छठ महापर्व: दुल्हन सी सजकर अक्षरा सिंह ने दी नहाय-खाय की शुभकामनाएं, बिहार की श्रद्धा में डुबकी लगाकर फैंस को किया भावुक।
बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में आज 25 अक्टूबर 2025 से छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। नहाय-खाय के साथ व्रतधारी महिलाएं और पुरुष सूर्य देव और छठी मइया
बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में आज 25 अक्टूबर 2025 से छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। नहाय-खाय के साथ व्रतधारी महिलाएं और पुरुष सूर्य देव और छठी मइया की आराधना में लीन हो गए हैं। घरों में सात्विक भोजन की महक फैली हुई है, जबकि गंगा, सोन, कोसी और यमुना जैसे नदियों के घाटों पर श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा है। इस पवित्र अवसर पर भोजपुरी सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री और गायिका अक्षरा सिंह ने दुल्हन की तरह सजकर फैंस को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक खास पोस्ट शेयर की, जिसमें लिखा है, छठ महापर्व की पवित्र शुरुआत नहाय-खाय की ढेरों शुभकामनाएं। छठी मइया सब पर कृपा बनाए रखें। जय छठी मइया। इस पोस्ट ने फैंस को भावुक कर दिया और लाखों लाइक्स व कमेंट्स मिले। अक्षरा की यह पहली छठ पूजा है, जो उन्होंने पूरे समर्पण से निभाई।
छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। सुबह-सुबह व्रतधारी पवित्र स्नान करते हैं और साफ-सुथरे घर में सात्विक भोजन तैयार करते हैं। कद्दू की सब्जी, चावल, चने की दाल और तीखी मिर्च का सेवन किया जाता है। नमक, प्याज और लहसुन का प्रयोग वर्जित होता है। यह भोजन प्रसाद के रूप में पूरे परिवार को बांटा जाता है। बिहार के गांवों में यह दिन विशेष उत्साह का होता है। महिलाएं नए कपड़े पहनकर पूजा करती हैं और सूर्योदय के समय दीप जलाती हैं। पटना के दीघा घाट, भागलपुर के विक्रमशिला घाट और मुजफ्फरपुर के नरकटिया घाट पर सुबह से ही हजारों लोग जमा हो गए। प्रशासन ने 500 से अधिक घाटों पर सुरक्षा और स्वच्छता की व्यवस्था की है।
अक्षरा सिंह का यह पोस्ट इंस्टाग्राम पर वायरल हो गया। वे दुल्हन की तरह लाल साड़ी में सजी नजर आ रही हैं। सिर पर दुल्हनिया जैसा घूंघट, माथे पर बिंदी और हाथों में चूड़ियां पहने हुए। पृष्ठभूमि में छठ पूजा का प्रसाद और बांस की टोकरी दिख रही है। अक्षरा ने कैप्शन में लिखा कि यह उनकी पहली छठ पूजा है, जिसमें वे व्रत रख रही हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से देखती आई हैं, लेकिन आज खुद निभाने पर डर, खुशी और उत्साह का मिश्रण हो रहा है। फैंस ने कमेंट्स में जय छठी मइया लिखकर बधाई दी। एक फैन ने लिखा कि अक्षरा दीदी की यह तस्वीर छठी मइया का आशीर्वाद है। एक अन्य ने कहा कि आपकी आवाज में छठ गीत सुनने का इंतजार है।
अक्षरा सिंह भोजपुरी सिनेमा की रानी हैं। वे पवन सिंह की बहन हैं और शत्रुध्न सिन्हा की बेटी। उन्होंने रंगीला (2017) जैसी फिल्मों से लोकप्रियता हासिल की। छठ पूजा के मौके पर उनका गाना कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाये फिर से ट्रेंड कर रहा है। यह गीत सात साल पुराना है, लेकिन 38 मिलियन से अधिक व्यूज हैं। अक्षरा ने कहा कि छठ केवल पूजा नहीं, बल्कि प्रकृति से जुड़ाव है। उन्होंने परंपराओं पर सवाल भी उठाया। जैसे कि दौरा (टोकरी) क्यों पुरुष ही ले जाते हैं? महिलाएं जो व्रत रखती हैं, वे क्यों नहीं? यह सवाल सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दिया। कुछ ने इसे प्रगतिशील बताया, तो कुछ ने परंपरा का हवाला दिया।
छठ पर्व चार दिनों का होता है। पहला दिन नहाय-खाय, दूसरा खरना, तीसरा संध्या अर्घ्य और चौथा उषा अर्घ्य। खरना में गुड़ की खीर और रोटी का प्रसाद बनता है। संध्या अर्घ्य में डूबते सूर्य को दूध और ठेकुआ चढ़ाया जाता है। उषा अर्घ्य में उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त होता है। महिलाएं 36 घंटे निर्जला व्रत रखती हैं। पुरुष प्रसाद बनाते और घाट ले जाते हैं। बिहार में यह पर्व सूर्य भगवान और छठी मइया को समर्पित है। ऋग्वेद में सूर्य उपासना का उल्लेख है। महाभारत में कुंती ने सूर्य से पुत्र प्राप्ति की कामना की थी।
इस बार छठ पर मौसम सुहावना है। भारतीय मौसम विभाग ने हल्की धूप और बादल की भविष्यवाणी की है। बिहार सरकार ने 27 और 28 अक्टूबर को अवकाश घोषित किया। दिल्ली में भी 27 को छुट्टी है। रेलवे ने 1500 विशेष ट्रेनें चलाई हैं। पटना, गया और दरभंगा के लिए दिल्ली से ट्रेनें भरी हुई हैं। प्रवासी मजदूर परिवार के साथ लौटे हैं। घाटों पर गोताखोर, पुलिस और एम्बुलेंस तैनात हैं। स्वच्छता अभियान चल रहा है। प्लास्टिक प्रतिबंधित है। एनजीओ कचरा हटाने में मदद कर रहे।
अन्य भोजपुरी सितारे भी छठ मना रहे। पवन सिंह ने इंस्टाग्राम पर नहाय-खाय की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने नया गीत छठिए स्वर्ग लगेला रिलीज किया, जिसमें चंदनी सिंह हैं। खेसारी लाल यादव ने परिवार के साथ घाट की तस्वीर शेयर की। निरहुआ ने कहा कि छठ परिवार को एकजुट करता है। रानी चटर्जी ने ठेकुआ बनाते वीडियो पोस्ट किया। शारदा सिन्हा के पुराने गीत हर घर में बज रहे। अक्षरा का गाना सासु जी नाचे अंगना भी लोकप्रिय है।
छठ पर्व सामाजिक एकता का प्रतीक है। अमीर-गरीब सभी घाट पर आते हैं। महिलाएं साड़ी सजाती, बच्चे गीत गाते। भोजपुरी लोकगीतों की धुनें गूंजती हैं। बाजारों में ठेकुआ, फल और गन्ने की बिक्री बढ़ी। कारीगर बांस के दौरे बना रहे। यह पर्व पर्यावरण संरक्षण सिखाता है। बांस, मिट्टी के बर्तन और प्राकृतिक सामग्री का प्रयोग होता है। गंगा सफाई अभियान में लोग शामिल हो रहे।
दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में प्रवासी छठ मना रहे। यमुना घाट पर 1300 घाट बने। अमेरिका और कनाडा में भी पूजा हो रही। सोशल मीडिया पर ChhathPuja2025 ट्रेंड कर रहा। अक्षरा की पोस्ट पर 5 लाख व्यूज हो चुके। फैंस कहते हैं कि उनकी आवाज छठ को जीवंत बनाती है।
अक्षरा ने एक वीडियो में गेहूं धोते और सुखाते दिखीं। उन्होंने कहा कि पहली बार व्रत रखने पर मन में जय छठी मइया का जाप हो रहा। एक महिला ने उन्हें रस्में सिखाईं। फैंस ने ट्रोलिंग का भी जवाब दिया। कुछ ने सवाल उठाए कि अविवाहित कैसे व्रत रखें? अक्षरा ने कहा कि छठ विवाह पर निर्भर नहीं, यह सभी के लिए है।
यह पर्व स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक है। सूर्य की किरणें विटामिन डी देती हैं। व्रत से शुद्धि होती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि यह मानसिक शांति लाता है। बिहार में छठ अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता। छोटे व्यापारी कमाई करते।
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