Bihar Elections: रवि किशन का बिना नाम लिए खेसारी लाल पर तीखा प्रहार, कहा- भोजपुरी को बेचकर बदनाम करने वाले आज जवाब दें।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच भोजपुरी सिनेमा के सितारों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। भाजपा सांसद और अभिनेता रवि किशन ने राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच भोजपुरी सिनेमा के सितारों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। भाजपा सांसद और अभिनेता रवि किशन ने राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार खेसारी लाल यादव पर बिना नाम लिए निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने भोजपुरी भाषा और संस्कृति को बेच दिया और बदनाम किया, उन्हें आज जवाब देना होगा। यह बयान छपरा में एक चुनावी सभा के दौरान आया, जहां रवि किशन भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार कर रहे थे। खेसारी लाल, जो छपरा से राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, ने पहले रवि किशन और मनोज तिवारी जैसे भाजपा कलाकारों पर सवाल उठाए थे। इस विवाद ने भोजपुरी सिनेमा की छवि और राजनीति के चौराहे पर बहस छेड़ दी है।
घटना 24 अक्टूबर 2025 की है। बिहार में पहले चरण का मतदान हो चुका है और दूसरे चरण की तैयारी चल रही है। छपरा विधानसभा क्षेत्र सरण जिले का एक महत्वपूर्ण सीट है, जहां यादव समुदाय का प्रभाव है। खेसारी लाल यादव, जो भोजपुरी फिल्मों और गीतों के सुपरस्टार हैं, ने 16 अक्टूबर को राष्ट्रीय जनता दल में शामिल होकर छपरा से टिकट लिया। उनकी पत्नी चंदा देवी को टिकट मिलना था, लेकिन वोटर लिस्ट में नाम न होने पर खेसारी खुद मैदान में उतरे। उन्होंने कहा कि यह नामांकन छपरा के विकास के लिए है। बेहतर स्कूल, अस्पताल और जल निकासी जैसी समस्याओं का समाधान उनका लक्ष्य है। खेसारी की सभा में हजारों की भीड़ उमड़ती है, जो उनके लोकप्रियता को दर्शाती है।
रवि किशन, जो गोरखपुर से भाजपा सांसद हैं, बिहार चुनाव में स्टार प्रचारक के रूप में सक्रिय हैं। भाजपा ने अपनी 40 स्टार प्रचारकों की सूची में रवि किशन, मनोज तिवारी, पवन सिंह और दिनेश लाल यादव निरहुआ को शामिल किया है। रवि किशन 23 अक्टूबर को पटना पहुंचे और छपरा में सभा को संबोधित किया। वहां उन्होंने कहा, हम थोड़ा सदन में क्या चले गए, इन लोगों ने तो भोजपुरी को ही बेच दिया। उन्होंने खेसारी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग भोजपुरी को बदनाम करने का काम करते रहे, वे जंगल राज वाली पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। रवि किशन ने आगे कहा कि राम मंदिर और जानकी मंदिर का विरोध करने वाली पार्टी को बिहार की जनता माफ नहीं करेगी। उनका बेल कटेगा। यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और दोनों पक्षों के समर्थकों में बहस छिड़ गई।
खेसारी लाल ने इससे पहले उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के नचनिया वाले तंज का जवाब दिया था। उन्होंने कहा कि चौधरी जी की टीम में चार नचनिया हैं। पहले अपनी पार्टी को सुधारें। खेसारी ने रवि किशन और मनोज तिवारी पर भी सवाल उठाए कि वे भोजपुरी को कैसे संरक्षित करने का दावा करते हैं। खेसारी के समर्थक कहते हैं कि रवि किशन खुद भोजपुरी फिल्मों में अश्लील गाने गाते रहे हैं। जैसे तोहर लहंगा उठा देहब रिमोट से। इसी तरह मनोज तिवारी का बेबी बीयर पिए के नाचे और पवन सिंह का रात दिया बुझा के पिया क्या क्या किया। खेसारी के गाने जैसे गरम गोदाम भी विवादों में रहे, लेकिन उनके समर्थक इन्हें भोजपुरी की लोकप्रियता का प्रतीक मानते हैं।
भोजपुरी सिनेमा की दुनिया में यह पहली बार नहीं है जब कलाकारों के बीच राजनीतिक टकराव हुआ। बिहार और पूर्वांचल में भोजपुरी का बोलबाला है। यह भाषा उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश के कुछ भागों में बोली जाती है। करीब 5 करोड़ लोग इसे अपनी मातृभाषा मानते हैं। भोजपुरी फिल्म उद्योग 1990 के दशक से फल-फूल रहा है। रवि किशन ने 200 से अधिक भोजपुरी फिल्में की हैं। वे स्पाइडर मैन 3 को भोजपुरी में डब करने वाले पहले कलाकार हैं। खेसारी लाल ने 50 से ज्यादा फिल्में कीं और उनके गाने यूट्यूब पर करोड़ों व्यूज पाते हैं। लेकिन सिनेमा में अश्लीलता का आरोप दोनों पर लगता रहा है। 2023 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का वादा किया था, लेकिन अभी तक अमल नहीं हुआ।
बिहार चुनाव में भोजपुरी सितारे पहली बार इतने सक्रिय हैं। राष्ट्रीय जनता दल ने खेसारी को छपरा से उतारा, जबकि भाजपा ने मैथिली ठाकुर को दरभंगा के अलीनगर से। ठाकुर मैथिली लोक गायिका हैं। विपक्षी गठबंधन में खेसारी की एंट्री ने यादव वोटों को एकजुट करने की कोशिश की है। छपरा में भाजपा प्रत्याशी राजीव प्रताप रूड़ी हैं, जो पिछले विधायक हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, छपरा में 3 लाख से अधिक वोटर हैं। खेसारी ने नामांकन के दौरान कहा कि वे कला से दूर होकर 15 दिन महीने छपरा को देंगे। उनकी संपत्ति 24 करोड़ से अधिक है, जो उनकी सफलता दर्शाती है।
रवि किशन का यह बयान भाजपा की रणनीति का हिस्सा लगता है। वे भोजपुरी को सांस्कृतिक धरोहर बताते हुए कहते हैं कि भाजपा ही इसे सम्मान देगी। उन्होंने कहा कि छोटा भाई अगर अधर्मी हो जाए तो वाण चलाना जरूरी है। यह इशारा खेसारी की ओर था, जिन्हें वे छोटा भाई मानते थे। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में रवि किशन कहते दिख रहे हैं कि भोजपुरी को बदनाम करने वालों को बिहार की जनता जवाब देगी। खेसारी के समर्थक इसे पाखंड बता रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि रवि किशन खुद रिमोट से लहंगा उठाने वाले गाने गाते थे, अब ज्ञान बांट रहे हैं।
यह विवाद भोजपुरी सिनेमा की चुनौतियों को उजागर करता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि उद्योग में अश्लीलता की वजह से भाषा की छवि खराब हुई। लेकिन यह जनता की मांग भी है। भोजपुरी फिल्में कम बजट में बनती हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में हिट होती हैं। रवि किशन ने संसद में भोजपुरी को मान्यता देने के लिए आवाज उठाई है। 2025 में उन्हें संसद रत्न अवार्ड मिला। खेसारी ने कहा कि वे राजनीति में आकर कला को कम समय देंगे, लेकिन समर्थकों से वादा किया कि छपरा बदलेंगे।
बिहार चुनाव में स्टार पावर का असर दिख रहा है। 2020 के चुनाव में मनोज तिवारी ने दिल्ली में भाजपा को फायदा पहुंचाया। यहां खेसारी की लोकप्रियता राष्ट्रीय जनता दल के लिए वोट जुटा सकती है। भाजपा के स्टार प्रचारक बिहार के 243 सीटों पर घूम रहे हैं। नीतीश कुमार सरकार पर विकास के मुद्दे हावी हैं, लेकिन सांस्कृतिक बहस ने रंग बदल दिया। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में सांस्कृतिक अपराधों पर बहस बढ़ रही है।
पर्यावरण विशेषज्ञ नहीं, राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि यह जंग वोटरों को लामबंद करेगी। खेसारी के गाने जैसे लॉलीपॉप लगेलु विवादास्पद रहे, लेकिन उनकी फैन फॉलोइंग मजबूत है। रवि किशन की फिल्में जैसे सैयां हमार ने उन्हें स्टार बनाया। दोनों के बीच यह टकराव चुनाव को रोचक बना रहा है। बिहार की जनता देख रही है कि भोजपुरी का भविष्य किसके हाथ में सुरक्षित रहेगा।
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