने का शौक था। वे पैरेलल सिनेमा की प्रमुख अभिनेत्री थीं। 1985 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उनकी आखिरी फिल्म "वारी" 1986 में रिलीज हुई। स्मिता ने कुल 80 से अधिक फिल्मों में काम किया और तीन राष्ट्रीय पुरस्कार जीते। उनकी मौत के बाद बॉलीवुड में स्त्रियों के स्वास्थ्य पर बहस छिड़ गई। डॉक्टरों का कहना था कि प्रसव के बाद संक्रमण था लेकिन सही देखभाल न होने से जान गई। स्मिता की मां शोभना पाटिल ने हमेशा राज पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। लेकिन राज ने कहा कि वे स्मिता को बचाने के लिए सब कुछ कर चुके थे।

राज बब्बर ने स्मिता को याद करने की परंपरा बनाए रखी है। हर जन्मदिन और पुण्यतिथि पर वे सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं। 2020 में उन्होंने लिखा था, "अतुलनीय प्रतिभा का एक कलाकार, ऐसी भावुक आत्मा वाला व्यक्ति - स्मिता को आज उनके जन्मदिन पर याद करते हुए।" 2021 में पुण्यतिथि पर उन्होंने कहा, "तुम खामोशी से चली गई।" इस बार 2025 में भी उनका संदेश वैसा ही मार्मिक है। राज बब्बर अब 73 वर्ष के हैं और राजनीति में सक्रिय हैं। वे समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद रह चुके हैं और वर्तमान में कांग्रेस से जुड़े हैं। उनके बेटे प्रतीक बब्बर भी अभिनेता हैं जो "इश्किया" जैसी फिल्मों से जाने जाते हैं। प्रतीक ने एक इंटरव्यू में कहा कि वे मां को कम जानते हैं लेकिन पिता की कहानियों से उन्हें महसूस करते हैं। समीरा बब्बर एक निर्देशक हैं। राज की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए लेकिन स्मिता का साया हमेशा बना रहा।

यह संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। न्यूज24 ने इसे प्रमुखता से दिखाया और लिखा कि राज बब्बर का यह भावुक पोस्ट प्रशंसकों को रुला रहा है। इंस्टाग्राम पर हजारों लाइक्स और कमेंट्स आए। एक फैन ने लिखा, "सच्चा प्यार कभी मरता नहीं।" स्मिता की जन्म जयंती पर बॉलीवुड हस्तियां भी उन्हें याद करती हैं। श्याम बेनेगल ने कहा कि स्मिता एक जीनियस अभिनेत्री थीं। आज भी उनकी फिल्में नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम पर उपलब्ध हैं। स्मिता की मौत ने स्त्री स्वास्थ्य पर ध्यान दिलाया। आज प्रसव के बाद माताओं की देखभाल बेहतर है। राज बब्बर ने कई मौकों पर कहा कि स्मिता की कमी कभी पूरी नहीं हो सकती। उनका बेटा प्रतीक भी मां की याद में टैटू बनवाए हुए हैं। यह प्रेम कहानी किताबों और डॉक्यूमेंट्री में जीवित है। स्मिता पाटिल फाउंडेशन उनके नाम पर चलता है जो ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाता है।

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