अयोध्या राम मंदिर में ध्वजारोहण: विवाह पंचमी पर पीएम मोदी ने किया दर्शन-पूजन, शिखर पर फहराई भगवा ध्वजा।
अयोध्या की पावन धरती पर आज विवाह पंचमी का विशेष अवसर है। इस शुभ दिन पर श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण होने का प्रतीक
अयोध्या की पावन धरती पर आज विवाह पंचमी का विशेष अवसर है। इस शुभ दिन पर श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण होने का प्रतीक बन गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह करीब नौ बजकर तीस मिनट पर अयोध्या पहुंचकर एक भव्य रोड शो किया। शहर के मुख्य मार्गों पर फूलों की वर्षा और भजन-कीर्तन की धुनों के बीच उनका स्वागत हुआ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनका हार्दिक स्वागत किया। यह यात्रा केवल एक समारोह नहीं, बल्कि देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का नया अध्याय है। मंदिर परिसर में पहुंचते ही पीएम मोदी ने सबसे पहले सप्त मंदिर का दर्शन किया। यहां महर्षि वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, वाल्मीकि, देवी अहल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी के मंदिर हैं। इन ऋषि-मुनियों और भक्तों की कथाएं रामायण की आधारशिला हैं।
सप्त मंदिर के दर्शन के बाद प्रधानमंत्री शेषावतार मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने पूजा-अर्चना की और भगवान विष्णु के अवतारों की आराधना की। लगभग सवा दस बजे वे माता अन्नपूर्णा मंदिर गए। माता अन्नपूर्णा भोजन की देवी हैं और उनका आशीर्वाद समृद्धि का प्रतीक है। इसके बाद राम दरबार गर्भगृह में दर्शन और पूजन किया। राम दरबार में भगवान राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, माता सीता और हनुमान जी की मूर्तियां विराजमान हैं। यह दृश्य भक्तों के लिए अत्यंत भावुक क्षण साबित हुआ। पीएम मोदी ने गर्भगृह में अर्पित फूलों और दीपों से पूजन किया। राम लला के गर्भगृह में भी उन्होंने दर्शन किए। बाल रूप में विराजमान राम लला की मूर्ति देखकर उनके चेहरे पर विशेष श्रद्धा झलक रही थी।
दोपहर करीब बारह बजे अभिजीत मुहूर्त में मुख्य समारोह हुआ। प्रधानमंत्री ने मंदिर के 191 फीट ऊंचे शिखर पर भगवा धर्म ध्वजा फहराई। यह ध्वजा 22 फीट लंबी और 11 फीट चौड़ी है। इसमें भगवान राम की आभा का प्रतीक सूर्य चित्र, ओम अक्षर और कोविदार वृक्ष की आकृति उकेरी गई है। ध्वजा को 161 फीट ऊंचे दंड पर स्थापित किया गया, जिसमें 21 किलो सोना जड़ा हुआ है। यह ध्वजारोहण मंदिर निर्माण की पूर्णता का संकेत है। वैदिक परंपरा के अनुसार, ध्वजा फहराने से मंदिर पूर्ण रूप से सक्रिय हो जाता है। भक्तों का मानना है कि ध्वजा के दर्शन से सभी देवी-देवताओं के दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है। समारोह के दौरान वेद मंत्रोच्चार, शंखनाद और घंटाध्वनि गूंजी। आसपास के क्षेत्रों में दीप प्रज्वलन और आतिशबाजी हुई।
यह तिथि विवाह पंचमी होने से और भी महत्वपूर्ण है। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था। त्रेता युग की यह कथा आज भी प्रेम, मर्यादा और धर्म का प्रतीक है। अयोध्या और जनकपुर (नेपाल) में इस पर्व को विशेष उत्साह से मनाया जाता है। इस वर्ष यह संयोग दुर्लभ है क्योंकि अभिजीत मुहूर्त में ध्वजारोहण हो रहा है। यही वह समय था जब भगवान राम का जन्म हुआ। साथ ही, आज नौवें सिख गुरु तेग बहादुर जी का शहादत दिवस भी है। इतिहास के अनुसार, उन्होंने 17वीं शताब्दी में अयोध्या में 48 घंटे ध्यान किया था। इस कारण कार्यक्रम में सिख समुदाय के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
मंदिर परिसर में 14 अतिरिक्त मंदिर बने हैं, जिनमें विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमाएं हैं। पूरा परिसर 2.7 एकड़ में फैला है। निर्माण कार्य जनवरी 2024 में प्राण प्रतिष्ठा के बाद तेजी से पूरा हुआ। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर की नींव 15 फीट गहरी है और यह भूकंप प्रतिरोधी है। पत्थर राजस्थान के बांसवाड़ा से लाए गए हैं। मूर्तियां मकराना के संगमरमर से बनी हैं। ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि यह निर्माण केवल भवन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनरुत्थान है।
कार्यक्रम में 7500 से अधिक अतिथि आमंत्रित थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, सचिन तेंदुलकर, राम चरण जैसे हस्तियां शामिल हुईं। 3000 स्थानीय निवासी और 3000 पूर्वी उत्तर प्रदेश से आए थे। वनवासी क्षेत्रों के संतों को भी स्थान दिया गया। ट्रस्ट ने 1800 कमरों का होटल और होमस्टे व्यवस्था की। 100 टन फूलों से सजावट की गई। लेजर शो, रंगोली और रोशनी से अयोध्या दीपावली जैसी चमक रही है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे। 10,000 से अधिक पुलिसकर्मी, अर्धसैनिक बल, एनएसजी कमांडो और स्नाइपर तैनात थे। पांच स्तर की सुरक्षा व्यवस्था में 14 एसपी, 30 एएसपी और 90 डीएसपी शामिल थे। एंटी-ड्रोन सिस्टम और सीसीटीवी से निगरानी की गई। भारत-नेपाल सीमा पर सतर्कता बढ़ाई गई। ट्रैफिक डायवर्जन लागू कर भीड़ प्रबंधन किया। आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर दोपहर दो बजकर तीस मिनट तक बंद रहा। दर्शन शाम को सामान्य समय पर फिर शुरू हुए। ट्रस्ट ने यात्रियों को एक दिन पहले पहुंचने की सलाह दी थी।
प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा, भगवान राम भारत की आत्मा हैं। यह मेरे लिए सौभाग्य का क्षण है कि मैं राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन करूंगा। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अयोध्या अब वैदिक दर्शन से प्रेरित आधुनिक शहर बनेगी। स्मार्ट सिटी, सौर ऊर्जा और पर्यटन विकास से यहां वैश्विक पहचान मिलेगी। कार्यक्रम का प्रसारण दूरदर्शन पर लाइव दिखाया गया। देशभर के भक्त घर बैठे दर्शन कर सके।
यह घटना दशकों के संघर्ष का परिणाम है। 2019 के सुप्रीम कोर्ट फैसले के बाद मंदिर निर्माण शुरू हुआ। लाखों श्रद्धालुओं ने दान दिया। ट्रस्ट को 3000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जिनमें से आधे खर्च हो चुके हैं। मंदिर न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि पर्यटन का केंद्र भी बनेगा। अयोध्या में रेल, सड़क और हवाई संपर्क मजबूत हुआ है। अयोध्या धाम जंक्शन एक वास्तुशिल्पीय चमत्कार है।
आज के समारोह से अयोध्या में नई ऊर्जा का संचार हुआ। स्थानीय व्यापारी उत्साहित हैं। होटल, दुकानें और परिवहन सेवाओं में उछाल आया। भक्तों ने भंडारों में प्रसाद वितरण किया। संतों ने पीएम मोदी की प्रशंसा की। एक संत ने कहा कि यह राम राज्य की शुरुआत है। वैज्ञानिक दृष्टि से मंदिर की वास्तुकला प्राचीन भारतीय शिल्प का उत्कृष्ट उदाहरण है।
यह अवसर हमें एकता का संदेश देता है। विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधि एक मंच पर आए। सिख गुरु की स्मृति से हिंदू-सिख एकता झलकी। विवाह पंचमी पर जोड़े बंधने की परंपरा भी चली। अयोध्या में सामूहिक विवाह कार्यक्रम हुए। भविष्य में मंदिर परिसर में नृत्य मंडप, रंग मंडप जैसे सभागार धार्मिक आयोजनों के लिए उपयोग होंगे।
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