सऊदी अरब पाकिस्तान को देगा आर्थिक सहायता की बौछार, शहबाज शरीफ ने क्राउन प्रिंस को दिया मजबूत विश्वास।
पाकिस्तान की आर्थिक मुश्किलों के बीच सऊदी अरब ने एक बार फिर मदद का हाथ बढ़ाया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सऊदी क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान को
पाकिस्तान की आर्थिक मुश्किलों के बीच सऊदी अरब ने एक बार फिर मदद का हाथ बढ़ाया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सऊदी क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान को भरोसा दिलाया है कि उनका देश सऊदी के साथ रक्षा और आर्थिक सहयोग को और मजबूत करेगा। यह बात सितंबर 2025 में रियाद में हुई बैठक के दौरान कही गई। सऊदी ने पहले ही पाकिस्तान को तीन अरब डॉलर का ऋण दिया है और अब निवेश के नए रास्ते खोलने की योजना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सहायता पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में बड़ी भूमिका निभाएगी।
सितंबर 2025 में शहबाज शरीफ सऊदी अरब गए थे। वहां यमामा पैलेस में क्राउन प्रिंस के साथ बैठक हुई। इस दौरान दोनों देशों ने रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौता पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के मुताबिक अगर किसी एक देश पर हमला होता है तो इसे दोनों पर हमला माना जाएगा। पाकिस्तान ने सऊदी को अपनी परमाणु क्षमता का समर्थन देने का वादा किया है। यह समझौता दोनों देशों के बीच आठ दशकों पुराने रिश्ते पर आधारित है। शहबाज शरीफ ने बैठक के बाद कहा कि सऊदी का साथ पाकिस्तान के लिए भाईचारे और इस्लामी एकजुटता का प्रतीक है। उन्होंने क्राउन प्रिंस को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह साझेदारी क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए जरूरी है।
इस समझौते से पहले सऊदी ने पाकिस्तान को आर्थिक मदद दी है। दिसंबर 2024 में तीन अरब डॉलर का ऋण बढ़ाया गया था। यह पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने के लिए था। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ के कार्यक्रमों में सऊदी ने सहयोग किया। पाकिस्तान में सऊदी के निवेश को बढ़ावा देने के लिए अक्टूबर 2024 में 34 समझौते हुए थे जिनकी कीमत 2.8 अरब डॉलर थी। इनमें निजी क्षेत्र के सहयोग पर जोर था। सऊदी के पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड ने पाकिस्तान में ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के प्रोजेक्ट्स में रुचि दिखाई है।
अब अक्टूबर 2025 में शहबाज शरीफ फिर सऊदी जाएंगे। 26 अक्टूबर को वे रियाद पहुंचेंगे। वहां 27 से 30 अक्टूबर तक फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव सम्मेलन होगा। यह सम्मेलन सऊदी के विजन 2030 का हिस्सा है। इसमें वैश्विक नेता निवेश के मौके तलाशते हैं। शरिफ क्राउन प्रिंस के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। पाकिस्तानी स्रोतों के अनुसार शुरुआती निवेश की योजना एक अरब डॉलर की है। यह एक नए फंड के जरिए हो सकता है। निवेश ऊर्जा, तकनीक और हरित वित्त जैसे क्षेत्रों में होगा। सऊदी पाकिस्तान को आर्थिक संकट से उबारने में मदद करेगा।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लंबे समय से मुश्किलों में है। महंगाई, विदेशी कर्ज और व्यापार घाटा बड़ी चुनौतियां हैं। आईएमएफ से ऋण लेना पड़ रहा है। सऊदी का साथ महत्वपूर्ण है क्योंकि वह पाकिस्तान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। सऊदी से तेल सस्ते दामों पर मिलता है। पाकिस्तान में 25 लाख से ज्यादा सऊदी प्रवासी हैं जो रेमिटेंस भेजते हैं। यह पाकिस्तान की जीडीपी का बड़ा हिस्सा है। शहबाज शरीफ की सरकार ने आर्थिक सुधारों पर जोर दिया है। टैक्स बढ़ाना, निर्यात को प्रोत्साहन और ऊर्जा क्षेत्र में निवेश ये कदम उठाए गए हैं। सऊदी की सहायता इन प्रयासों को बल देगी।
क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान ने भी पाकिस्तान की सराहना की। उन्होंने कहा कि दोनों देश साझा हितों के आधार पर आगे बढ़ेंगे। सऊदी भारत के साथ भी अच्छे रिश्ते रखता है लेकिन पाकिस्तान के साथ रक्षा सहयोग को प्राथमिकता देगा। पाकिस्तान की सेना प्रमुख आसिम मुनीर भी बैठक में थे। उन्होंने सऊदी रक्षा मंत्री खालिद बिन सलमान से बात की। समझौते में संयुक्त सैन्य अभ्यास, खुफिया जानकारी साझा करना और तकनीक आदान-प्रदान शामिल है। पाकिस्तान सऊदी में 1500 से 2000 सैनिक तैनात रखता है जो प्रशिक्षण देते हैं।
यह साझेदारी सिर्फ रक्षा तक सीमित नहीं है। आर्थिक रूप से सऊदी पाकिस्तान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। विशेषज्ञ कहते हैं कि निवेश से रोजगार बढ़ेगा और गरीबी कम होगी। सऊदी का विजन 2030 विविधीकरण पर केंद्रित है। पाकिस्तान इसमें साझेदार बनेगा। हरित ऊर्जा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में सहयोग होगा। शहबाज शरीफ ने क्राउन प्रिंस को विश्वास दिलाया कि पाकिस्तान सऊदी के निवेश को सुरक्षित रखेगा। भ्रष्टाचार रोकना और कानून का पालन ये वादे किए गए।
पाकिस्तान को अन्य देशों से भी मदद मिल रही है। चीन ने सीपीईसी प्रोजेक्ट्स में निवेश बढ़ाया है। लेकिन सऊदी का भरोसा सबसे मजबूत है। अप्रैल 2024 में भी शरिफ सऊदी गए थे। तब ऊर्जा और व्यापार पर बात हुई। अब डिफेंस पैक्ट के बाद आर्थिक सहयोग तेज होगा। सम्मेलन में शरिफ वैश्विक निवेशकों से मिलेंगे। वे पाकिस्तान को निवेश के लिए आकर्षक बताएंगे। सस्ती मजदूरी और रणनीतिक स्थिति पाकिस्तान के फायदे हैं।
इस बीच पाकिस्तान सरकार घरेलू सुधारों पर काम कर रही है। ऊर्जा संकट को हल करने के लिए सौर ऊर्जा पर जोर है। सऊदी से फंडिंग मिलेगी तो प्रोजेक्ट्स तेजी से पूरे होंगे। शिक्षा और स्वास्थ्य में भी निवेश की योजना है। शहबाज शरीफ ने कहा कि सऊदी का साथ पाकिस्तान के युवाओं के लिए नई संभावनाएं खोलेगा। रेमिटेंस बढ़ाने के लिए प्रवासियों को सुविधाएं देंगे।
क्षेत्रीय राजनीति में यह समझौता महत्वपूर्ण है। मध्य पूर्व में तनाव है। ईरान और इजरायल के बीच विवाद पाकिस्तान को प्रभावित करता है। सऊदी का रक्षा समर्थन पाकिस्तान को मजबूत बनाएगा। लेकिन पाकिस्तान को भारत के साथ संतुलन बनाना होगा। सऊदी दोनों देशों के साथ अच्छे रिश्ते रखता है। शहबाज शरीफ ने कहा कि शांति ही समृद्धि का आधार है।
सऊदी अरब ने पिछले सालों में पाकिस्तान को कई बार मदद की। 2019 में तेल की आपूर्ति की थी। अब ऋण के अलावा निवेश पर फोकस है। एक अरब डॉलर का फंड बन सकता है जो प्राइवेट सेक्टर को मदद देगा। इससे उद्योग बढ़ेंगे। कृषि और तकनीक क्षेत्रों में सहयोग होगा। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए यह कदम स्वागतयोग्य है।
शहबाज शरीफ की सऊदी यात्राएं सफल रही हैं। सितंबर की यात्रा छोटी थी लेकिन परिणाम भरे। अब अक्टूबर की यात्रा निवेश लाने पर केंद्रित होगी। क्राउन प्रिंस ने शरिफ को आमंत्रित किया था। दोनों नेता फोन पर भी संपर्क में रहते हैं। यह व्यक्तिगत रिश्ता सहयोग को मजबूत करता है।
पाकिस्तान को आर्थिक चुनौतियों से निपटना है। मुद्रास्फीति 20 प्रतिशत से ऊपर है। लेकिन सुधारों से सुधार हो रहा है। सऊदी की सहायता से विदेशी भंडार बढ़ेंगे। निर्यात लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। सरकार ने टेक्सटाइल और आईटी सेक्टर को बढ़ावा दिया है। सऊदी निवेशक इनमें रुचि लेंगे।
यह साझेदारी दोनों देशों के लिए फायदेमंद है। सऊदी को पाकिस्तानी मजदूर और विशेषज्ञ मिलेंगे। पाकिस्तान को पूंजी और बाजार। इस्लामी दुनिया में यह एकता का संदेश देगा। शहबाज शरीफ ने क्राउन प्रिंस को कहा कि पाकिस्तान सऊदी का विश्वसनीय साथी है। भविष्य में और समझौते होंगे।
समाज के स्तर पर यह खबर उत्साहजनक है। पाकिस्तानी युवा नई नौकरियां पा सकेंगे। गरीब परिवारों को राहत मिलेगी। लेकिन सरकार को पारदर्शिता बनाए रखनी होगी। निवेश का सही उपयोग हो तो देश तरक्की करेगा। सऊदी का भरोसा पाकिस्तान की मेहनत का फल है।
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