दिल्ली: छठ पूजा पर 27 अक्टूबर को सरकारी अवकाश, सीएम रेखा गुप्ता का ऐलान; रेलवे ने 1500 विशेष ट्रेनें चलाने की योजना बनाई। 

दिल्ली में बसे बिहारी, पूर्वांचली और झारखंडी परिवारों के लिए खुशखबरी है। छठ महापर्व के अवसर पर दिल्ली सरकार ने 27 अक्टूबर को सरकारी अवकाश घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री रेखा

Oct 25, 2025 - 12:46
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दिल्ली: छठ पूजा पर 27 अक्टूबर को सरकारी अवकाश, सीएम रेखा गुप्ता का ऐलान; रेलवे ने 1500 विशेष ट्रेनें चलाने की योजना बनाई। 
दिल्ली: छठ पूजा पर 27 अक्टूबर को सरकारी अवकाश, सीएम रेखा गुप्ता का ऐलान; रेलवे ने 1500 विशेष ट्रेनें चलाने की योजना बनाई। 

दिल्ली में बसे बिहारी, पूर्वांचली और झारखंडी परिवारों के लिए खुशखबरी है। छठ महापर्व के अवसर पर दिल्ली सरकार ने 27 अक्टूबर को सरकारी अवकाश घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसकी आधिकारिक घोषणा की है। यह अवकाश चार दिवसीय छठ पूजा के तीसरे दिन को ध्यान में रखकर दिया गया है, जो सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन व्रतधारी महिलाएं नदियों या तालाबों के किनारे डूबते सूर्य को अर्घ्य चढ़ाती हैं। सुबह से ही घरों में तैयारियां शुरू हो जाती हैं और परिवारजन विभिन्न अनुष्ठान निभाते हैं। दिल्ली के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और अन्य राज्यों में भी छठ की धूम है। इसी बीच भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए 1500 विशेष ट्रेनें चलाने का ऐलान किया है, ताकि प्रवासी मजदूर और परिवार आसानी से अपने गृह राज्य पहुंच सकें।

यह घोषणा 24 अक्टूबर 2025 को मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान में की गई। रेखा गुप्ता ने कहा कि छठ पूजा प्रकृति पूजा का प्रतीक है, जहां सूर्य देव और छठी मइया की आराधना से शुद्धता, पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का संदेश मिलता है। उन्होंने व्रतधारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व सबके जीवन में सुख, समृद्धि और नई ऊर्जा लाएगा तथा समाज में आपसी सद्भाव और सदिच्छा को मजबूत करेगा। अवकाश सोमवार को रखा गया है, क्योंकि छठ का मुख्य दिन 27 अक्टूबर को पड़ रहा है। दिल्ली में सरकारी कार्यालय, स्कूल और अन्य संस्थान बंद रहेंगे। यह फैसला दिल्ली के लाखों प्रवासी निवासियों को ध्यान में रखकर लिया गया है, जो छठ को अपने घर लौटकर मनाना चाहते हैं।

छठ पूजा की शुरुआत 25 अक्टूबर से हो चुकी है। पहला दिन नहाय-खाय है, जिसमें व्रतधारी पवित्र स्नान कर सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं। कद्दू, चावल और दाल का प्रसाद बनता है। 26 अक्टूबर को खरना होगा, जहां गुड़ की खीर और रोटी का प्रसाद बांटा जाता है। तीसरा दिन 27 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य का है, जब डूबते सूर्य को दूध, फल और ठेकुआ चढ़ाया जाता है। चौथा दिन 28 अक्टूबर को उषा अर्घ्य से संपन्न होता है। यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। महिलाएं कठोर व्रत रखती हैं, जिसमें 36 घंटे निर्जल उपवास शामिल है। पुरुष भी सहयोग करते हैं। दिल्ली में यमुना नदी के किनारे 1300 से अधिक छठ घाट तैयार किए गए हैं। इनमें 17 मॉडल घाट शामिल हैं, जहां स्वच्छता, सुरक्षा और मूलभूत सुविधाओं का विशेष ध्यान दिया गया है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने खुद द्वारका के सेक्टर 23बी में पोजनपुर छठ घाट का निरीक्षण किया। विधायक संदीप सहरावत और छठ पूजा समिति के सदस्यों के साथ उन्होंने सजावट और रखरखाव की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि घाटों पर पानी की व्यवस्था, बिजली, शौचालय और चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। लक्ष्मी नगर विधानसभा में नया छठ घाट जनता को समर्पित किया गया। गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार छठ को भव्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मौसम विभाग ने अनुकूल मौसम की भविष्यवाणी की है, जिसमें हल्के बादल रहेंगे लेकिन बारिश की संभावना कम है। इससे घाटों पर पूजा में कोई बाधा न आए।

दिल्ली में छठ पूजा की धूम अलग ही है। शहर में बिहार, यूपी और झारखंड से आए लाखों लोग रहते हैं। वे अपार्टमेंटों की छतों, पार्कों और कृत्रिम तालाबों पर पूजा करते हैं। यमुना घाट पर बांस के डंडों से अस्थायी मंच बनाए गए हैं। बाजारों में ठेकुआ, फल, गन्ना और बांस की टोकरियां बिक रही हैं। कारीगर रात-दिन काम कर रहे हैं। महिलाएं साड़ियां सजाकर प्रसाद तैयार करती हैं। बच्चे उत्साह से गीत गाते हैं। भोजपुरी और मैथिली लोकगीतों की धुनें हर तरफ गूंज रही हैं। एनजीओ स्वच्छता अभियान चला रहे हैं, जिसमें प्लास्टिक का प्रयोग रोकने पर जोर है।

भारतीय रेलवे की पहल भी कमाल की है। छठ पूजा और दिवाली के लिए 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक कुल 12000 से अधिक विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इनमें 9338 आरक्षित और 2203 अनारक्षित ट्रिपें शामिल हैं। पिछले साल की तुलना में यह संख्या 7724 से बढ़कर दोगुनी हो गई है। अगले पांच दिनों में 1500 विशेष ट्रेनें चलेंगी, औसतन प्रतिदिन 300 ट्रेनें। यह कदम यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए उठाया गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने न्यू दिल्ली और आनंद विहार स्टेशनों का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि 12 लाख रेल कर्मचारी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।

विशेष ट्रेनें प्रमुख मार्गों पर चल रही हैं। दिल्ली से पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, छपरा, गोरखपुर, वाराणसी, भागलपुर और अन्य शहरों के लिए ट्रेनें हैं। सेंट्रल रेलवे 24 विशेष ट्रेनें चला रहा है। नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे 186 ट्रेनें संचालित करेगा। ईस्ट सेंट्रल रेलवे ने 1800 से अधिक ट्रेनें चलाई हैं। नई ट्रेनें पनवेल से चिपलुन, राजकोट से बरौनी और इंदौर से मुंबई सेंट्रल के लिए शुरू हुई हैं। स्टेशनों पर होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं, जहां सीटिंग, ट्रेन सूचना प्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था है। आरपीएफ की संख्या बढ़ाई गई है। सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी हो रही है। विकलांग और बीमार यात्रियों के लिए विशेष सहायता दी जा रही है। अब तक एक करोड़ से अधिक यात्री विशेष ट्रेनों से सफर कर चुके हैं।

रेलवे ने भीड़ प्रबंधन पर फोकस किया है। प्रमुख जंक्शनों पर अतिरिक्त स्टाफ तैनात है। टिकट काउंटर बढ़ाए गए हैं। गुड़गांव स्टेशन पर 50 प्रतिशत अधिक भीड़ देखी गई। यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक सफर देने के लिए प्रयास हो रहे हैं। यह पहल छठ पूजा को पर्यटन और अर्थव्यवस्था का बढ़ावा भी देगी। प्रवासी मजदूर अपने परिवार के साथ पर्व मना सकेंगे।

छठ पूजा का महत्व गहरा है। यह सूर्य देव की उपासना का पर्व है, जो स्वास्थ्य, संतान और समृद्धि देता है। प्राचीन काल से चली आ रही यह परंपरा ऋग्वेद और महाभारत से जुड़ी है। कुंती ने सूर्य से पुत्र प्राप्ति की कामना की थी। आज भी यह पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। बांस, मिट्टी के बर्तन और प्राकृतिक सामग्री का प्रयोग होता है। दिल्ली जैसे शहरों में यह सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। अमीर-गरीब सभी एक साथ पूजा करते हैं।

सरकार और रेलवे की यह पहल सराहनीय है। अवकाश से कर्मचारी परिवार के साथ समय बिता सकेंगे। विशेष ट्रेनों से यात्रा आसान होगी। लेकिन यात्रियों को सतर्क रहना चाहिए। टिकट पहले से बुक करें और स्टेशन पर समय से पहुंचें। कोविड नियमों का पालन करें। यह पर्व हमें शुद्धता और समर्पण सिखाता है।

दिल्ली में छठ घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। पुलिस, गोताखोर और एम्बुलेंस तैनात हैं। ड्रोन से निगरानी हो रही है। मुख्यमंत्री ने सफाई पर जोर दिया है। यमुना के प्रदूषण को कम करने के प्रयास चल रहे हैं। एनजीओ कचरा हटाने में मदद कर रहे हैं। बाजारों में ठेकुआ की मांग बढ़ गई है। कारीगरों को अच्छी कमाई हो रही है।

यह पर्व प्रवासियों के लिए भावनात्मक है। अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में भी दिल्लीवासी इसे मना रहे हैं। सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल हो रही हैं। ChhathPuja2025 ट्रेंड कर रहा है।

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