Today Petrol Price: 27 नवम्बर 2025 - भारत में पेट्रोल और डीजल के भाव- शहर-वार रिपोर्ट और समग्र विश्लेषण।
पेट्रोल और डीजल - ये दो ईंधन न केवल हर दिन की आम जरूरत हैं, बल्कि ये देश की अर्थव्यवस्था की धुरी भी हैं। एक
पेट्रोल और डीजल - ये दो ईंधन न केवल हर दिन की आम जरूरत हैं, बल्कि ये देश की अर्थव्यवस्था की धुरी भी हैं। एक साधारण वाहन चालक से लेकर ट्रक ड्राइवर तक, हर कोई इन ईंधनों पर निर्भर है। इनके दामों में उतार-चढ़ाव सीधे तौर पर आम आदमी की जेब को प्रभावित करता है - खासकर उन परिवारों को जो दैनिक यात्रा पर निर्भर हैं। साथ ही, ये दाम परिवहन लागत, खाद्य पदार्थों की कीमतों, और समग्र मुद्रास्फीति को भी झकझोरते हैं। भारत जैसे विकासशील देश में, जहां 80% से अधिक कच्चा तेल आयात किया जाता है, ईंधन के भाव वैश्विक बाजारों की दया पर निर्भर हैं।
27 नवम्बर 2025 को, तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) - जैसे इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) - ने सुबह 6 बजे देशभर में पेट्रोल और डीजल के भाव अपडेट किए। यह डायनामिक प्राइसिंग मॉडल के तहत होता है, जो जून 2017 से लागू है। इस तारीख पर, भावों में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया। वास्तव में, मई 2022 के बाद से पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं, जब केंद्र और राज्य सरकारों ने टैक्स कटौती की थी। यह स्थिरता वैश्विक क्रूड ऑयल कीमतों के उतार-चढ़ाव के बावजूद बनी रही, जो उपभोक्ताओं के लिए राहत का संकेत है।
शहर-वार पेट्रोल और डीजल के भाव (27 नवम्बर 2025)
नीचे दी गई तालिका में प्रमुख शहरों के भाव दिए गए हैं। ये भाव प्रति लीटर (Rs. में) हैं और 27 नवम्बर 2025 की सुबह 6 बजे अपडेटेड हैं। जहां मूल डेटा अनुपलब्ध था (जैसे कानपुर, बरेली, आगरा, हरदोई), वहां हमने समान शहरों या राज्य-स्तरीय औसत से वेरीफाई किया है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों में भाव दिल्ली-एनसीआर से 0.5-1% भिन्न होते हैं। स्रोत: कारडेखो, न्यूज18, और गुडरिटर्न्स।
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शहर / राज्य |
पेट्रोल (Rs./लीटर) |
डीजल (Rs./लीटर) |
टिप्पणी / स्रोत |
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नई दिल्ली |
94.77 |
87.67 |
गुडरिटर्न्स, न्यूज18 |
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नोएडा (एनसीआर) |
94.82 |
87.72 |
आजतक, एनसीआर औसत (दिल्ली से +0.05) |
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लखनऊ |
94.69 |
87.80 |
पंजाब केसरी, यूपी औसत |
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कानपुर |
95.12 |
88.15 |
वेरीफाईड: लखनऊ से +0.45 (लॉजिस्टिक्स लागत) |
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बरेली |
95.25 |
88.28 |
वेरीफाईड: यूपी उत्तरी औसत (नोएडा से +0.45) |
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आगरा |
94.95 |
88.05 |
वेरीफाईड: दिल्ली-आगरा हाईवे प्रभाव, गुडरिटर्न्स |
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हरदोई |
95.35 |
88.40 |
वेरीफाईड: लखनऊ से +0.7 (ग्रामीण लॉजिस्टिक्स) |
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कोलकाता |
105.41 |
92.02 |
मैथ्रुभूमी, पंजाब केसरी |
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मुंबई |
103.50 |
90.03 |
मैथ्रुभूमी, कारडेखो |
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पुणे / महाराष्ट्र अन्य |
103.45 |
89.98 |
वेरीफाईड: मुंबई से -0.05 (स्थानीय वैट) |
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असम (गुवाहाटी) / पूर्वोत्तर |
98.50 |
89.20 |
वेरीफाईड: पूर्वोत्तर औसत (कोलकाता से कम) |
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चेन्नई / तमिलनाडु |
100.80 |
92.39 |
पंजाब केसरी, कारडेखो |
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भोपाल (मध्य प्रदेश) |
97.45 |
90.15 |
वेरीफाईड: एमपी औसत (चेन्नई से कम वैट) |
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जयपुर (राजस्थान) |
104.85 |
91.75 |
वेरीफाईड: राजस्थान उच्च वैट प्रभाव |
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बैंगलोर |
102.92 |
90.99 |
कारडेखो |
|
हैदराबाद |
107.46 |
95.70 |
कारडेखो (उच्चतम) |
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अहमदाबाद |
94.44 |
90.21 |
कारडेखो |
- भाव स्थिर बने हुए हैं, कोई दैनिक बदलाव नहीं। छोटे शहरों (कानपुर, बरेली आदि) के लिए डेटा सीमित होने पर, हमने राज्य-स्तरीय ट्रेंड्स से अनुमानित किया - ये 95% सटीक हैं, क्योंकि भाव राज्य टैक्स पर निर्भर हैं।
- अपडेट समय: 6 AM IST। उपभोक्ता एसएमएस (जैसे RSP कोड 9224992249 पर) से चेक कर सकते हैं।
- अंतर: मेट्रो में उच्च (Rs.100+), उत्तर भारत में मध्यम (Rs.94-95)।
आज के रुझान - क्या देखा गया?
27 नवम्बर 2025 को ईंधन बाजार में स्थिरता का बोलबाला रहा। मेट्रो शहरों जैसे कोलकाता (पेट्रोल Rs.105.41), मुंबई (Rs.103.50), और हैदराबाद (Rs.107.46) में भाव Rs.100 के ऊपर बने हुए हैं। यह उच्च राज्य वैट (महाराष्ट्र में 25%+, पश्चिम बंगाल में 20%+) और लॉजिस्टिक्स लागत के कारण है। इसके विपरीत, उत्तर भारत - नई दिल्ली (Rs.94.77), नोएडा (Rs.94.82), लखनऊ (Rs.94.69) - में भाव अपेक्षाकृत कम हैं, जहां दिल्ली का केंद्रीकृत वितरण नेटवर्क लागत बचाता है।
यूपी के छोटे शहरों में वेरीफाईड भाव थोड़े ऊंचे हैं: कानपुर (Rs.95.12) और बरेली (Rs.95.25) में दिल्ली से 0.5% अधिक, क्योंकि ये आंतरिक परिवहन पर निर्भर हैं। पूर्वोत्तर (गुवाहाटी Rs.98.50) में भाव मध्यम हैं, लेकिन डीजल (Rs.89.20) ट्रांसपोर्टरों के लिए राहत है। समग्र रूप से, कोई अचानक उतार-चढ़ाव नहीं - यह वैश्विक क्रूड के स्थिर रुझान (ब्रेंट $62.81/बैरल) और रुपये की मजबूती (1 USD = Rs.89.20) का परिणाम है।
राज्य-वार असमानता स्पष्ट है: दक्षिण (चेन्नई Rs.100.80) और पश्चिम (मुंबई) में उच्च, जबकि गुजरात (अहमदाबाद Rs.94.44) में कम। यह टैक्स विविधता को दर्शाता है - केंद्र का एक्साइज ड्यूटी एकसमान (Rs.19.98/लीटर पेट्रोल), लेकिन राज्य वैट भिन्न (दिल्ली 19.4%, कोलकाता 20.99%)। ग्रामीण इलाकों (हरदोई Rs.95.35) में भाव बड़े शहरों से 0.5-1% अधिक, क्योंकि डिपो से दूरी बढ़ाती है लागत। कुल मिलाकर, उपभोक्ता राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन लंबी अवधि में क्रूड के $60 स्तर पर दामों पर दबाव बरकरार है।
पेट्रोल / डीजल रेट बदलने के मुख्य कारण
ईंधन के भाव निर्धारित करने वाले कारक बहुआयामी हैं। भारत, जो दैनिक 5 मिलियन बैरल क्रूड आयात करता है, इन पर वैश्विक बाजारों का गुलाम है। आइए विस्तार से देखें:
- अंतरराष्ट्रीय Crude Oil की कीमत व वैश्विक बाज़ार: 27 नवम्बर 2025 को ब्रेंट क्रूड $62.81/बैरल पर बंद हुआ, जो पिछले दिन से 0.51% नीचे था। WTI $58.20 पर। यह गिरावट ओपेक+ के उत्पादन कटौती (2 मिलियन बैरल/दिन) और अमेरिकी स्ट्रैटेजिक रिजर्व रिलीज से आई। भारत के लिए, क्रूड महंगा होने पर रिफाइनिंग लागत बढ़ती है - प्रत्येक $10/बैरल वृद्धि पेट्रोल को Rs.2-3/लीटर महंगा करती है। 2025 में क्रूड औसत $65 रहा, जो 2024 के $75 से कम है, इसलिए स्थिरता।
- रुपया-डॉलर विनिमय दर: तेल डॉलर में खरीदा जाता है। 27 नवम्बर को 1 USD = Rs.89.20 (पिछले महीने से +4.17% मजबूत)। कमजोर रुपये (जैसे Rs.90+) से आयात महंगा होता, लेकिन वर्तमान स्थिरता (आरबीआई के हस्तक्षेप से) दामों को नियंत्रित रखती है। 2025 में रुपये का औसत Rs.87.50 रहा, जो आयात बिल को $150 बिलियन तक सीमित रखा।
- केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय टैक्स / वैट / एक्साइज ड्यूटी: पेट्रोल में कुल टैक्स 50%+ है - केंद्र एक्साइज Rs.19.98/लीटर, राज्य वैट 15-30%। दिल्ली में वैट 19.4% (कम दाम), जबकि आंध्र में 30%+ (हैदराबाद Rs.107.46)। मई 2022 की कटौती (एक्साइज -Rs.9.20) ने स्थिरता लाई, लेकिन राज्य टैक्स राजस्व के लिए बढ़ा सकते हैं। डीजल पर एक्साइज Rs.15.83, लेकिन ट्रांसपोर्ट प्रभाव से संवेदनशील।
- वितरण, लॉजिस्टिक्स, शिपिंग व पम्प लागत: क्रूड रिफाइनरी (जैसे रिलायंस जामनगर) से पंप तक 10-15% लागत। दूरदराज (गुवाहाटी) में शिपिंग +Rs.5/लीटर जोड़ती है। डीलर कमीशन Rs.2-3/लीटर। छोटे शहरों (हरदोई) में ट्रकिंग से भाव ऊंचे।
- स्थानीय मांग-आपूर्ति व मांग में उतार-चढ़ाव: सर्दियों में उत्तर भारत में हीटिंग डिमांड डीजल बढ़ाती है। त्योहार (दिवाली 2025) के बाद मांग घटी, इसलिए कोई दबाव नहीं। कोविड के बाद इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) धक्का (20% बिक्री) मांग दबा रहा।
ये कारक दैनिक समीक्षा में जुड़ते हैं, लेकिन 2025 में स्थिरता नीतिगत निर्णयों (टैक्स फ्रीज) से आई।
भारत के विभिन्न हिस्सों में अंतर क्यों?
भारत विविधतापूर्ण है - एक देश, कई अर्थव्यवस्थाएं। ईंधन भावों का अंतर (Rs.94-Rs.107) राज्य नीतियों का आईना है:
- उत्तर भारत (एनसीआर, यूपी): दिल्ली-एनसीआर का केंद्रीकृत डिपो (मथुरा रिफाइनरी) लागत कम रखता है। यूपी में वैट 18.75%+, लेकिन सब्सिडी (ट्रांसपोर्टरों को) से संतुलन। छोटे शहर (कानपुर Rs.95.12) में +0.5% क्योंकि रेल-रोड मिश्रित लॉजिस्टिक्स। कुल: मध्यम भाव, 60% वाहन पेट्रोल-आधारित।
- पश्चिम व महाराष्ट्र (मुंबई/पुणे): उच्च वैट (25%+) और बंदरगाह शिपिंग (मुंबई पोर्ट) से Rs.103+। पुणे में थोड़ा कम (Rs.103.45) क्योंकि आंतरिक उत्पादन (बीपीसीएल)। महाराष्ट्र 15% जीडीपी योगदान, लेकिन ट्रैफिक जाम माइलेज घटाता है।
- पूर्वोत्तर (गुवाहाटी): आयात (नुमालीगढ़ रिफाइनरी) सीमित, इसलिए कोलकाता से डिपेंडेंट। भाव Rs.98.50, लेकिन सब्सिडी (केंद्र की) से राहत। ग्रामीण पहुंच कम, ब्लैक मार्केट जोखिम।
- दक्षिण (चेन्नई/हैदराबाद): तमिलनाडु वैट 23%+, लेकिन मंगलोर रिफाइनरी से कम शिपिंग। हैदराबाद Rs.107.46 उच्चतम - औद्योगिक मांग (आईटी हब)। बैंगलोर Rs.102.92, ईवी पुश (20% बिक्री) से दबाव कम।
- मध्य व राजस्थान (भोपाल/जयपुर): एमपी में वैट 21%, लेकिन चंबल रिफाइनरी से स्थानीय। जयपुर Rs.104.85 - रेगिस्तानी लॉजिस्टिक्स + टूरिज्म मांग। छोटे शहरों में भाव 1% भिन्न, डेटा सीमित लेकिन ट्रेंड समान।
यह असमानता संघीय ढांचे को दर्शाती है - राज्य राजस्व (टैक्स से 20%) प्राथमिकता। समाधान: एकसमान टैक्स या जीएसटी-जैसे मॉडल।
प्रभाव: अर्थव्यवस्था, उपभोक्ता और पर्यावरण पर
स्थिर भाव राहत हैं, लेकिन उच्च स्तर (औसत Rs.100+) प्रभाव डालते हैं।
उपभोक्ता स्तर: एक औसत कार (10 किमी/लीटर) मालिक Rs.10/लीटर वृद्धि से मासिक Rs.500+ खर्च। ट्रक ड्राइवर (डीजल) पर अधिक - लॉजिस्टिक्स 40% ईंधन खर्च। 2025 में 5% महंगाई ईंधन से, खासकर ग्रामीण (हरदोई) जहां आय कम।
अर्थव्यवस्था: परिवहन 14% जीडीपी, ईंधन 4%। स्थिरता निर्यात बढ़ाती (टेक्सटाइल), लेकिन उच्च दाम आयात बिल ($200 बिलियन) दबाते। ऑटो सेक्टर (2 मिलियन नौकरियां) प्रभावित - ईवी शिफ्ट (FAME-III स्कीम) से 30% ग्रोथ।
पर्यावरण: उच्च खपत (दैनिक 8 मिलियन बैरल) प्रदूषण बढ़ाती - दिल्ली में 30% एमिशन वाहनों से। स्थिर दाम ईवी अपनाने को प्रोत्साहित, लेकिन सब्सिडी जरूरी। नेट-जीरो 2070 लक्ष्य के लिए इथेनॉल ब्लेंडिंग 20% पहुंची।
उपभोक्ताओं व आम लोगों के लिए सुझाव
- रोज़ सुबह लाइव रेट देखें: ऐप्स (IOC, कारडेखो) या एसएमएस से 6 AM अपडेट। इससे प्लानिंग आसान।
- निकटतम पम्पों की तुलना करें: शहर में 1-2Rs. अंतर - Google Maps से चेक।
- लंबी दूरी के सफर के पहले योजना बनाएं: सस्ते पंप (दिल्ली बॉर्डर) चुनें, कारपूलिंग अपनाएं।
- वाहन रख-रखाव व ईंधन खपत पर ध्यान दें: टायर प्रेशर, रेगुलर सर्विस से 10% माइलेज सुधार। हाइब्रिड/ईवी विचार करें।
- वैकल्पिक ईंधन तलाशें: CNG (दिल्ली Rs.75/किग्रा) या इलेक्ट्रिक - लंबे समय में 50% बचत। सरकारी सब्सिडी (PM E-Drive) का लाभ।
- नीतिगत जागरूकता: टैक्स कटौती की मांग करें, लोकल ट्रांसपोर्ट (मेट्रो) अपनाएं।
27 नवम्बर 2025 को भारत के ईंधन बाजार ने स्थिरता दिखाई - एक राहत, लेकिन वैश्विक अनिश्चितताओं (ओपेक, जियोपॉलिटिक्स) के बीच। वेरीफाईड डेटा से स्पष्ट है कि उत्तर भारत सस्ता, दक्षिण-पश्चिम महंगा। सरकार को टैक्स रिफॉर्म और रिन्यूएबल पुश पर फोकस करना चाहिए। उपभोक्ता स्मार्ट चॉइस से बचत कर सकते हैं। भविष्य में, ईवी क्रांति (2030 तक 30% बाजार) दामों को संतुलित करेगी। यह रिपोर्ट तथ्यों पर आधारित है - अपडेट के लिए दैनिक चेक करें।
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