मिर्जापुर: 'मेरी मां ने जहर खाया है, मुझे एम्बुलेंस चाहिए, जल्दी भेजिए', 6 साल की शिवानी की समझदारी से बची मां की जान, 1090 पर कॉल कर दिखाया साहस, सफल होता दिखा मिशन शक्ति। 

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में एक ऐसी घटना घटी, जिसने सभी को हैरान कर दिया। मड़िहान थाना क्षेत्र के तेन्दुइया गोपालपुर गांव की रहने वाली एक महिला ने घरेलू विवाद

Oct 20, 2025 - 14:42
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मिर्जापुर: 'मेरी मां ने जहर खाया है, मुझे एम्बुलेंस चाहिए, जल्दी भेजिए', 6 साल की शिवानी की समझदारी से बची मां की जान, 1090 पर कॉल कर दिखाया साहस, सफल होता दिखा मिशन शक्ति। 
मिर्जापुर: 'मेरी मां ने जहर खाया है, मुझे एम्बुलेंस चाहिए, जल्दी भेजिए', 6 साल की शिवानी की समझदारी से बची मां की जान, 1090 पर कॉल कर दिखाया साहस, सफल होता दिखा मिशन शक्ति। 

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में एक ऐसी घटना घटी, जिसने सभी को हैरान कर दिया। मड़िहान थाना क्षेत्र के तेन्दुइया गोपालपुर गांव की रहने वाली एक महिला ने घरेलू विवाद के बाद जहर खा लिया। उसकी हालत बिगड़ने लगी, लेकिन छह वर्षीय बेटी शिवानी ने घबराने के बजाय हिम्मत दिखाई। उसने स्कूल में सीखे हेल्पलाइन नंबर 1090 पर तुरंत फोन किया और कहा, "मेरी मां ने जहर खा लिया है, मुझे एम्बुलेंस चाहिए, जल्दी भेजिए।" सूचना मिलते ही मड़िहान थाने की पुलिस और पीआरवी-112 की टीम मौके पर पहुंची। महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मड़िहान ले जाया गया, जहां समय पर इलाज से उसकी जान बच गई। अपर पुलिस अधीक्षक (नक्सल) मनीष कुमार मिश्रा ने बताया कि शिवानी की सूझबूझ ने एक परिवार को बचा लिया। यह घटना 18 अक्टूबर 2025 की है, जो मिशन शक्ति अभियान की सफलता का जीता-जागता उदाहरण बनी।

शिवानी का परिवार गांव में साधारण जीवन जीता है। महिला का नाम आरती है, जो पति के साथ खेती-बाड़ी का काम संभालती हैं। घरेलू झगड़े के कारण आरती ने गुस्से में जहर निगल लिया। छोटी उम्र में शिवानी ने देखा कि मां की सांसें तेज हो रही हैं और चेहरा पीला पड़ रहा है। वह जानती थी कि ऐसी स्थिति में मदद मांगनी चाहिए। मिशन शक्ति के तहत स्कूल में शिक्षकों ने बच्चों को आपातकालीन नंबर सिखाए थे। शिवानी ने उसी का सहारा लिया। फोन पर उसकी आवाज में घबराहट तो थी, लेकिन शब्द साफ थे। कॉल रिसीव करने वाली अधिकारी ने तुरंत लोकेशन ट्रेस की और टीम को रवाना कर दिया। महज 15 मिनट में पुलिस घर पहुंची। आरती को स्ट्रेचर पर लादकर अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि जहर का असर बढ़ रहा था, लेकिन देरी न होने से बचाव हो गया।

यह घटना मिर्जापुर के मड़िहान ब्लॉक में हुई, जो जिले का एक पिछड़ा इलाका है। यहां स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं, लेकिन हेल्पलाइन नेटवर्क मजबूत है। पीआरवी-112 यानी पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल हमेशा अलर्ट रहती है। इस बार भी वाहन नंबर 112 ने गांव पहुंचकर आरती को उठाया। थाना प्रभारी ने कहा कि शिवानी जैसे बच्चे भविष्य की उम्मीद हैं। उन्होंने परिवार को काउंसलिंग की सलाह दी। पिता ने बेटी को गले लगाते हुए कहा कि वह उनकी जान है। गांव वालों ने शिवानी की तारीफ की और कहा कि छोटी बच्ची ने बड़ा काम किया। यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जहां लोग मिशन शक्ति की सराहना कर रहे हैं।

मिशन शक्ति क्या है? यह उत्तर प्रदेश सरकार का प्रमुख अभियान है, जो महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा पर केंद्रित है। 2019 में शुरू हुआ यह कार्यक्रम चार मुख्य घटकों पर आधारित है – सशक्तीकरण, सुरक्षा, सम्मान और संवाद। इसके तहत महिलाओं को आत्मरक्षा सिखाई जाती है, कानूनी जागरूकता फैलाई जाती है और हेल्पलाइन नंबरों का प्रचार किया जाता है। प्रमुख नंबर हैं – 1090 (महिला हेल्पलाइन), 112 (आपातकालीन), 181 (महिला हेल्पलाइन) और 1098 (बाल हेल्पलाइन)। स्कूलों में विशेष कक्षाएं लगाई जाती हैं, जहां बच्चों को इन नंबरों के महत्व के बारे में बताया जाता है। मिर्जापुर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्रों और पंचायतों के माध्यम से जागरूकता फैलाई जाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे अपनी प्राथमिकता बताया है। 2024-25 में अभियान के तहत 50 लाख से ज्यादा महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया। शिवानी ने प्राथमिक स्कूल में ये नंबर सीखे थे। शिक्षिका ने कहा कि बच्चे जल्दी सीख जाते हैं और सही समय पर इस्तेमाल करते हैं।

इस घटना से मिशन शक्ति की पहुंच साफ दिखती है। ग्रामीण इलाकों में जहां साक्षरता कम है, वहां हेल्पलाइन जीवन रक्षक साबित हो रही हैं। अपर पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार मिश्रा ने कहा कि 1090 नंबर पर रोजाना सैकड़ों कॉल आती हैं, जिनमें से कई संकटकालीन होती हैं। पिछले एक साल में मिर्जापुर में 500 से ज्यादा मामलों में मदद मिली। अभियान के तहत पिंक बूथ भी लगाए जाते हैं, जहां महिलाएं सुरक्षित शिकायत दर्ज करा सकती हैं। शिवानी का मामला बालिकाओं को प्रोत्साहित करने वाला है। जिला प्रशासन ने इसे प्रचारित करने का फैसला किया। डीएम ने शिवानी को सम्मानित करने की घोषणा की। यह घटना दिखाती है कि शिक्षा और जागरूकता से छोटे बच्चे भी बड़े फैसले ले सकते हैं।

घरेलू विवाद आजकल आम हो गए हैं। तनाव, आर्थिक दबाव या पारिवारिक कलह से लोग कट्टर कदम उठा लेते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर काउंसलिंग जरूरी है। मिर्जापुर में एनजीओ काम कर रहे हैं, जो परिवारों को सलाह देते हैं। आरती के पति ने कहा कि अब वे झगड़े सुलझाने का प्रयास करेंगे। पुलिस ने मामले को सुलझाने में मदद की। यह घटना समाज को संदेश देती है कि संवाद ही समाधान है। छोटे बच्चों को भी जिम्मेदारी सिखानी चाहिए। शिवानी ने न सिर्फ मां बचाई, बल्कि परिवार को नई दिशा दी।

मिशन शक्ति के अन्य उदाहरण भी प्रेरणादायक हैं। लखनऊ में एक महिला ने 1090 पर कॉल कर छेड़छाड़ की शिकायत की, आरोपी गिरफ्तार हुआ। वाराणसी में एक बालिका ने 181 पर फोन कर घरेलू हिंसा रोकी। ये नंबर 24 घंटे सक्रिय हैं और जीपीएस से लोकेशन ट्रैक करते हैं। सरकार ने मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया, जहां बटन दबाने से मदद आ जाती है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या रहती है, इसलिए वॉयस कॉल पर जोर है। विशेषज्ञ कहते हैं कि बच्चों को सिखाना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे सबसे तेज सीखते हैं। शिवानी की उम्र में ही इतना साहस दुर्लभ है।

यह घटना मिर्जापुर को नई पहचान दे रही है। जिला प्रशासन ने स्कूलों में विशेष वर्कशॉप आयोजित करने का फैसला किया। थाना मड़िहान ने शिवानी को 'साहसी बालिका' का खिताब दिया। परिवार ने कहा कि अब वे जागरूक रहेंगे। आरती स्वस्थ हो रही हैं और बेटी से गले मिलीं। गांव में उत्सव सा माहौल है। यह कहानी साबित करती है कि जागरूकता से कोई भी संकट टाला जा सकता है। मिशन शक्ति जैसे अभियान देशव्यापी फैलने चाहिए।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा पर सरकार सक्रिय है। 2025 में बजट में 1000 करोड़ आवंटित किए गए। हेल्पलाइन कॉल सेंटरों को मजबूत किया गया। शिवानी की कहानी को वीडियो बनाकर प्रचारित किया जाएगा। यह न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे राज्य में प्रेरणा बनेगी। बच्चे अगर सशक्त होंगे, तो समाज मजबूत होगा। यह घटना सकारात्मक ऊर्जा फैला रही है।

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