महाराष्ट्र में 96 लाख फर्जी वोटरों का आरोप- राज ठाकरे ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना, क्लेअर्ड मतदाता सूची और चुनाव स्थगित करने की मांग रखी।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे ने 19 अक्टूबर 2025 को मुंबई में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे ने 19 अक्टूबर 2025 को मुंबई में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि राज्य की मतदाता सूची में 96 लाख फर्जी वोटर जोड़े गए हैं, जो आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को प्रभावित करने की साजिश है। ठाकरे ने कहा कि यह जानकारी विश्वसनीय स्रोतों से मिली है और सभी समूह अध्यक्ष, शाखा अध्यक्ष तथा चुनाव सूची प्रमुखों को घर-घर जाकर मतदाताओं की गिनती करनी चाहिए। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि मतदाता सूची को पूरी तरह साफ किए बिना कोई भी चुनाव न कराया जाए। यह बयान मुंबई के गोरेगांव स्थित नेस्को सेंटर में एमएनएस के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान आया, जहां ठाकरे ने इसे लोकतंत्र का अपमान बताया। विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन चुनाव आयोग ने इन आरोपों को राजनीतिक प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया है। यह विवाद महाराष्ट्र की राजनीति को और गरमा रहा है, जहां 2024 विधानसभा चुनावों के बाद स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारी चल रही है।
राज ठाकरे का यह हमला राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) और केंद्रीय चुनाव आयोग (ईसीआई) पर केंद्रित रहा। उन्होंने कहा कि मुंबई में अकेले 8 से 10 लाख फर्जी वोटर जोड़े गए हैं, जबकि ठाणे, पुणे और नासिक में भी 8 से 8.5 लाख की संख्या है। ठाकरे ने दावा किया कि यह साजिश क्षेत्रीय दलों को खत्म करने की है, जो 2024 विधानसभा चुनावों से पहले भी की गई थी। उस समय महायुति गठबंधन ने 232 विधायकों की जीत हासिल की थी, जिस पर ठाकरे ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ऐसी सूची पर चुनाव होने से वोट डालने का कोई मतलब नहीं रह जाता, क्योंकि परिणाम पहले से तय हो जाते हैं। ठाकरे ने पुरानी वीडियो दिखाई, जिसमें गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव आयोग पर ही रिगिंग का आरोप लगा रहे थे। उन्होंने पूछा कि जब विपक्ष चुनाव आयोग पर सवाल उठाता है, तो सत्ताधारी दल क्यों बुरा मानते हैं। ठाकरे ने कहा कि सत्ताधारी दलों को यह बात चुभती है, क्योंकि वे जानते हैं कि सच्चाई क्या है।
यह आरोप महाराष्ट्र में पहले से चल रहे विवादों का हिस्सा है। विपक्षी दल जैसे शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और एमएनएस ने 14 और 15 अक्टूबर को राज्य चुनाव आयुक्त और मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की थी। उन्होंने मतदाता सूची में डुप्लिकेट नाम, गलत पते और असंभव संख्या के वोटरों की शिकायत की। उदाहरण के लिए, नलासोपारा में एक वोटर का नाम छह बार दर्ज मिला था। विपक्ष ने मांग की कि ग्रामीण और शहरी निकाय चुनावों से पहले सूची में सुधार हो। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, बीएमसी सहित 28 अन्य महानगरपालिकाओं और अन्य स्थानीय निकायों के चुनाव 31 जनवरी 2026 तक पूरे होने चाहिए। आखिरी बीएमसी चुनाव 2017 में हुए थे, जिसका कार्यकाल 2022 में समाप्त हो चुका था। ठाकरे ने कहा कि सत्ताधारी दल चुनाव 'फिक्स' करने की कोशिश कर रहे हैं, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है।
राज ठाकरे ने एमएनएस कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए कि वे हर घर जाकर मतदाता सूची की जांच करें। उन्होंने कहा कि सभी समूह अध्यक्षों, शाखा अध्यक्षों और चुनाव सूची प्रमुखों को यह जिम्मेदारी सौंपी जाए। ठाकरे ने चेतावनी दी कि अगर सूची साफ न हुई, तो चुनाव स्थगित करने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह केवल एमएनएस का मुद्दा नहीं, बल्कि पूरे महाराष्ट्र के वोटरों का है। ठाकरे ने सत्ताधारी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे क्षेत्रीय दलों को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के आरोप भी लगाए, जैसे सी लिंक और अटल सेतु जैसे प्रोजेक्ट आम लोगों के हित में नहीं हैं। ठाकरे ने कहा कि नवीन मुंबई एयरपोर्ट और पोर्ट के आसपास की जमीन एक खास समूह को दी जा रही है। यह बयान महायुति गठबंधन पर अप्रत्यक्ष हमला था।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया तीखी रही। राज्य चुनाव आयोग ने 18 अक्टूबर को बयान जारी कर कहा कि कोई भी राजनीतिक दल मतदाता सूची से छेड़छाड़ नहीं कर सकता। सुधार और अपडेट सुरक्षित तरीके से हो रहे हैं। आयोग ने कहा कि आरोप राजनीतिक प्रेरित हैं और तथ्यों पर आधारित नहीं। ईसीआई ने भी 2024 चुनावों में अनियमितताओं के दावों को खारिज किया था। बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी इन्हें आधारहीन बताया। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी 'वोट चोरी' का आरोप लगाया था, लेकिन आयोग ने इसे खारिज कर दिया। ठाकरे ने कहा कि विपक्ष के सवालों से सत्ताधारी दल घबरा जाते हैं, क्योंकि सच्चाई उनके खिलाफ है।
महाराष्ट्र में मतदाता सूची विवाद पुराना है। 2024 विधानसभा चुनावों से पहले भी डुप्लिकेट वोटरों की शिकायतें आईं थीं। आयोग ने कुछ सुधार किए, लेकिन विपक्ष संतुष्ट नहीं। ठाकरे ने कहा कि ग्रामीण इलाकों और शहरों में हर जगह यह समस्या है। मुंबई जैसे बड़े शहर में 8-10 लाख फर्जी नाम जोड़ने से चुनाव परिणाम बदल सकते हैं। एमएनएस ने बूथ स्तर पर जांच अभियान शुरू करने का फैसला किया है। ठाकरे ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे जनता को जागरूक करें और सूची की कॉपी लेकर तुलना करें। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव ऐसे ही हुए, तो यह वोटरों का अपमान होगा।
राज ठाकरे का राजनीतिक सफर हमेशा विवादास्पद रहा है। बाल ठाकरे के बेटे के रूप में वे शिवसेना से अलग होकर 2006 में एमएनएस बना चुके हैं। पार्टी क्षेत्रीय मुद्दों पर जोर देती है, लेकिन चुनावों में कम सफलता मिली है। 2024 विधानसभा चुनावों में एमएनएस को एक भी सीट नहीं मिली। ठाकरे ने कहा कि अगर वोटिंग अंकगणित ही गड़बड़ है, तो एमएलए या सांसद कैसे बनेंगे। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसा कि वे उनकी हार का मजाक उड़ाते हैं, लेकिन समस्या की जड़ मतदाता सूची में है। ठाकरे ने कहा कि लोकतंत्र में स्वच्छ चुनाव जरूरी है, वरना जनता का विश्वास टूटेगा।
यह बयान महाराष्ट्र की राजनीति में नया दौर ला सकता है। विपक्षी दल एकजुट होकर आयोग पर दबाव बना सकते हैं। 1 नवंबर को विपक्ष ने 'फर्जी वोटर हटाओ' का विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। ठाकरे ने कहा कि सभी पार्टियां मिलकर इस मुद्दे को उठाएं। आयोग ने कहा कि मतदाता सूची में 9.66 करोड़ नाम हैं, जिनका रखरखाव चुनौतीपूर्ण है, लेकिन त्रुटियां न्यूनतम हैं। विपक्ष का दावा है कि 14 लाख डुप्लिकेट और 1.3 करोड़ गलत पते हैं। ठाकरे ने कहा कि यह सांख्यिकीय त्रुटि नहीं, बल्कि सुनियोजित साजिश है।
एमएनएस कार्यकर्ताओं ने ठाकरे के भाषण पर तालियां बजाईं। उन्होंने कहा कि राज साहब सच्चाई बोलते हैं। बैठक में ठाकरे ने दिवाली की शुभकामनाएं दीं और कहा कि स्वच्छ चुनाव ही सच्ची रोशनी है। यह मुद्दा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जहां हजारों यूजर्स ने समर्थन किया। विपक्षी नेता उद्धव ठाकरे ने भी समर्थन जताया। सत्ताधारी दल ने इसे हताशा का नतीजा बताया। आयोग ने कहा कि शिकायतें जांच ली जाएंगी।
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