बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने चेलों को लताड़ा: चेले ही गुरुओं की लुटिया डुबोते हैं, भक्तों को सावधान रहने की चेतावनी। 

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक कथा के दौरान अपने चेलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चेले ही अपने गुरुओं

Oct 26, 2025 - 15:40
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बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने चेलों को लताड़ा: चेले ही गुरुओं की लुटिया डुबोते हैं, भक्तों को सावधान रहने की चेतावनी। 
बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने चेलों को लताड़ा: चेले ही गुरुओं की लुटिया डुबोते हैं, भक्तों को सावधान रहने की चेतावनी। 

छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक कथा के दौरान अपने चेलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चेले ही अपने गुरुओं की लुटिया डुबो देते हैं, चाहे वे राजनीतिक नेताओं के सहायक हों या धार्मिक बाबाओं के अनुयायी। शास्त्री ने साफ शब्दों में कहा कि वे केवल दो जिम्मेदारियों का बोझ उठाते हैं—एक बालाजी की और दूसरी अपनी। यह बयान हाल ही में उनके कुछ चेलों पर लगे आरोपों के बाद आया है, जिसमें उन पर भक्तों से पैसे लेकर बाबा से निजी भेंट कराने का इल्जाम लगा। नाराजगी जाहिर करते हुए शास्त्री ने चेलों को कड़ी चेतावनी दी और भक्तों से अपील की कि ऐसे धोखेबाजों से दूर रहें।

यह घटना 24 अक्टूबर 2025 को बागेश्वर धाम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान घटी। हजारों भक्तों के बीच शास्त्री ने अपनी कथा में अचानक विषय बदल लिया और चेलों की हरकतों पर गुस्सा निकाला। उन्होंने कहा, चेले गुरुओं को ही डुबो देते हैं। आजकल लोग भगवा वस्त्र पहनकर, तिलक लगाकर घूमते हैं, लेकिन उनके अंदर सच्ची भक्ति नहीं होती। वे सिर्फ दिखावा करते हैं। शास्त्री ने उदाहरण देते हुए बताया कि कई बड़े गुरु और नेता अपने करीबियों के कारण बदनाम हो जाते हैं। वे भक्तों से बोले, सच्ची भक्ति को पहचानो और झूठे आडंबर से बचो। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जहां लाखों लोगों ने इसे शेयर किया।

इन बयानों का कारण बागेश्वर धाम पर हाल के आरोप हैं। पिछले कुछ हफ्तों में कई भक्तों ने शिकायत की कि कुछ चेले दावा कर रहे हैं कि वे बाबा से मिलवाने के लिए पैसे लेते हैं। एक भक्त ने बताया कि उसे 5000 रुपये देने पड़े, लेकिन मिलने का नामोनिशान नहीं। ऐसी शिकायतें बढ़ने पर शास्त्री को खबर लगी। उन्होंने तुरंत जांच के आदेश दिए और दोषी चेलों को धाम से दूर करने की बात कही। इंडिया टीवी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शास्त्री ने कहा कि ये हरकतें धाम की पवित्रता को खराब कर रही हैं। वे चाहते हैं कि बागेश्वर धाम भक्ति का केंद्र बने, न कि व्यापार का।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका मूल नाम धीरेंद्र कृष्ण गर्ग था। बचपन से ही उन्हें धार्मिक प्रवृत्ति थी। उनके दादा सेटूलाल गर्ग, जिन्हें सिद्ध संत के रूप में जाना जाता है, ने उन्हें आध्यात्मिक मार्ग पर चलना सिखाया। 13 साल की उम्र में शास्त्री ने संन्यास ले लिया और बागेश्वर धाम की कमान संभाली। धाम का नाम बागेश्वर बालाजी मंदिर से पड़ा है, जो भगवान हनुमान को समर्पित है। यहां हर मंगलवार और शनिवार को दिव्य दरबार लगता है, जहां शास्त्री भक्तों की समस्याएं सुनते हैं और समाधान बताते हैं।

शास्त्री की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। वे राम कथा, भागवत कथा और अन्य धार्मिक प्रवचनों के लिए मशहूर हैं। उनके कार्यक्रमों में लाखों लोग आते हैं। बागेश्वर धाम में अन्नपूर्णा रसोई चलती है, जहां गरीबों को मुफ्त भोजन मिलता है। शास्त्री ने सामूहिक विवाह आयोजन भी शुरू किए, जिसमें हजारों जोड़े बिना दहेज के शादी करते हैं। 2023 में महाकुंभ के समय उन्होंने लाखों भक्तों को संबोधित किया। लेकिन उनकी जिंदगी विवादों से भी घिरी रही। 2023 में महाराष्ट्र की अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने उनके चमत्कारों को चुनौती दी, जिसके बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। शास्त्री ने इसे साजिश बताया।

पिछले साल पंजाब में उनके ईसाई समुदाय पर बयानों ने विवाद खड़ा किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग धर्मांतरण का खेल खेल रहे हैं, जिस पर शिकायतें आईं। फिर भी, उनके लाखों समर्थक उन्हें सच्चा संत मानते हैं। 2025 में उन्होंने नेपाल की अशांति पर टिप्पणी की और कहा कि देश को बचाने के लिए सामाजिक सद्भाव जरूरी है। वे 7 से 16 नवंबर तक पैदल यात्रा करने वाले हैं, जिसका उद्देश्य हिंदू राष्ट्र की अवधारणा को मजबूत करना है। लेकिन चेलों का विवाद उनके लिए नई चुनौती है।

बागेश्वर धाम छतरपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर है। यह एक छोटा सा गांव था, लेकिन शास्त्री के आने के बाद पर्यटन स्थल बन गया। यहां बालाजी का प्राचीन मंदिर है, जहां भक्त चमत्कारिक घटनाओं की कहानियां सुनाते हैं। धाम में स्कूल, अस्पताल और आश्रम चलते हैं। शास्त्री ने कहा है कि वे किसी से पैसे नहीं मांगते। दान स्वैच्छिक है। लेकिन चेलों की हरकतों से उनकी छवि पर असर पड़ रहा है। एक समर्थक ने कहा, बाबा सच्चे हैं, लेकिन उनके आसपास के लोग गलत हैं।

शास्त्री के बयान के बाद धाम पर सख्ती बढ़ गई। उन्होंने चेलों को चेतावनी दी कि जो गलत करेगा, उसे माफ नहीं किया जाएगा। भक्तों से अपील की कि वे सीधे धाम आएं, बिचौलियों पर भरोसा न करें। सोशल मीडिया पर #BageshwarDhamChelaVivaad ट्रेंड कर रहा है। कई यूजर्स ने शास्त्री की तारीफ की, कहा कि वे सच्चाई के लिए खड़े हैं। कुछ ने चेलों की निंदा की।

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