Political News: वृंदावन में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने लिया प्रेमानंद महाराज का आशीर्वाद, आध्यात्मिक और सामाजिक सेवा पर हुई सार्थक चर्चा। 

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने वृंदावन धाम में प्रख्यात रासिक संत पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज से मुलाकात की...

Jun 6, 2025 - 11:59
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Political News: वृंदावन में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने लिया प्रेमानंद महाराज का आशीर्वाद, आध्यात्मिक और सामाजिक सेवा पर हुई सार्थक चर्चा। 

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने वृंदावन धाम में प्रख्यात रासिक संत पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज से मुलाकात की। यह भेंट श्री हित राधा केली कुंज आश्रम में हुई, जहां बृजेश पाठक ने प्रेमानंद महाराज के एकांतिक वार्तालाप में हिस्सा लिया और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस मुलाकात के दौरान धर्म, समाज, और राष्ट्र सेवा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा हुई। प्रेमानंद महाराज ने डिप्टी सीएम को निर्भय होकर समाजसेवा करने और लालच से दूर रहने का गुरुमंत्र दिया। यह घटना न केवल आध्यात्मिक और राजनैतिक क्षेत्रों के बीच एक सेतु का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे आध्यात्मिक मार्गदर्शन राजनेताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। 5 जून 2025 को वृंदावन के श्री हित राधा केली कुंज आश्रम में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने पूज्य प्रेमानंद महाराज से भेंट की। यह आश्रम वृंदावन परिक्रमा मार्ग पर, भक्ति वेदांत अस्पताल के सामने स्थित है। इस मुलाकात की जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों और सोशल मीडिया पोस्ट्स के माध्यम से सामने आई। बृजेश पाठक ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल (@brajeshpathakup) पर इस भेंट की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, "आज वृंदावन धाम में अपने ओजस्वी, प्रभावशाली उपदेशों से करोड़ों लोगों के जीवन में आध्यात्मिक एवं धार्मिक चेतना को जाग्रत करने वाले श्री राधा रानी जी के परम भक्त पूज्य संत श्री प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज का सपत्नीक आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला।"

इस मुलाकात के दौरान प्रेमानंद महाराज ने बृजेश पाठक को निर्भय होकर समाज की सेवा करने और लालच से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा, "समाज की सेवा करो, बस निर्भय रहना। लालच में नहीं पड़ना। जो मालिक दे रहा है, उसी से संतुष्ट रहना चाहिए। अभी आपको ईश्वर ने बड़ा पद दिया है, आगे और भी पद हैं।" यह संदेश न केवल बृजेश पाठक के लिए, बल्कि सभी सार्वजनिक जीवन में कार्यरत लोगों के लिए एक प्रेरणादायक मार्गदर्शन है।

पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज वृंदावन के एक प्रख्यात रासिक संत हैं, जो श्री हित हरिवंश महाप्रभु की सहचरी भाव (सखी भाव) की परंपरा को आगे बढ़ाते हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के आखिरी गांव, सरसोल ब्लॉक में एक सात्विक ब्राह्मण (पांडे) परिवार में हुआ था। उनका बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था। उनके दादाजी एक सन्यासी थे, और उनके पिता श्री शंभु पांडे और माता श्रीमती रमा देवी संत सेवा और भक्ति में गहरी आस्था रखते थे। इस आध्यात्मिक परिवेश ने प्रेमानंद महाराज को बचपन से ही सन्यास और भक्ति के मार्ग पर प्रेरित किया। प्रेमानंद महाराज ने गंगा तट पर कठोर तपस्या की और बाद में वृंदावन की भक्ति और प्रेम रस में डूब गए। वे वृंदावन को एक साधारण धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि चिन्मय और अनुपम रस से भरा हुआ दिव्य धाम मानते हैं। उनके उपदेशों में श्री राधा-कृष्ण की भक्ति, वृंदावन की परिक्रमा, और सखी भाव की महिमा पर विशेष जोर है। वे अपने सत्संगों के माध्यम से आम लोगों को जटिल आध्यात्मिक अवधारणाओं को सरलता से समझाते हैं और 'वृंदावन निवृत्त निकुंज उपासना' और 'नित्य विहार रस' की शिक्षा देते हैं।

उनके आश्रम, श्री हित राधा केली कुंज, में रोजाना सत्संग, एकांतिक वार्तालाप, और श्री राधा सुधा निधि जी की भक्ति का आयोजन होता है। प्रेमानंद महाराज की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके दर्शन के लिए न केवल आम लोग, बल्कि अभिनेता, राजनेता, और खिलाड़ी भी वृंदावन पहुंचते हैं। उदाहरण के लिए, क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा भी 2023 में उनके दर्शन के लिए आए थे। बृजेश पाठक उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख राजनेता और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता हैं। उनका जन्म 25 जून 1964 को हरदोई जिले के मल्लावां में हुआ था। वे वर्तमान में उत्तर प्रदेश के सातवें उपमुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा और स्वास्थ्य, और परिवार कल्याण मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री हैं। 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्होंने लखनऊ कैंट सीट से भारी मतों से जीत हासिल की।

बृजेश पाठक को उनकी विनम्रता और जनता से गहरे जुड़ाव के लिए जाना जाता है। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति से अपने करियर की शुरुआत की और बाद में 2004 में उन्नाव से लोकसभा सांसद और 2008 से 2014 तक राज्यसभा सांसद रहे। 2017 में वे लखनऊ सेंट्रल से विधायक चुने गए और योगी सरकार में कानून और न्याय मंत्री बने। 25 मार्च 2022 को वे उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बने। बृजेश पाठक और प्रेमानंद महाराज की यह मुलाकात कई मायनों में महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, यह आध्यात्मिक और राजनैतिक क्षेत्रों के बीच एक संवाद का प्रतीक है। प्रेमानंद महाराज ने बृजेश पाठक को समाजसेवा में निर्भयता और संतुष्टि का पाठ पढ़ाया, जो राजनेताओं के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। यह मुलाकात दर्शाती है कि आध्यात्मिक मार्गदर्शन राजनेताओं को नैतिक और सामाजिक मूल्यों के प्रति प्रेरित कर सकता है।

दूसरा, यह मुलाकात वृंदावन की आध्यात्मिक महत्ता को भी रेखांकित करती है। वृंदावन न केवल श्री राधा-कृष्ण की भक्ति का केंद्र है, बल्कि यह एक ऐसा स्थान है जहां लोग जीवन के गहरे सवालों के जवाब और शांति की तलाश में आते हैं। बृजेश पाठक का इस पवित्र धाम में आना और एक रासिक संत से आशीर्वाद लेना यह दर्शाता है कि आध्यात्मिकता और सार्वजनिक जीवन एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं। इस मुलाकात ने सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा बटोरी। विभिन्न समाचार एजेंसियों और एक्स पोस्ट्स ने इस घटना को कवर किया। उदाहरण के लिए, @ABPNews ने लिखा, "उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक प्रेमानंद महाराज से मिले। वृंदावन स्थित आश्रम में बृजेश पाठक ने प्रेमानंद महाराज के एकांतिक वार्तालाप में लिया हिस्सा।" इसी तरह, @TV9Bharatvarsh ने इसे "आध्यात्मिक सौगात" के रूप में वर्णित किया। यह मुलाकात न केवल बृजेश पाठक के व्यक्तिगत आध्यात्मिक झुकाव को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि उत्तर प्रदेश सरकार सनातन धर्म और संस्कृति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए प्रयासरत है। बृजेश पाठक ने पहले भी अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर और कैन्ची धाम जैसे धार्मिक स्थलों का दौरा किया है, जो उनकी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जड़ों से गहरे जुड़ाव को दर्शाता है।

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वृंदावन को सनातन धर्म में एक विशेष स्थान प्राप्त है। यह श्री राधा-कृष्ण की लीलाओं का केंद्र है और इसे चिन्मय धाम माना जाता है। प्रेमानंद महाराज जैसे संत इस धाम की महिमा को और बढ़ाते हैं। उनके सत्संग और उपदेश न केवल भक्तों को आध्यात्मिक मार्ग पर ले जाते हैं, बल्कि समाज में प्रेम, करुणा, और सेवा की भावना को भी प्रोत्साहित करते हैं। बृजेश पाठक की इस मुलाकात ने वृंदावन की इस आध्यात्मिक शक्ति को और अधिक लोगों तक पहुंचाने में मदद की है। बृजेश पाठक और प्रेमानंद महाराज की वृंदावन में हुई मुलाकात एक ऐसी घटना है जो आध्यात्मिकता, सामाजिक सेवा, और राजनैतिक जवाबदेही के बीच एक सुंदर समन्वय को दर्शाती है। प्रेमानंद महाराज का मार्गदर्शन और बृजेश पाठक की विनम्रता इस बात का प्रतीक है कि कैसे आध्यात्मिक मूल्य राजनेताओं को बेहतर नेतृत्व के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

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