ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर का भारत दौरा: 8-9 अक्टूबर को पहली आधिकारिक यात्रा, मोदी से मुलाकात और विजन 2035 पर चर्चा होगी।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर अगले सप्ताह 8 और 9 अक्टूबर को दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत पहुंचेंगे। यह उनकी भारत की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी, जो भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर अगले सप्ताह 8 और 9 अक्टूबर को दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत पहुंचेंगे। यह उनकी भारत की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी, जो भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर हो रही है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस दौरे के दौरान स्टार्मर और मोदी के बीच व्यापक बातचीत होगी। दोनों नेता भारत-ब्रिटेन के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा करेंगे, जो विजन 2035 के दिशानिर्देशों पर आधारित है। यह दौरा जुलाई 2025 में मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के बाद हो रहा है। स्टार्मर मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में भाग लेंगे और उद्योग जगत के विशेषज्ञों से मिलेंगे। यह यात्रा दोनों देशों के बीच आर्थिक, तकनीकी और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने का अवसर बनेगी।
कीर स्टार्मर का जन्म 2 सितंबर 1963 को लंदन के निकट साउथवार्क में हुआ था। वे लेबर पार्टी के नेता हैं और जुलाई 2024 में रिशी सुनक को हराकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने। स्टार्मर एक पूर्व वकील हैं, जिन्होंने क्राउन प्रॉसीक्यूशन सर्विस के प्रमुख के रूप में काम किया। वे मानवाधिकारों और सामाजिक न्याय के पक्षधर माने जाते हैं। ब्रिटेन की राजनीति में उनका उदय 2020 में लेबर पार्टी की कमान संभालने के बाद हुआ। स्टार्मर की नीतियां पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य सुधार और आर्थिक समानता पर केंद्रित हैं। भारत के साथ उनके संबंध गर्मजोशी भरे रहे हैं। जुलाई 2025 में चेकर्स में मोदी से उनकी पहली मुलाकात हुई, जहां एफटीए पर हस्ताक्षर हुए। स्टार्मर ने कहा था कि भारत ब्रिटेन का प्रमुख साझेदार है और दोनों देश वैश्विक चुनौतियों का सामना एक साथ करेंगे।
भारत और ब्रिटेन के बीच संबंध औपनिवेशिक काल से गहरे हैं। स्वतंत्रता के बाद दोनों देशों ने आर्थिक और सांस्कृतिक बंधनों को मजबूत किया। 2004 में दोनों ने रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत की। जुलाई 2025 में एफटीए के हस्ताक्षर से यह साझेदारी नई ऊंचाई पर पहुंची। समझौते से वस्त्र, व्हिस्की, कारों पर टैरिफ कम होंगे और बाजार पहुंच बढ़ेगी। विजन 2035 एक दस वर्षीय रोडमैप है, जो व्यापार, निवेश, तकनीक, रक्षा, जलवायु, ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा और जन-जन संबंधों पर केंद्रित है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह दौरा मोदी की जुलाई यात्रा से उत्पन्न गति को बनाए रखेगा। स्टार्मर की यात्रा भारत को ब्रिटेन की आर्थिक प्राथमिकता के रूप में स्थापित करेगी।
दौरे का पहला दिन 8 अक्टूबर को नई दिल्ली में होगा। यहां स्टार्मर मोदी से मुलाकात करेंगे। बातचीत में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश प्रमुख रहेगा। भारत ब्रिटेन का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2024-25 में व्यापार 40 अरब पाउंड से अधिक रहा। एफटीए से यह 100 अरब पाउंड तक पहुंचने की उम्मीद है। तकनीकी सहयोग पर फोकस होगा, खासकर एआई, साइबर सिक्योरिटी और फिनटेक में। रक्षा क्षेत्र में संयुक्त अभ्यास और हथियार सौदे चर्चा में रहेंगे। जलवायु परिवर्तन पर दोनों देश ग्रीन एनर्जी और कार्बन न्यूट्रल लक्ष्यों पर सहमत होंगे। स्वास्थ्य और शिक्षा में छात्रविनिमय कार्यक्रम मजबूत होंगे।
9 अक्टूबर को स्टार्मर मुंबई पहुंचेंगे। यहां वे मोदी के साथ छठे ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में मुख्य वक्ता होंगे। यह फेस्ट 7 से 9 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें वैश्विक विशेषज्ञ, नीति निर्माता और नवप्रवर्तक भाग लेंगे। स्टार्मर और मोदी डिजिटल इनोवेशन और वित्तीय प्रौद्योगिकी पर व्याख्यान देंगे। मुंबई भारत की वित्तीय राजधानी है, जहां फिनटेक स्टार्टअप्स का केंद्र है। फेस्ट में यूपीआई, डिजिटल बैंकिंग और ब्लॉकचेन पर चर्चा होगी। दोनों नेता उद्योग नेताओं से मिलेंगे और भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक व्यापार समझौते (सीईटीए) के अवसर तलाशेंगे। सीईटीए एफटीए का विस्तार है, जो सेवाओं और निवेश को कवर करेगा।
यह दौरा वैश्विक मुद्दों पर भी छुएगा। दोनों नेता इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक एकीकरण पर सहमति जताएंगे। यूक्रेन युद्ध, गाजा शांति योजना और रूस के साथ संबंध चर्चा में रहेंगे। स्टार्मर ने ट्रंप की गाजा योजना का स्वागत किया है। दोनों देश लोकतांत्रिक मूल्यों को साझा करते हैं। यात्रा से पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर और ब्रिटिश समकक्ष डेविड लैमी ने फोन पर बात की। जयशंकर ने कहा कि यह दौरा साझेदारी को नई दिशा देगा।
भारत-ब्रिटेन संबंधों का इतिहास समृद्ध है। ब्रिटिश राज के बाद भी सांस्कृतिक आदान-प्रदान जारी रहा। बॉलीवुड, क्रिकेट और योग ने पुल बनाए। ब्रिटेन में 18 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं। स्टार्मर की यात्रा इन बंधनों को मजबूत करेगी। विशेषज्ञ कहते हैं कि एफटीए से भारत को 50,000 नौकरियां मिलेंगी। ब्रिटेन को भारतीय बाजार से लाभ होगा। यात्रा से पहले ब्रिटिश हाई कमीशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जहां कहा गया कि स्टार्मर भारत की ऊर्जा और नवाचार से प्रभावित हैं।
यह दौरा ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन की वैश्विक रणनीति का हिस्सा है। स्टार्मर सरकार भारत को एशियाई बाजारों में प्रवेश का द्वार मानती है। यात्रा में कोई समझौता हस्ताक्षर की संभावना है, लेकिन मुख्य फोकस प्रगति समीक्षा पर है। भारतीय मीडिया में इसे सकारात्मक कदम बताया जा रहा है। विपक्ष ने कहा कि यह द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा। स्टार्मर की पत्नी विक्टोरिया और कुछ मंत्री भी साथ होंगे। यात्रा के अंत में संयुक्त बयान जारी होगा।
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह महत्वपूर्ण है। फिनटेक फेस्ट से स्टार्टअप्स को निवेश मिलेगा। ब्रिटिश कंपनियां जैसे बार्कलेज और एचएसबीसी भारत में विस्तार करेंगी। शिक्षा में ब्रिटिश विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी बढ़ेगी। रक्षा में जॉइंट वेंचर्स पर काम होगा। जलवायु पर भारत की सौर ऊर्जा परियोजनाओं में ब्रिटिश फंडिंग आएगी।
यह यात्रा दोनों देशों के लिए नया अध्याय खोलेगी। स्टार्मर का भारत आना ब्रिटेन की एशिया नीति को दर्शाता है। मोदी ने ट्वीट कर स्वागत किया। आने वाले वर्षों में सहयोग और गहरा होगा। यह दौरा शांति, समृद्धि और साझा मूल्यों का प्रतीक बनेगा।
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