लिवर हेल्थ: चुपके से लिवर को नुकसान पहुंचाते ये रोजमर्रा के फूड्स, फैटी लिवर का खतरा बढ़ाते हैं।
हमारा लिवर शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो भोजन को पचाने, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और ऊर्जा संग्रह करने का काम करता है। लेकिन आधुनिक जीवनशैली और गलत
हमारा लिवर शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो भोजन को पचाने, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और ऊर्जा संग्रह करने का काम करता है। लेकिन आधुनिक जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण फैटी लिवर जैसी बीमारी तेजी से बढ़ रही है। फैटी लिवर, जिसे अब मेटाबॉलिक डिसफंक्शन एसोसिएटेड स्टेटोटिक लिवर डिजीज (एमएएसएलडी) कहा जाता है, लिवर में अतिरिक्त चर्बी जमा होने से होती है। यह बीमारी शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखाती लेकिन समय के साथ सूजन, फाइब्रोसिस और सिरोसिस तक पहुंच सकती है। विश्वसनीय स्वास्थ्य संगठनों जैसे हार्वर्ड हेल्थ, अमेरिकन लिवर फाउंडेशन और हेल्थलाइन के अनुसार, कई ऐसी चीजें जो हम रोजाना खाते हैं, लिवर को चुपके से नुकसान पहुंचाती हैं। ये फूड्स चर्बी, चीनी और प्रोसेस्ड तत्वों से भरे होते हैं जो लिवर पर बोझ डालते हैं। यहां हम उन मुख्य फूड्स के बारे में विस्तार से बताएंगे जो लिवर को डैमेज कर सकते हैं, साथ ही उनके प्रभाव और बचाव के उपाय भी। ध्यान रखें, संतुलित आहार से इस बीमारी को रोका या उलटा जा सकता है।
सबसे पहले बात करते हैं अल्कोहल की। अल्कोहल लिवर का सबसे बड़ा दुश्मन है। यहां तक कि हल्का-फुल्का शराब का सेवन भी लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है। जब हम अल्कोहल पीते हैं तो लिवर को इसे तोड़ने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। इससे हानिकारक पदार्थ बनते हैं जो लिवर कोशिकाओं को सूजाते हैं और चर्बी जमा करते हैं। अमेरिकन लिवर फाउंडेशन के अनुसार, अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज के अलावा, नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर वाले लोगों में भी थोड़ी मात्रा में अल्कोहल लेना खतरनाक है। एक अध्ययन में पाया गया कि रोजाना एक गिलास शराब पीने से लिवर में सूजन का खतरा 20 प्रतिशत बढ़ जाता है। भारत में लाखों लोग बीयर या वाइन को हेल्दी मानकर पीते हैं, लेकिन यह गलत धारणा है। बचाव के लिए अल्कोहल से पूरी तरह परहेज करें। अगर आदत छुड़ाना मुश्किल हो तो डॉक्टर की सलाह लें।
अगली चीज है चीनी से भरे मीठे पदार्थ। सोडा, कैंडी, चॉकलेट, केक और आइसक्रीम जैसे फूड्स में रिफाइंड शुगर भरपूर होती है। वेबएमडी के अनुसार, लिवर का काम चीनी को ऊर्जा में बदलना है लेकिन ज्यादा चीनी से यह चर्बी में बदल जाती है जो लिवर में जमा हो जाती है। एक रिसर्च में देखा गया कि रोजाना 500 मिलीलीटर सोडा पीने से फैटी लिवर का खतरा दोगुना हो जाता है। हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट कहती है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स में छिपी चीनी लिवर को इंसुलिन रेसिस्टेंस की ओर धकेलती है। भारत में मिठाई और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन बहुत आम है। बच्चे से लेकर बूढ़े तक रोजाना ये लेते हैं। इससे न केवल वजन बढ़ता है बल्कि लिवर फेलियर का जोखिम भी। बचाव के लिए प्राकृतिक मिठाई जैसे फल चुनें। चाय-कॉफी में चीनी कम करें और शुगर-फ्री ड्रिंक्स से बचें।
फास्ट फूड और फ्राइड आइटम्स भी लिवर के लिए जहर हैं। बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, पिज्जा और समोसे जैसे खाद्य पदार्थ ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट से लबालब होते हैं। गुडआरएक्स के अनुसार, ये फैट्स लिवर में सूजन पैदा करते हैं और फैटी लिवर को बढ़ावा देते हैं। केक मेडिसिन ऑफ यूएससी के एक अध्ययन में पाया गया कि फास्ट फूड 20 प्रतिशत कैलोरी लेने वाले लोगों में लिवर डैमेज का खतरा सबसे ज्यादा होता है, खासकर मोटापे या डायबिटीज वाले मरीजों में। ये फूड्स पचाने में लिवर को ज्यादा तनाव देते हैं। भारत के शहरों में फास्ट फूड चेन हर कोने पर हैं और युवा इनका शौकिन हैं। एक सर्वे में देखा गया कि साप्ताहिक दो बार फास्ट फूड खाने से लिवर एंजाइम्स बढ़ जाते हैं। बचाव के लिए घर का बना खाना खाएं। तेल कम इस्तेमाल करें और बेकिंग को प्राथमिकता दें।
रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट का ज्यादा सेवन भी लिवर को कमजोर करता है। बीफ, पोर्क, सॉसेज, बेकन और सलामी जैसे आइटम्स में सैचुरेटेड फैट और सोडियम अधिक होता है। एवरीडे हेल्थ के अनुसार, ये लिवर में चर्बी जमा करते हैं और इन्फ्लेमेशन बढ़ाते हैं। एक मेटा-एनालिसिस में पाया गया कि रेड मीट खाने से फैटी लिवर का रिस्क 15 प्रतिशत ऊपर चढ़ जाता है। प्रोसेस्ड मीट में नाइट्रेट्स होते हैं जो कैंसर का खतरा भी बढ़ाते हैं। भारत में चिकन और मटन पसंद हैं लेकिन प्रोसेस्ड वर्जन से बचें। शाकाहारी विकल्प जैसे दालें और सोया चुनें। हेल्थलाइन सलाह देती है कि मीट को हफ्ते में दो बार से कम रखें।
सफेद ब्रेड, पास्ता और रिफाइंड कार्ब्स लिवर के लिए हानिकारक हैं। ये जल्दी पचते हैं और ब्लड शुगर स्पाइक करते हैं, जिससे लिवर पर बोझ पड़ता है। लिवर फाउंडेशन के अनुसार, रिफाइंड कार्ब्स फैट मेटाबॉलिज्म बिगाड़ते हैं। एक अध्ययन में देखा गया कि रोजाना सफेद ब्रेड खाने से लिवर फैट 10 प्रतिशत बढ़ जाता है। भारत में चावल और रोटी मुख्य हैं लेकिन रिफाइंड आटा इस्तेमाल न करें। होल ग्रेन जैसे ब्राउन राइस या ज्वार चुनें।
डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे बटर, चीज और फुल क्रीम मिल्क में सैचुरेटेड फैट होता है। सिंगलकेयर के अनुसार, ये लिवर में ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ाते हैं। ज्यादा डेयरी से फैटी लिवर प्रोग्रेस होता है। लो-फैट या प्लांट-बेस्ड मिल्क जैसे बादाम मिल्क चुनें।
सॉल्टेड स्नैक्स और प्रोसेस्ड फूड्स सोडियम से भरपूर होते हैं। ये लिवर को सूजा देते हैं। हार्वर्ड के अनुसार, ज्यादा नमक वजन बढ़ाता है जो फैटी लिवर का कारण है। घरेलू नमक सीमित रखें।
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