सैफई में चचेरे भाई आर्यन यादव की हल्दी में पहुंचे अखिलेश-डिंपल, यादव परिवार की एकजुटता का नजारा; 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट वकील सेरिंग संग बंधेंगे शादी के बंधन में।
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में रविवार को एक पारिवारिक उत्सव ने यादव परिवार को फिर से एक मंच पर ला खड़ा किया। समाजवादी पार्टी
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में रविवार को एक पारिवारिक उत्सव ने यादव परिवार को फिर से एक मंच पर ला खड़ा किया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव उनके चचेरे भाई आर्यन यादव की हल्दी और तिलकोत्सव में शिरकत करने पहुंचे। यह आयोजन 25 नवंबर को होने वाली आर्यन की शादी से ठीक एक दिन पहले हुआ। आर्यन की शादी लद्दाख की रहने वाली सुप्रीम कोर्ट वकील सेरिंग से तय है। सैफई, जो यादव परिवार का पैतृक ठिकाना है, इस मौके पर रौनक से भर गया। अखिलेश ने खुद सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरें साझा कीं, जिनमें वे परिवार के साथ लाइन लगाकर भोजन लेते दिख रहे हैं। यह नजारा उनकी सादगी और पारिवारिक लगाव को बखूबी दर्शाता है।
यह कार्यक्रम रविवार दोपहर को सैफई के एक विशाल हॉल में आयोजित हुआ। अखिलेश और डिंपल सुबह ही दिल्ली से सैफई पहुंचे। उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव, भतीजे आदित्य यादव, सांसद धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव भी उपस्थित रहे। पूरा यादव खानदान एक साथ नजर आया, जो मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद दुर्लभ दृश्य है। हल्दी की रस्म में आर्यन को तिलक लगाया गया। परिवार के सदस्यों ने आशीर्वाद दिया। महिलाओं ने पारंपरिक लोकगीत गाए। माहौल हंसी-ठिठोली से गुलजार रहा। अखिलेश ने बच्चों के साथ मिलकर रस्में अदा कीं। भोजन के दौरान वे प्लेट थामे लाइन में खड़े हो गए। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। लोगों ने उनकी इस विनम्रता की खूब सराहना की।
आर्यन यादव अखिलेश के चाचा राजपाल यादव के पुत्र हैं। राजपाल का जनवरी 2025 में निधन हो गया था। इससे पहले विवाह मार्च 2025 में तय था, लेकिन शोक के कारण तारीख बढ़ा दी गई। शुभ मुहूर्त मिलने पर अब 25 नवंबर को सैफई में ही शादी होगी। आर्यन की प्रारंभिक शिक्षा इटावा में हुई। उसके बाद उन्होंने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा प्राप्त की। वे एक सफल व्यवसायी हैं और सैफई में ही बसते हैं। आर्यन का परिवार स्थानीय सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहता है। उनकी होने वाली दुल्हन सेरिंग लद्दाख की निवासी हैं। वे सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत करती हैं। सेरिंग के पिता रिंगजन अंगचुक लद्दाख के प्रमुख ठेकेदार हैं। दोनों की रिंग सेरेमनी 15 दिसंबर 2024 को दिल्ली में हुई थी। यह विवाह उत्तर प्रदेश और लद्दाख के परिवारों को जोड़ेगा।
सैफई यादव परिवार का राजनीतिक और सामाजिक केंद्र है। यहां मुलायम सिंह यादव का जन्म हुआ था। वे समाजवादी पार्टी के संस्थापक थे। अखिलेश का जन्म 1 जुलाई 1973 को इसी गांव में हुआ। उनकी शिक्षा सैफई, इटावा, धौलपुर मिलिट्री स्कूल और मैसूर यूनिवर्सिटी से पूरी हुई। वे पर्यावरण इंजीनियरिंग में मास्टर्स हैं। अखिलेश 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने समाजवादी पार्टी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। डिंपल यादव का जन्म 15 जनवरी 1978 को पुणे में हुआ। उनके पिता आर्मी में अधिकारी थे। अखिलेश से उनकी प्रेम कहानी कॉलेज दिनों की है। 24 नवंबर 1999 को दोनों की शादी हुई। परिवार ने शुरू में विरोध किया, लेकिन दादी मूर्ति देवी के समर्थन से सहमति मिली। शादी में अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना जैसे सितारे आए। डिंपल मैनपुरी से सांसद हैं। दंपति के तीन संतान हैं- बेटियां आदिति और तिना, तथा बेटा अर्जुन।
यह समारोह परिवार की एकजुटता का प्रतीक बन गया। शिवपाल यादव से अखिलेश के संबंध कभी तनावपूर्ण रहे, लेकिन पारिवारिक मौकों पर वे एकजुट दिखते हैं। हल्दी में शिवपाल ने अखिलेश को गले लगाया। आदित्य यादव ने युवा ऊर्जा से रस्में निभाईं। धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ से सांसद हैं, जबकि अक्षय यादव परिवार के अन्य सदस्य हैं। वधू पक्ष के लोग भी सैफई आए। लद्दाख से सेरिंग का परिवार हवाई जहाज से पहुंचा। शादी के लिए सैफई को सजाया गया है। विवाह पारंपरिक तरीके से होगा। वरमाला, कन्यादान और फेरे की रस्में होंगी। भोजन शाकाहारी रहेगा। सैफई महोत्सव की यादें ताजा हो गईं, जहां परिवार एकत्र होता रहा है।
सोशल मीडिया पर यह खबर छा गई। अखिलेश का लाइन में खड़े वीडियो लाखों बार देखा गया। लोग कह रहे हैं कि यह सादगी अखिलेश की असली ताकत है। एक यूजर ने लिखा कि जहां नेता वीआईपी ट्रीटमेंट मांगते हैं, वहां अखिलेश परिवार के साथ खड़े हैं। डिंपल की मुस्कान और बच्चों से बातचीत ने सबका दिल जीत लिया। शिवपाल की उपस्थिति को परिवार की मजबूती का प्रमाण बताया गया। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता इसे पार्टी एकता से जोड़ रहे हैं। बिहार चुनावों में अखिलेश की भूमिका के बाद यह आयोजन सकारात्मक संदेश दे रहा है।
सैफई का महत्व केवल राजनीतिक नहीं है। यहां यादव परिवार स्कूल, अस्पताल और खेल मैदान संचालित करता है। आर्यन की शादी से गांव फिर सुर्खियों में है। स्थानीय निवासी उत्साहित हैं। वे कहते हैं कि ऐसा मौका साल में एक ही आता है। शादी के बाद दिल्ली में रिसेप्शन हो सकता है। वधू पक्ष के ठेकेदार पिता से व्यावसायिक रिश्ते मजबूत होंगे। आर्यन और सेरिंग की जोड़ी आधुनिकता और परंपरा का संगम है। आर्यन व्यवसायी हैं, सेरिंग वकील। दोनों की मुलाकात सामाजिक समारोह में हुई।
उत्तर प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच यह पारिवारिक आयोजन सुखद रहा। अखिलेश व्यस्त जीवन में भी परिवार को प्राथमिकता देते हैं। डिंपल ने कहा कि ऐसे पल जीवन को संतुलित रखते हैं। शिवपाल ने अखिलेश की प्रशंसा की। परिवार ने मीडिया को बताया कि यह निजी समारोह है। लेकिन वायरल वीडियो से यह सार्वजनिक हो गया। 25 नवंबर को शादी के बाद सैफई फिर गूंजेगा। उम्मीद है कि यह एकता राजनीति में भी कायम रहे। यादव परिवार की विरासत सैफई से ही पोषित हुई है। अखिलेश की सादगी लोगों को प्रेरित करती रहेगी। यह शादी नई शुरुआत का संकेत देगी।
सैफई के ग्रामीणों ने आयोजन की तैयारियों की तारीफ की। हल्दी में लोकगीतों की धुन बजी। महिलाओं ने साड़ियां पहनीं। पुरुषों ने कुर्ता-पाजामा धारण किया। भोजन में पकौड़े, पूरी-सब्जी और मिठाइयां परोसी गईं। अखिलेश ने सभी से गर्मजोशी से बात की। वे बोले कि परिवार ही सबसे बड़ी शक्ति है। डिंपल ने सेरिंग से मिलकर शुभकामनाएं दीं। आर्यन भावुक दिखे। पिता की कमी खली, लेकिन परिवार ने सब संभाला। शादी के मेहमानों की सूची तैयार है। कुछ राजनीतिक नेता भी आ सकते हैं। लेकिन केंद्र में परिवार रहेगा।
यह घटना समाजवादी पार्टी के लिए भी अहम है। 2024 लोकसभा चुनावों के बाद सपा मजबूत हुई। अखिलेश की लोकप्रियता चरम पर है। पारिवारिक एकता से कार्यकर्ता प्रेरित हैं। सैफई से ही राजनीतिक सफर शुरू हुआ। मुलायम सिंह की स्मृतियां जीवंत हैं। वे हमेशा परिवार को जोड़कर रखते थे। अब अखिलेश यह जिम्मेदारी निभा रहे हैं। डिंपल परिवार की रीढ़ हैं। उनकी शादी की 26वीं वर्षगांठ कल ही थी। यह समारोह खुशियों में इजाफा कर गया। आर्यन की शादी सैफई की परंपराओं को आगे बढ़ाएगी। स्थानीय व्यापार को भी फायदा होगा। दुकानदारों ने सजावट के ठेके लिए हैं।
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