वसई किले में शिवाजी महाराज के वेश में युवक को रोका गया, भाषा विवाद से भड़का हंगामा; एएसआई ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। 

महाराष्ट्र के पालघर जिले में मुंबई के बाहरी इलाके स्थित ऐतिहासिक वसई किले में मंगलवार को एक युवक को छत्रपति शिवाजी महाराज का पारंपरिक वेश धारण करने पर प्रवेश से

Oct 23, 2025 - 12:54
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वसई किले में शिवाजी महाराज के वेश में युवक को रोका गया, भाषा विवाद से भड़का हंगामा; एएसआई ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। 
वसई किले में शिवाजी महाराज के वेश में युवक को रोका गया, भाषा विवाद से भड़का हंगामा; एएसआई ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। 

महाराष्ट्र के पालघर जिले में मुंबई के बाहरी इलाके स्थित ऐतिहासिक वसई किले में मंगलवार को एक युवक को छत्रपति शिवाजी महाराज का पारंपरिक वेश धारण करने पर प्रवेश से रोक दिया गया। युवक किले में पहुंचकर महाराज को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से वीडियो शूट करना चाहता था, लेकिन सुरक्षा गार्डों ने उसे अंदर जाने से मना कर दिया। बहस के दौरान भाषा का मुद्दा गरम हो गया, जब युवक ने गार्डों से मराठी में बात करने की मांग की। गार्डों ने हिंदी में जवाब दिया, तो युवक ने कहा कि यहां काम करने वाले को मराठी सीखनी चाहिए। पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मामले की जांच शुरू कर दी है। एएसआई के वसई किले प्रभारी कैलास शिंदे ने कहा कि वीडियो की जानकारी मिली है और उचित कार्रवाई की जाएगी। यह घटना महाराष्ट्र में भाषा और सांस्कृतिक सम्मान को लेकर फिर से बहस छेड़ रही है।

घटना मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे की बताई जा रही है। वसई किला पुर्तगाली काल का एक प्रमुख स्मारक है, जो समुद्र तट पर स्थित है और पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। युवक, जिसका नाम अभी स्पष्ट नहीं हुआ है, ने इंस्टाग्राम रील के लिए यह शूट प्लान किया था। वह शिवाजी महाराज की तरह सफेद कुर्ता, पगड़ी, तलवार और पारंपरिक आभूषण पहने हुए किले के मुख्य द्वार पर पहुंचा। गार्डों ने उसे देखते ही रोका और कहा कि किले के अंदर वेशभूषा बदलकर या शूटिंग के लिए विशेष अनुमति जरूरी है। युवक ने तर्क दिया कि वह सिर्फ श्रद्धांजलि देना चाहता है, न कि कोई व्यावसायिक शूट। लेकिन गार्डों ने नियमों का हवाला दिया कि ऐतिहासिक स्थलों पर ऐसी ड्रेस में प्रवेश प्रतिबंधित है, ताकि स्मारक की गरिमा बनी रहे। बहस बढ़ी तो युवक ने मोबाइल निकाला और वीडियो बनाना शुरू कर दिया।

वीडियो में युवक और गार्डों के बीच तीखी नोकझोंक साफ दिख रही है। युवक मराठी में बोल रहा है और गार्ड हिंदी में जवाब दे रहा है। एक जगह युवक कहता है, मैं आपको हिंदी में सम्मान दे रहा हूं, आप मुझे मराठी में सम्मान दो। यहां कितने साल से काम कर रहे हो, फिर भी मराठी क्यों नहीं सीखी। गार्ड जवाब देता है कि वह हिंदी जानता है और नियम सबके लिए बराबर हैं। युवक ने आरोप लगाया कि किले के अंदर प्री-वेडिंग शूट, डांस वीडियो और अन्य व्यावसायिक फोटोशूट की अनुमति दी जाती है, लेकिन जब शिवाजी महाराज का वेश पहन लिया तो रोक दिया। उसने इसे महाराज की विरासत का अपमान बताया। वीडियो के अंत में युवक गार्ड को धमकाता नजर आता है कि यह वीडियो वायरल कर दूंगा। गार्ड शांत रहता है, लेकिन चेहरे पर तनाव साफ झलक रहा है। युवक ने वीडियो इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया, जिसमें कैप्शन था, दिवाली के दिन वसई किले में शिवाजी महाराज का फोटोशूट कर रहे थे, तो एक आदमी आया और चिल्लाया कि शिवाजी के वेश में फोटो नहीं ले सकते। ऊपर से बोला कि मराठी नहीं आती।

वायरल वीडियो को अब तक लाखों लोग देख चुके हैं। सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं बंटी हुई हैं। कुछ यूजर्स ने युवक का समर्थन किया। एक यूजर ने लिखा कि शिवाजी महाराज महाराष्ट्र के गौरव हैं, उनका सम्मान होना चाहिए। गार्ड को मराठी सीखनी चाहिए। एक अन्य ने कहा कि प्री-वेडिंग शूट क्यों अनुमति मिलती है, लेकिन सांस्कृतिक श्रद्धांजलि पर रोक। वहीं, कई यूजर्स ने युवक की आलोचना की। एक टिप्पणी में लिखा गया कि गरीब और कम पढ़े-लिखे गार्ड को तंग करना ठीक नहीं। शिवाजी महाराज का सम्मान खुद करना चाहिए था, न कि झगड़ा। एक यूजर ने कहा कि भाषा का विवाद महाराष्ट्र को कमजोर करता है, सबको एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। वीडियो ने भाषा विवाद को फिर हवा दी, जो महाराष्ट्र में अक्सर राजनीतिक मुद्दा बन जाता है। एमएनएस जैसे संगठनों ने भी नोटिस लिया है।

एएसआई ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। प्रभारी अधिकारी कैलास शिंदे ने पीटीआई को बताया कि मामला उनके संज्ञान में है। वसई किले के नियमों के अनुसार, व्यावसायिक शूटिंग के लिए पूर्व अनुमति जरूरी है। लेकिन सांस्कृतिक गतिविधियों पर छूट दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि वीडियो की जांच होगी और अगर गार्ड ने गलती की तो कार्रवाई होगी। एएसआई ने पर्यटकों से अपील की है कि स्मारकों का सम्मान करें और नियमों का पालन करें। वसई किला 16वीं शताब्दी में पुर्तगालियों द्वारा बनाया गया था और शिवाजी महाराज ने 1739 में इसे जीता था। यह मराठा इतिहास का महत्वपूर्ण स्थल है। किले में सालाना हजारों पर्यटक आते हैं, लेकिन शूटिंग के कारण क्षति की शिकायतें रहती हैं। एएसआई ने हाल ही में किले की मरम्मत कराई है।

यह घटना महाराष्ट्र की भाषा राजनीति को दर्शाती है। राज्य में मराठी का सम्मान एक बड़ा मुद्दा है। हाल ही में मुंबई में उत्तर भारतीयों के खिलाफ भाषा विवाद हुआ था। विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसे झगड़े सांस्कृतिक एकता को नुकसान पहुंचाते हैं। युवक ने बाद में एक पोस्ट में कहा कि उसका मकसद सिर्फ जागरूकता फैलाना था। गार्ड ने कोई गलती नहीं की, लेकिन नियमों में बदलाव की जरूरत है। स्थानीय लोग बताते हैं कि वसई किले में अक्सर शूटिंग होती है। एक पर्यटक ने कहा कि प्री-वेडिंग के लिए पैसे लेकर अनुमति मिल जाती है, लेकिन साधारण श्रद्धांजलि पर क्यों रोक। किले के आसपास के दुकानदारों का व्यवसाय प्रभावित हुआ, क्योंकि वीडियो के बाद पर्यटक कम हो गए।

घटना के बाद पुलिस ने भी हस्तक्षेप किया। पालघर एसपी ने कहा कि कोई शिकायत नहीं मिली, लेकिन निगरानी रखी जाएगी। शिवाजी महाराज फाउंडेशन जैसे संगठनों ने एएसआई से नियमों की समीक्षा की मांग की। उन्होंने कहा कि महाराज के वेश में श्रद्धा व्यक्त करना अपराध नहीं। महाराष्ट्र सरकार ने भी मामला संज्ञान में लिया है। सांस्कृतिक मंत्री ने ट्वीट किया कि ऐतिहासिक स्थलों पर सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। वसई किला यूनेस्को की अस्थायी सूची में है, इसलिए इसकी सुरक्षा महत्वपूर्ण है। पर्यावरणविदों का कहना है कि शूटिंग से कचरा बढ़ता है, जिससे स्मारक खराब होता है।

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