गीत: श्रमिक दिवस- हूं मजदूर, हिम्मत भरपूर, न मजबूर...
श्रम का स्वेद कम नहीं मोती से कीमत आंकें...

सरला भंसाली अहमदाबाद
श्रमिक दिवस
हूं मजदूर
हिम्मत भरपूर
न मजबूर
श्रम का स्वेद
कम नहीं मोती से
कीमत आंकें।
हूं मैं श्रमिक
लेता मेहनत का
पारिश्रमिक
कठोर श्रम
नहीं शिकन मात्र
संग है सम
माथे पे कर्जा
सोच सकारात्मक
उठाए बोझा
मैं मजदूर
श्रम का मगरुर
न मजबूर
सुनता ताना
लेता स्वाभिमान से
मेहनताना
निशिवासर
श्रम रत श्रमिक
निरावलम्ब ।
स्व समर्पण
श्रम मय जीवन
नहीं बेवश
करते श्रम
सम शम अर्पित
जीवन क्रम
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