असली पनीर या नकली पनीर- विशेषज्ञों की सलाह से ऐसे करें घरेलू टेस्ट और पहचान करें आसान तरीके से।

पनीर भारतीय रसोई का एक लोकप्रिय व्यंजन है। यह प्रोटीन से भरपूर होता है और शाकाहारी लोगों के लिए मांस का बेहतरीन विकल्प माना जाता है। पनीर की सब्जी, टिक्का, पराठा या मिठाई

Oct 20, 2025 - 14:49
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असली पनीर या नकली पनीर- विशेषज्ञों की सलाह से ऐसे करें घरेलू टेस्ट और पहचान करें आसान तरीके से।
असली पनीर या नकली पनीर- विशेषज्ञों की सलाह से ऐसे करें घरेलू टेस्ट और पहचान करें आसान तरीके से।

पनीर भारतीय रसोई का एक लोकप्रिय व्यंजन है। यह प्रोटीन से भरपूर होता है और शाकाहारी लोगों के लिए मांस का बेहतरीन विकल्प माना जाता है। पनीर की सब्जी, टिक्का, पराठा या मिठाई में इसका इस्तेमाल आम है। लेकिन आजकल बाजार में नकली या मिलावटी पनीर की बाढ़ आ गई है। यह नकली पनीर दूध के बजाय मिल्क पाउडर, स्टार्च, वनस्पति तेल, चूना, सिरका या यहां तक कि डिटर्जेंट जैसे हानिकारक पदार्थों से बनाया जाता है। इससे न केवल स्वाद खराब होता है, बल्कि सेहत को गंभीर नुकसान भी पहुंच सकता है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) के अनुसार, असली पनीर में कम से कम 50 प्रतिशत वसा होनी चाहिए, जो सूखे पदार्थ पर आधारित होती है। लेकिन नकली पनीर में ये मानक पूरे नहीं होते। हाल ही में नोएडा में 47 पनीर सैंपल मिलावटी पाए गए, जबकि मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे पर 1300 किलोग्राम नकली पनीर जब्त किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि सतर्क रहकर आप आसानी से असली और नकली पनीर की पहचान कर सकते हैं। आइए जानते हैं इन टेस्ट्स और सावधानियों के बारे में।

नकली पनीर की समस्या क्यों बढ़ रही है? विशेषज्ञों के मुताबिक, असली पनीर की कीमत 400-500 रुपये प्रति किलोग्राम होती है, जबकि नकली सिर्फ 200-300 रुपये में बिकता है। त्योहारों के मौसम में जैसे दिवाली या रक्षाबंधन पर इसकी मांग बढ़ जाती है, जिसका फायदा उठाकर व्यापारी सस्ता नकली माल बेचते हैं। नकली पनीर को एनालॉग पनीर भी कहते हैं, जो गैर-डेयरी सामग्री से बनता है। एफएसएसएआई के नियमों के अनुसार, अगर उत्पाद में दूध के बजाय अन्य चीजें इस्तेमाल की गई हैं, तो पैकेजिंग पर 'एनालॉग' या 'इमिटेशन' लिखना अनिवार्य है। लेकिन कई बार ऐसा नहीं होता, जिससे उपभोक्ता धोखा खा जाते हैं। पोषण विशेषज्ञ श्लोका जोशी कहती हैं कि नकली पनीर में स्टार्च और पाम ऑयल मिलाने से यह चमकदार दिखता है, लेकिन पोषक तत्वों की कमी होती है। लंबे समय तक इसका सेवन करने से पेट दर्द, उल्टी, डायरिया या किडनी-लिवर की समस्या हो सकती है।

अब बात करते हैं पहचान के तरीकों की। सबसे आसान तरीका है पैकेजिंग चेक करना। अगर पैकेट पर एफएसएसएआई लाइसेंस नंबर, मैन्युफैक्चरिंग डेट, एक्सपायरी डेट और सामग्री की पूरी सूची न हो, तो संदेह करें। विश्वसनीय ब्रांड जैसे अमूल या मदर डेयरी से खरीदें। डॉ. सुगीता मुटरेजा, एक न्यूट्रिशनिस्ट, बताती हैं कि असली पनीर का रंग क्रीमी सफेद होता है, जबकि नकली में पीला या ज्यादा चमकदार रंग दिखता है। खुशबू भी अलग होती है – असली पनीर में हल्की दूध जैसी महक आती है, नकली में केमिकल या तीखी गंध। स्वाद में भी फर्क है; असली पनीर का स्वाद हल्का मीठा और मलाईदार होता है, जबकि नकली रबड़ जैसा या बेस्वाद लगता है।

घर पर पहचान के लिए कई सरल टेस्ट हैं। पहला टेस्ट है हाथ से दबाने का। एक छोटा टुकड़ा पनीर लें और साफ हाथों से मसलें। अगर यह आसानी से बिखर जाता है या टूट जाता है, तो नकली है। कारण यह है कि नकली पनीर स्किम्ड मिल्क पाउडर से बनता है, जो दबाव सहन नहीं कर पाता। असली पनीर दबाने पर नरम रहता है लेकिन आकार बनाए रखता है। मास्टरशेफ पंकज भदौरिया की सलाह है कि यह टेस्ट बाजार में ही कर लें, खासकर खुले पनीर के लिए।

दूसरा लोकप्रिय टेस्ट है आयोडीन टेस्ट। एक पैन में पानी उबालें, उसमें पनीर का टुकड़ा डालकर 2-3 मिनट तक उबालें। पानी ठंडा होने पर इसमें आयोडीन टिंचर की 2-3 बूंदें डालें। अगर रंग नीला या काला हो जाए, तो स्टार्च मिला है, यानी नकली। असली पनीर का रंग नहीं बदलता। एफएसएसएआई भी इस टेस्ट की सिफारिश करता है। इसी तरह, गुनगुने पानी में पनीर डालें। असली पनीर अपनी शक्ल बनाए रखेगा, जबकि नकली घुल जाएगा या बादल पैदा कर देगा। स्टार्च की वजह से पानी गंदा दिखेगा।

तीसरा टेस्ट है अरहर दाल या सोयाबीन पाउडर का। उबले पनीर को पानी में ठंडा करें, फिर इसमें अरहर दाल का पाउडर मिलाएं और 10 मिनट रखें। अगर पानी हल्का लाल हो जाए, तो डिटर्जेंट या यूरिया मिला है। सोयाबीन पाउडर से भी यही रिजल्ट आता है। अगर रंग न बदले, तो पनीर शुद्ध है। यह टेस्ट हानिकारक रसायनों की मौजूदगी बताता है।

चौथा टेस्ट हीट टेस्ट है। पनीर का टुकड़ा गर्म करें। असली पनीर हल्का भूरा हो जाएगा और दूध की हल्की गंध आएगी। नकली पनीर पिघल जाएगा, ज्यादा पानी छोड़ेगा या रबड़ जैसी गंध करेगा। अगर केरोसिन या प्लास्टिक जैसी बदबू आए, तो तुरंत फेंक दें। पोषण विशेषज्ञ रेवंत हिमतसिंहका कहते हैं कि यह टेस्ट वनस्पति तेल की पहचान करता है।

पांचवां टेस्ट फोम टेस्ट है। पनीर को रगड़ें। असली पनीर से पतली झाग बनेगी, जबकि नकली से गाढ़ी फोम, जो डिटर्जेंट की निशानी है। छठा टेस्ट टूअर दाल का। उबले पानी में टूअर दाल मिलाएं; लाल रंग नकली पनीर दर्शाता है। ये टेस्ट घरेलू सामान से हो जाते हैं और 5-10 मिनट में रिजल्ट देते हैं।

नकली पनीर के नुकसान गंभीर हैं। इसमें ट्रांस फैट्स ज्यादा होते हैं, जो हृदय रोग, मोटापा और डायबिटीज का खतरा बढ़ाते हैं। डिटर्जेंट से किडनी स्टोन या लिवर डैमेज हो सकता है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह जहर जैसा है। एफएसएसएआई ने 2024 में कई छापे मारे, जिसमें 2000 किलोग्राम नकली पनीर जब्त हुआ। अगर आपको शक हो, तो 1800112100 पर शिकायत करें।

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि घर पर पनीर बनाएं। एक लीटर दूध उबालें, नींबू का रस मिलाकर दही जमाएं, फिर छान लें। इससे ताजा और शुद्ध पनीर मिलेगा। बाजार से खरीदें तो सील पैक्ड चुनें। लंबे समय तक फ्रिज में रखने पर भी चेक करें। डॉ. अविनाश टैंक कहते हैं कि असली पनीर पाचन सुधारता है, जबकि नकली एलर्जी पैदा करता है।

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