पंजाब सीमा पर बीएसएफ की सतर्कता: पाकिस्तानी ड्रोन अभियान विफल, फेरोजपुर-अमृतसर में दो ड्रोन नष्ट। 

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पंजाब की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान से आने वाले दो ड्रोन को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया है। यह घटना फेरोजपुर जिले

Oct 24, 2025 - 12:37
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पंजाब सीमा पर बीएसएफ की सतर्कता: पाकिस्तानी ड्रोन अभियान विफल, फेरोजपुर-अमृतसर में दो ड्रोन नष्ट। 
पंजाब सीमा पर बीएसएफ की सतर्कता: पाकिस्तानी ड्रोन अभियान विफल, फेरोजपुर-अमृतसर में दो ड्रोन नष्ट। 

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पंजाब की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान से आने वाले दो ड्रोन को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया है। यह घटना फेरोजपुर जिले के हबीबवाला क्षेत्र और अमृतसर जिले के महावा गांव के निकट हुई। बीएसएफ के जवानों ने तकनीकी साधनों और त्वरित कार्रवाई से डीजेआई माविक 3 क्लासिक तथा डीजेआई माविक 4 प्रो जैसे उन्नत ड्रोन को गिरा लिया। इन ड्रोन से संभवतः नशीले पदार्थों की तस्करी का प्रयास हो रहा था, लेकिन बीएसएफ की सतर्कता ने इसे विफल कर दिया। यह कार्रवाई न केवल सीमा सुरक्षा को मजबूत करती है बल्कि शांति बनाए रखने में बीएसएफ की दक्षता को भी प्रमाणित करती है। जवानों को उच्च अलर्ट पर रखा गया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

यह घटना 23 अक्टूबर 2025 की रात की है जब बीएसएफ की 136 बटालियन ने फेरोजपुर के हबीबवाला गांव के पास संदिग्ध उड़ने वाली वस्तु की आवाज सुनी। रात करीब 11 बजकर 25 मिनट पर ड्रोन की गड़गड़ाहट सुनाई दी। जवानों ने तुरंत अपनी पोजीशन संभाली और एंटी-ड्रोन सिस्टम का इस्तेमाल किया। ड्रोन को गिराने के लिए गोलीबारी की गई। गिरे हुए ड्रोन की तलाशी ली गई तो पता चला कि यह डीजेआई माविक 3 क्लासिक मॉडल का था। यह एक कमर्शियल ड्रोन है जो पाकिस्तानी तस्करों द्वारा संशोधित कर तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ड्रोन के नीचे नशीले पदार्थ लटकाने की सुविधा होती है। सौभाग्य से कोई सामान नहीं मिला, लेकिन क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गई। पंजाब पुलिस को सूचना देकर संयुक्त तलाशी अभियान चलाया गया। सुबह तक कोई अतिरिक्त सामान नहीं मिला, लेकिन जांच जारी रही।

इसी तरह अमृतसर के महावा गांव के पास दूसरी घटना हुई। यहां बीएसएफ की महिला पेट्रोलिंग टीम ने ड्रोन की गतिविधि का पता लगाया। रात के अंधेरे में रोशनी बमों का इस्तेमाल कर दृश्यता बढ़ाई गई। ड्रोन ने भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया ही था कि जवानों ने फायरिंग शुरू कर दी। ड्रोन गिर गया और जांच में यह डीजेआई माविक 4 प्रो पाया गया। यह मॉडल उच्च गुणवत्ता वाले कैमरों से लैस होता है, जो तस्करों को सीमा पार निगरानी के लिए मदद करता है। अमृतसर-तारन तारन क्षेत्र में ड्रोन तस्करी का केंद्र रहा है। बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि दोनों ड्रोन पाकिस्तानी क्षेत्र से नियंत्रित हो रहे थे। गिराने के बाद ड्रोन के मलबे से बैटरी और कंट्रोलर भाग बरामद हुए। इससे पाकिस्तानी तस्करों के नेटवर्क का सुराग मिल सकता है।

पंजाब की 553 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान से लगी हुई है। यह क्षेत्र नशीले पदार्थों की तस्करी का हॉटस्पॉट है। बीएसएफ के अनुसार, 2025 में अब तक 200 से ज्यादा ड्रोन साइटिंग हुई हैं। इनमें से 50 से अधिक को निष्क्रिय किया गया। फेरोजपुर, अमृतसर, तरन तारन और अबोहर जैसे जिले सबसे प्रभावित हैं। ड्रोन तस्करी का नया तरीका है जो पारंपरिक तस्करों से अलग है। ये छोटे, हल्के और रिमोट कंट्रोल्ड होते हैं। एक ड्रोन 5 से 10 किलोग्राम तक का सामान ले जा सकता है। ज्यादातर हथियारों, नशीले पदार्थों या नकली मुद्रा की तस्करी के लिए इस्तेमाल होते हैं। पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) पर इनका संचालन करने का आरोप लगता रहा है। बीएसएफ ने इन आरोपों को गंभीरता से लिया है।

बीएसएफ ने ड्रोन तस्करी से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाए गए हैं जो रडार से ड्रोन का पता लगाते हैं। लेजर-आधारित जामर दुश्मन सिग्नल को बाधित करते हैं। जवानों को नाइट विजन गॉगल्स और थर्मल इमेजर्स दिए गए हैं। संयुक्त अभियान में पंजाब पुलिस और स्थानीय प्रशासन शामिल होते हैं। 2024 में बीएसएफ ने 100 से ज्यादा ड्रोन गिराए थे। 2025 में संख्या बढ़ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों में कोहरा होने पर ड्रोन गतिविधि बढ़ जाती है क्योंकि दृश्यता कम होती है। बीएसएफ के महानिदेशक ने कहा कि हमारी तैयारी पूर्ण है। कोई भी घुसपैठ सफल नहीं होगी।

यह घटना पंजाब में ड्रग तस्करी के व्यापक नेटवर्क को उजागर करती है। पंजाब ड्रग्स का प्रवेश द्वार बन गया है। अफगानिस्तान से पाकिस्तान होते हुए भारत आते हैं। हेरोइन, अफीम और सिंथेटिक ड्रग्स प्रमुख हैं। 2025 में 500 किलोग्राम से ज्यादा जब्ती हुई। युवाओं में लत की समस्या गंभीर है। सरकार ने विशेष टास्क फोर्स बनाई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि ड्रग मुक्त पंजाब का लक्ष्य है। बीएसएफ की कार्रवाई इसी दिशा में कदम है। स्थानीय लोग भी सतर्क हैं। वे संदिग्ध गतिविधि की सूचना देते हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्रोन तस्करी वैश्विक समस्या है। अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर भी ऐसा होता है। भारत ने पाकिस्तान से ड्रोन पर प्रतिबंध की मांग की है। लेकिन पाकिस्तान इनकार करता है। संयुक्त राष्ट्र में भी चर्चा हुई है। भारत ने अपनी तकनीक विकसित की है। डीआरडीओ एंटी-ड्रोन सिस्टम बना रहा है। यह स्वदेशी है और सस्ता। बीएसएफ इसे तैनात करेगा।

जवानों की बहादुरी सराहनीय है। फेरोजपुर में 136 बटालियन के जवान रात भर सतर्क रहे। अमृतसर में महिला टीम ने साबित किया कि सुरक्षा में सभी की भूमिका है। बीएसएफ ने जवानों को पुरस्कृत करने की घोषणा की। सीमा पर तैनाती कठिन है। मौसम, थकान और खतरे का सामना करना पड़ता है। फिर भी वे डटे रहते हैं।

इस घटना से सीमा पर अलर्ट बढ़ गया है। सभी बटालियनों को निर्देश दिए गए। ड्रोन ट्रैकिंग बढ़ाई गई। पंजाब सरकार ने स्थानीय प्रशासन को सतर्क किया। स्कूलों और गांवों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। लोग ड्रोन साइटिंग की रिपोर्ट करें। इससे तस्करी रुकेगी।

पिछले महीनों की घटनाएं भी याद आती हैं। अक्टूबर 2024 में फेरोजपुर में एक ड्रोन से 500 ग्राम हेरोइन और पिस्टल बरामद हुई। अगस्त 2023 में अमृतसर-तरन तारन में दो ड्रोन गिराए गए। नवंबर 2022 में महिलाओं की टीम ने हेरोइन लदे ड्रोन को रोका। ये घटनाएं पैटर्न दिखाती हैं। पाकिस्तानी तस्कर नई तकनीक आजमाते हैं। लेकिन बीएसएफ अपडेट रहता है।

ड्रोन तस्करी के पीछे आर्थिक कारण हैं। पाकिस्तान में बेरोजगारी और गरीबी तस्करों को प्रेरित करती है। भारत में मांग ज्यादा है। एक किलोग्राम हेरोइन की कीमत करोड़ों में है। तस्कर जोखिम लेते हैं। लेकिन कानून सख्त हैं। पकड़े जाने पर कड़ी सजा। भारत-पाकिस्तान के बीच समझौते हैं लेकिन उल्लंघन होता है।

बीएसएफ की सफलता से देश को गर्व है। यह शांति की रक्षा है। सीमा सुरक्षित रहेगी तो विकास होगा। पंजाब के किसान चैन से खेती करेंगे। युवा ड्रग्स से दूर रहेंगे। सरकार निवेश कर रही है। नई बाड़ लग रही है। स्मार्ट फेंसिंग आएगी। इससे ड्रोन रुकेंगे।

यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मिसाल है। भारत अमेरिका से तकनीक साझा करता है। संयुक्त अभ्यास होते हैं। भविष्य में ड्रोन युद्ध संभव है। तैयारी जरूरी। बीएसएफ जैसे बल मजबूत हैं।

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