Bihar Election Results: हर ईवीएम में करीब 25 हजार वोट पहले से कैद थे, आरजेडी ने ईवीएम में धांधली का लगाया आरोप।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। 14 नवंबर को घोषित परिणामों में भाजपा नीत राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। 14 नवंबर को घोषित परिणामों में भाजपा नीत राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन ने 243 सीटों वाली विधानसभा में 202 सीटें जीतकर शानदार जीत हासिल की। वहीं, राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन को करारी शिकस्त मिली। आरजेडी ने 143 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल 25 सीटें ही जीत सकी। इस हार की समीक्षा करने के लिए सोमवार 17 नवंबर को पटना में पार्टी की पहली महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, मीसा भारती और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह जैसे वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। सभी उम्मीदवारों ने अपनी राय रखी। बैठक के बाद जगदानंद सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि चुनाव में आरजेडी की स्थिति ऐसी होगी। उन्होंने ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि हर मशीन में मतदान शुरू होने से पहले ही करीब 25 हजार वोट पहले से दर्ज थे। इसके बावजूद 25 विधायकों की जीत को पार्टी के लिए सौभाग्यपूर्ण बताया। आरजेडी ने परिणामों को जनता की सच्ची इच्छा का प्रतिबिंब नहीं माना और अदालत जाने की योजना जताई।
चुनाव 6 से 11 नवंबर तक कई चरणों में हुए। मतगणना के दौरान एनडीए ने शुरुआत से ही बढ़त बनाई रखी। नीतीश कुमार के नेतृत्व में जनता दल यूनाइटेड को 98 सीटें मिलीं, जबकि भाजपा को 78, लोजपा को 20 और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को 6। महागठबंधन में आरजेडी के अलावा कांग्रेस को 8, वीआईपी को 2 और अन्य सहयोगियों को कुछ सीटें मिलीं। कुल 41 सीटें महागठबंधन के खाते में गईं। तेजस्वी यादव ने 12 सीटों पर अपनी पार्टी लड़ाई लड़ी, लेकिन केवल 2 जीतीं। उन्होंने खुद कहा कि परिणाम निराशाजनक हैं, लेकिन पार्टी आंतरिक कमजोरियों पर विचार करेगी। बैठक में जीतने वाले विधायकों ने तेजस्वी को विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुना। यह फैसला पार्टी की एकजुटता दिखाने का प्रयास था।
जगदानंद सिंह का आरोप चुनावी प्रक्रिया पर सवाल खड़ा कर रहा है। उन्होंने कहा कि ईवीएम में पहले से वोट होने से विपक्ष के उम्मीदवारों को नुकसान हुआ। यह दावा कई समाचार स्रोतों में प्रमुखता से छपा। आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि लोग और राजनेता इस परिणाम को पचा नहीं पा रहे। उन्होंने वोट चोरी और ईवीएम के दुरुपयोग का आरोप लगाया। पार्टी के एक विधायक ने कहा कि वे अदालत जाएंगे, क्योंकि परिणाम जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाते। बैठक के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने तेजस्वी के करीबी संजय यादव के खिलाफ नारे लगाए, जो राज्यसभा सांसद हैं। यह पार्टी के अंदरूनी असंतोष को दर्शाता है। आरजेडी का दावा है कि महागठबंधन को 1.8 करोड़ वोट मिले, जो नजरअंदाज नहीं किए जा सकते।
चुनाव से पहले आरजेडी ने तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया था। पार्टी ने सामाजिक न्याय, रोजगार और विकास के मुद्दों पर प्रचार किया। लेकिन एनडीए ने विकास, कानून व्यवस्था और केंद्र की योजनाओं को भुनाया। मतदाता सूची में 7.5 करोड़ से अधिक वोटर थे, और मतदान प्रतिशत 62 के आसपास रहा। कुछ जिलों में हिंसा की शिकायतें आईं, लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रक्रिया को निष्पक्ष बताया। विपक्ष के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित हैं और वीवीपैट से सत्यापन होता है। फिर भी, आरजेडी जैसे दल बार-बार बैलेट पेपर की मांग करते रहे।
बैठक में उम्मीदवारों ने अपनी हार के कारण बताए। कुछ ने कहा कि प्रचार अभियान कमजोर रहा, जबकि अन्य ने बूथ प्रबंधन की कमी बताई। एक विधायक ने दावा किया कि 65 सीटों पर पहले से ही साजिश रची गई थी। पार्टी ने फैसला किया कि वे ईवीएम के खिलाफ लड़ेंगे। जगदानंद सिंह ने कहा कि ये मशीनें दुरुपयोग की गईं। आरजेडी के वरिष्ठ नेता उदय नारायण सिंह ने भी जनता के मूड से परिणाम न मिलने की बात कही। बैठक करीब चार घंटे चली, जिसमें कमजोरियों पर खुलकर चर्चा हुई। तेजस्वी ने कार्यकर्ताओं को धैर्य रखने और संघर्ष जारी रखने को कहा।
इस हार ने आरजेडी में पारिवारिक कलह भी उजागर की। लालू के सबसे छोटे बेटे तेजस्वी के करीबियों पर सवाल उठे। रोहिणी आचार्य, जो लालू की बेटी हैं, ने पार्टी छोड़ दी और परिवार से दूरी बना ली। उन्होंने तेजस्वी के सहयोगियों संजय यादव और रमीज पर हार का दोष मढ़ा। रोहिणी ने कहा कि वे हरियाणा और उत्तर प्रदेश के लोगों के प्रभाव से तंग आ चुकी हैं। यह घटना पार्टी के लिए झटका है। मीसा भारती ने परिवारिक एकता पर जोर दिया, लेकिन अंदरूनी मतभेद साफ दिखे।
एनडीए की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने विकास को चुना। नीतीश कुमार ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की तैयारी की। उनके मंत्रिमंडल में भाजपा को प्रमुख स्थान मिलेगा। विपक्ष के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हार मानने के बाद बहाने बनाए जा रहे। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग स्वतंत्र है। प्राशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को भी कोई सीट नहीं मिली, जिस पर उन्होंने जिम्मेदारी ली।
आरजेडी की यह समीक्षा बैठक भविष्य की रणनीति तय करेगी। पार्टी ने कहा कि वे सड़क से लेकर अदालत तक लड़ेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि ईवीएम विवाद पुराना है, लेकिन हर हार के बाद उठता है। बिहार की राजनीति में यह नया मोड़ ला सकता है। आरजेडी कार्यकर्ता उत्साहित हैं कि 25 विधायक जीते, जो विपक्ष की ताकत बनेंगे। जगदानंद सिंह ने कहा कि यह सौभाग्य है कि इतनी धांधली के बावजूद जीत हुई। पार्टी अब संगठन मजबूत करने पर ध्यान देगी।
Also Read- तेज प्रताप यादव का बयान- हमारी बहन का जो अपमान करेगा, कृष्ण का सुदर्शन चक्र चलेगा।
What's Your Reaction?