Viral News: ट्रेन के गेट से गिरी नव विवाहिता, बचाने को कूदा पति लेकिन.. शादी के कुछ समय बाद ही परिवार हो गया बर्बाद।
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के रातौर रोड रेलवे ट्रैक के पास 28 मई 2025 की रात एक हृदयविदारक घटना सामने आई। एक नवविवाहिता...

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के रातौर रोड रेलवे ट्रैक के पास 28 मई 2025 की रात एक हृदयविदारक घटना सामने आई। एक नवविवाहिता, जो अपने पति के साथ उज्जैनी एक्सप्रेस ट्रेन में इंदौर की यात्रा कर रही थी, अचानक चलती ट्रेन से गिर गई। यह हादसा उस समय हुआ जब वह उल्टी करने के लिए ट्रेन के कोच के गेट पर गई थी। जैसे ही इस घटना की जानकारी उसके पति को मिली, उन्होंने तुरंत ट्रेन की चेन खींचकर उसे रोका और अपनी पत्नी को बचाने के लिए ट्रेन से कूद पड़े। करीब डेढ़ किलोमीटर पीछे जाकर उन्होंने अपनी पत्नी को घायल अवस्था में पाया और उसे गोद में उठाकर अस्पताल ले गए। हालांकि, उनके सारे प्रयासों के बावजूद, डॉक्टरों ने उनकी पत्नी को मृत घोषित कर दिया। इस दुखद घटना ने न केवल परिवार को झकझोर दिया, बल्कि स्थानीय समुदाय में भी शोक की लहर दौड़ गई। पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
यह दुखद हादसा शिवपुरी रेलवे स्टेशन से कुछ किलोमीटर दूर रातौर रोड रेलवे ट्रैक के पास हुआ। ग्वालियर के निवासी और वकील विकास जोशी अपनी पत्नी शिवानी शर्मा के साथ उज्जैनी एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 14310) में इंदौर की यात्रा कर रहे थे। शिवानी, जो 21 वर्ष की थीं और एलएलबी की छात्रा थीं, हाल ही में अपनी परीक्षा देने के लिए अपने पति के साथ उत्तर प्रदेश के उरई गई थीं। 27 मई को वे ग्वालियर लौटे और उसी दिन शाम को इंदौर के लिए रवाना हुए। रात करीब 9 बजे, जब ट्रेन शिवपुरी रेलवे स्टेशन को पार कर चुकी थी, शिवानी को अचानक उल्टी और सांस लेने में तकलीफ होने लगी। वह अपनी सीट (एस-4 कोच, अपर बर्थ नंबर 16) से उठकर कोच के गेट पर गईं, ताकि उल्टी कर सकें। विकास ने उन्हें पानी लाने के लिए अपनी सीट की ओर कदम बढ़ाया। जब वह वापस गेट पर लौटे, तो शिवानी वहां नहीं थीं। पास खड़े एक सहयात्री ने बताया कि उल्टी करते समय उनका पैर फिसल गया और वह ट्रेन से नीचे गिर गईं। यह सुनते ही विकास ने तुरंत ट्रेन की चेन खींची, जिससे ट्रेन धीमी होकर रुक गई।
ट्रेन के रुकते ही विकास ने बिना समय गंवाए नीचे छलांग लगा दी। उस समय रात का अंधेरा था, और ट्रेन करीब एक से डेढ़ किलोमीटर आगे निकल चुकी थी। विकास ने अपनी पत्नी को ढूंढने के लिए मोबाइल की टॉर्च की रोशनी का सहारा लिया। कठिन परिस्थितियों के बावजूद, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और रातौर क्रॉसिंग के पास अपनी पत्नी को सड़क किनारे घायल अवस्था में पाया। शिवानी की हालत गंभीर थी, और वह मरणासन्न थीं। विकास ने अपनी पत्नी को गोद में उठाया और करीब आधा किलोमीटर तक पैदल चलकर सड़क तक पहुंचे। इस दौरान उन्होंने रेलवे पुलिस (जीआरपी) को मदद के लिए संपर्क किया, लेकिन उनकी शिकायत के अनुसार, जीआरपी ने तत्काल सहायता प्रदान करने के बजाय औपचारिकताओं और कागजी कार्रवाई की बात की। विकास ने बताया कि जीआरपी कर्मियों ने उनसे कहा कि वे "भागकर जा रहे हैं" और कागजों पर हस्ताक्षर करने के बाद ही आगे बढ़ सकते हैं। इस स्थिति में, जब उनकी पत्नी को तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता थी, विकास को अकेले ही संघर्ष करना पड़ा। आखिरकार, सड़क पर एक कार चालक ने उनकी मदद की और उन्हें शिवपुरी के जिला अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने शिवानी की जांच की, लेकिन उनकी हालत इतनी गंभीर थी कि उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस हादसे ने विकास को गहरा आघात पहुंचाया, जिन्होंने अपनी पत्नी को बचाने के लिए हर संभव कोशिश की थी।
विकास जोशी और शिवानी शर्मा की शादी 16 अप्रैल 2025 को हुई थी। दोनों की शादी को महज डेढ़ महीने ही हुए थे, और वे अपने नए जीवन की शुरुआत के लिए उत्साहित थे। शिवानी, जो उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के उरई की रहने वाली थीं, एक मेधावी छात्रा थीं और एलएलबी की पढ़ाई कर रही थीं। विकास, जो इंदौर में वकालत करते हैं, अपनी पत्नी के साथ ग्वालियर में अपने दादा-दादी से मिलने गए थे। 27 मई को वे ग्वालियर से इंदौर लौट रहे थे, जब यह हादसा हुआ। शिवानी की पढ़ाई और उनके करियर के प्रति समर्पण को देखते हुए, विकास ने उनकी हर संभव मदद की थी। उरई में उनकी परीक्षा के लिए साथ जाना और फिर ग्वालियर से इंदौर की यात्रा इस बात का प्रमाण है कि वे एक-दूसरे के प्रति कितने समर्पित थे। इस हादसे ने न केवल उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया, बल्कि एक नवविवाहित जोड़े के सुखमय भविष्य को भी छीन लिया।
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घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और जीआरपी मौके पर पहुंची। पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया और मामले की जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि हादसा शिवानी के पैर फिसलने के कारण हुआ, जब वह ट्रेन के गेट पर उल्टी कर रही थीं। पुलिस ने शिवानी के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया, और इसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। विकास ने जीआरपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि संकट की उस घड़ी में, जब उनकी पत्नी की जान बचाने के लिए हर सेकंड कीमती था, जीआरपी ने उनकी मदद करने के बजाय नियम-कानून की बातें कीं। इससे उनकी पत्नी को समय पर चिकित्सा सहायता नहीं मिल सकी। पुलिस ने इन आरोपों पर अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन इस मामले की जांच में जीआरपी की भूमिका भी शामिल होगी। यह हादसा ट्रेनों में यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े करता है। भारतीय रेलवे में हर साल लाखों यात्री सफर करते हैं, लेकिन कोच के गेट पर सुरक्षा उपायों की कमी अक्सर ऐसी दुर्घटनाओं का कारण बनती है। विशेष रूप से, रात के समय और भीड़भाड़ वाली ट्रेनों में यात्रियों को गेट के पास खड़े होने की मजबूरी होती है, जिससे हादसों का खतरा बढ़ जाता है।
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