दिवाली के बाद डिटॉक्स: भारीपन और थकान से निजात पाने के लिए अपनाएं ये सरल उपाय।
दिवाली का त्योहार रोशनी, खुशियों और स्वादिष्ट व्यंजनों से भरा होता है। मिठाइयां, तले हुए नमकीन, देर रात की पार्टियां और अनियमित दिनचर्या से त्योहार का मजा तो दोगुना हो जाता
दिवाली का त्योहार रोशनी, खुशियों और स्वादिष्ट व्यंजनों से भरा होता है। मिठाइयां, तले हुए नमकीन, देर रात की पार्टियां और अनियमित दिनचर्या से त्योहार का मजा तो दोगुना हो जाता है, लेकिन उसके बाद शरीर में भारीपन, थकान, पेट फूलना और सुस्ती जैसी परेशानियां आम हो जाती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, दिवाली के दौरान चीनी, तेल और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन लीवर, पाचन तंत्र और मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है। लेकिन चिंता न करें, कुछ सरल डिटॉक्स टिप्स अपनाकर आप जल्द ही फ्रेश और ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं। ये उपाय न केवल शरीर को साफ करते हैं, बल्कि ऊर्जा स्तर भी बढ़ाते हैं। आइए जानते हैं कैसे शुरू करें यह सफर।
सबसे पहले हाइड्रेशन पर ध्यान दें। त्योहार के दौरान डिहाइड्रेशन आम समस्या है, क्योंकि मिठाइयों और तले भोजन से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि रोजाना कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पीना जरूरी है। सादा पानी ही काफी नहीं, इसमें नींबू, पुदीना या खीरा मिलाकर पिएं। नींबू का पानी शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालता है और पाचन को सुधारता है। एक अध्ययन के अनुसार, नींबू विटामिन सी से भरपूर होता है, जो लीवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। सुबह खाली पेट गुनगुना नींबू पानी पीने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है और ब्लोटिंग कम होती है। इसी तरह, नारियल पानी इलेक्ट्रोलाइट्स प्रदान करता है, जो थकान दूर करता है। एक गिलास नारियल पानी में चिया सीड्स डालकर पिएं, यह फाइबर से भरपूर होता है और पेट साफ रखता है। हर्बल टी जैसे अदरक, हल्दी या ग्रीन टी भी फायदेमंद हैं। अदरक वाली चाय पाचन एंजाइम्स बढ़ाती है, जबकि हल्दी दूध लीवर को साफ करता है।
अब बात डाइट की। दिवाली के बाद भारी भोजन छोड़कर हल्के और पौष्टिक भोजन अपनाएं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि पहले दो-तीन दिन फल-सब्जियों पर फोकस करें। हरी सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकोली, खीरा और टमाटर एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती हैं, जो लीवर हेल्थ सुधारती हैं। एक सलाद में पालक, गाजर और सेब मिलाकर खाएं। सेब में पेक्टिन होता है, जो आंतों से टॉक्सिन्स बांधकर बाहर निकालता है। फाइबर युक्त भोजन जैसे ओट्स, चिया सीड्स, अलसी के बीज और साबुत अनाज पाचन को मजबूत करते हैं। ओट्स ब्रेकफास्ट में दूध या दही के साथ लें, यह कब्ज रोकता है और ब्लड शुगर कंट्रोल करता है। प्रोबायोटिक्स के लिए दही या छाछ जरूर लें। दही अच्छे बैक्टीरिया प्रदान करता है, जो गट हेल्थ सुधारता है। एक अध्ययन बताता है कि प्रोबायोटिक्स से पाचन संबंधी समस्याएं 30 प्रतिशत कम हो जाती हैं। मीठे की जगह फल जैसे सेब, केला या जामुन चुनें। जामुन लीवर को डिटॉक्स करता है। चुकंदर और गाजर का जूस पिएं, चुकंदर नाइट्रेट्स से ब्लड फ्लो बढ़ाता है। हल्दी को दूध या सूप में मिलाएं, इसका कर्क्यूमिन सूजन कम करता है।
व्यायाम को नजरअंदाज न करें। त्योहार के बाद सुस्ती से बचने के लिए रोज 30 मिनट की वॉक या योगा करें। वॉकिंग सर्कुलेशन बढ़ाती है और टॉक्सिन्स बाहर निकालती है। सूर्य नमस्कार या प्राणायाम जैसे भस्त्रिका सांस लेने से ऑक्सीजन सप्लाई बेहतर होती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि व्यायाम से एंडॉर्फिन्स रिलीज होते हैं, जो थकान दूर करते हैं। अगर जिम जाते हैं, तो हल्के कार्डियो से शुरू करें। नींद भी महत्वपूर्ण है। दिवाली की रातों की वजह से स्लीप साइकिल बिगड़ जाती है। रोज 7-8 घंटे सोएं। रात को स्क्रीन टाइम कम करें और चाय-कॉफी से परहेज करें। आयुर्वेद के अनुसार, त्रिफला चूर्ण रात को गुनगुने पानी के साथ लें। यह आंतों को साफ करता है और कब्ज दूर करता है। त्रिफला हरड़, बहेड़ा और आंवला से बना होता है, जो विटामिन सी प्रदान करता है।
डिटॉक्स के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखें। प्रोसेस्ड फूड, चीनी और तेल युक्त भोजन पूरी तरह बंद करें। ये लीवर पर बोझ डालते हैं। इसके बजाय होममेड सूप या खिचड़ी खाएं। मूंग दाल की खिचड़ी हल्की और पौष्टिक होती है। हरी सब्जियां जैसे लौकी या तोरई उबालकर खाएं। ये पानी और मिनरल्स से भरपूर होती हैं। अगर ब्लोटिंग ज्यादा है, तो जीरा पानी पिएं। जीरा पाचन सुधारता है। एक अध्ययन के मुताबिक, जीरा मेटाबॉलिज्म 3 प्रतिशत बढ़ाता है। तनाव से बचें, क्योंकि स्ट्रेस टॉक्सिन्स बढ़ाता है। मेडिटेशन या गहरी सांस लें। डिटॉक्स 5-7 दिनों का होना चाहिए, लेकिन इसे लाइफस्टाइल बनाएं।
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