सीएनजी पेट्रोल पंप पर SDM ने मारा थप्पड़, कर्मचारी ने भी किया पलटवार, Video वायरल।
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक सीएनजी पेट्रोल पंप पर मंगलवार रात को एक ऐसी घटना घटी, जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। प्रतापगढ़ के एसडीएम छोटू लाल शर्मा, जो पहले मांडल
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक सीएनजी पेट्रोल पंप पर मंगलवार रात को एक ऐसी घटना घटी, जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। प्रतापगढ़ के एसडीएम छोटू लाल शर्मा, जो पहले मांडल में तैनात रहे थे, अपनी पत्नी दीपिका व्यास के साथ जयपुर से प्रतापगढ़ लौट रहे थे। रास्ते में अजमेर-भीलवाड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर जसवंतपुरा स्थित एक सीएनजी पंप पर गाड़ी में ईंधन भरवाने रुके। लेकिन वहां की छोटी-सी बात ने इतना बड़ा विवाद खड़ा कर दिया कि बात हाथापाई तक पहुंच गई। एसडीएम ने एक कर्मचारी को थप्पड़ मारा, तो जवाब में कर्मचारी ने भी पलटवार किया। पूरी घटना पंप पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। पुलिस ने एसडीएम की शिकायत पर पंप के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन वीडियो के वायरल होने से मामला और गरमा गया है।
घटना मंगलवार रात करीब 10 बजे की बताई जा रही है। एसडीएम छोटू लाल शर्मा अपनी निजी गाड़ी से पंप पर पहुंचे। वहां पहले से एक अन्य गाड़ी में सीएनजी भरने का काम चल रहा था। एसडीएम ने कर्मचारियों से कहा कि पहले उनकी गाड़ी में गैस भरी जाए। कर्मचारियों ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि लाइन के अनुसार काम होता है, पहले वाली गाड़ी का नंबर लग चुका है। इस पर एसडीएम गुस्से में आ गए। वीडियो में साफ सुनाई दे रहा है कि वे चिल्लाते हुए कहते हैं, मैं एसडीएम हूं यहां का, पहले दूसरे की गाड़ी में सीएनजी कैसे डाला। यह कहते हुए उन्होंने एक कर्मचारी को धक्का दिया और थप्पड़ जड़ दिया। वह कर्मचारी पीछे हट गया, लेकिन पास खड़े दूसरे कर्मचारी ने बीच-बचाव के नाम पर पलटवार किया। उसने एसडीएम को भी थप्पड़ मार दिया। इसके बाद हंगामा मच गया। एसडीएम के परिवार के अन्य सदस्य भी मौके पर थे, जिन्होंने चिल्लाना शुरू कर दिया। एसडीएम ने तुरंत रायला थाने पर फोन किया और पुलिस बुला ली।
पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों के नाम दीपक माली, प्रभुलाल कुमावत और राजा शर्मा हैं। ये तीनों ही रायला थाने में गिरफ्तार कर लिए गए। एसडीएम की पत्नी दीपिका व्यास ने थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने पंप कर्मचारियों पर गाली-गलौज, मारपीट और छेड़छाड़ के आरोप लगाए। दीपिका ने बताया कि कर्मचारियों ने उन्हें गलत नजरों से देखा, क्या माल लग रही है जैसे अभद्र शब्द कहे और आंख मारी। उन्होंने कहा कि उनके पति ने सिर्फ परिवार की रक्षा के लिए ऐसा किया। लेकिन वीडियो में ऐसा कोई संकेत नहीं दिख रहा। सीसीटीवी फुटेज में केवल ईंधन भरने को लेकर बहस और हाथापाई नजर आ रही है। एसडीएम छोटू लाल शर्मा ने वीडियो को काट-छांट कर वायरल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सच्चाई अलग है और पूरी जांच होनी चाहिए। रायला थानाधिकारी बच्छराज चौधरी ने बताया कि मामला दर्ज है और जांच चल रही है। कर्मचारियों को धारा 323, 294, 354 और 506 के तहत गिरफ्तार किया गया है।
यह घटना सोशल मीडिया पर बुधवार सुबह से ही ट्रेंड कर रही है। हजारों यूजर्स ने वीडियो शेयर किया है। कई ने एसडीएम के रवैये की कड़ी निंदा की है। एक यूजर ने लिखा कि पद का रौब दिखाना अब पुरानी बात हो गई, कानून सबके लिए बराबर है। वहीं कुछ ने कर्मचारियों का समर्थन किया और कहा कि वे सिर्फ अपना काम कर रहे थे। विपक्षी नेता भी मामले पर बोल पड़े हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे अधिकारियों को तुरंत निलंबित किया जाए। भाजपा सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं। भीलवाड़ा के डीएम और एसपी ने कहा कि वीडियो की फॉरेंसिक जांच होगी और दोषी को सजा मिलेगी।
छोटू लाल शर्मा का यह पहला विवाद नहीं है। वे पहले भी कई बार चर्चा में रहे हैं। मांडल में तैनाती के दौरान अनुशासनहीनता के आरोप लगे थे। एक बार तो उन्होंने एक पत्रकार को धमकी दी थी। उनकी पत्नी दीपिका व्यास भी विवादों से घिरी रहती हैं। एक पुराने मामले में उन्होंने कहा था कि कोर्ट-कचहरी सब हमारे हैं, कुछ नहीं बिगाड़ सकती। इस घटना ने फिर से उनके पुराने रिकॉर्ड को सामने ला दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों को जनता के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। थप्पड़ मारना या रौब झाड़ना लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं। यह घटना राजस्थान के अन्य जिलों में भी चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या अधिकारी कानून से ऊपर हैं।
पंप मालिक ने भी बयान दिया है कि उनके कर्मचारी निर्दोष हैं। उन्होंने कहा कि सीएनजी भरना एक प्रक्रिया है, जिसमें लाइन का पालन जरूरी है। एसडीएम की गाड़ी का लॉक खुलने में देरी हुई, इसलिए दूसरी गाड़ी में गैस भरी गई। यह कोई जानबूझकर गलती नहीं थी। गिरफ्तार कर्मचारियों के परिवार वाले थाने के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। वे न्याय की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया है कि निष्पक्ष जांच होगी। फिलहाल तीनों को जमानत के प्रयास हो रहे हैं।
इस घटना से सीएनजी पंपों पर सुरक्षा के मुद्दे भी उठे हैं। कई पंपों पर सीसीटीवी हैं, लेकिन स्टाफ को प्रशिक्षण की कमी है। ग्राहकों और कर्मचारियों के बीच छोटे विवाद बड़े हो जाते हैं। राजस्थान में ईंधन कीमतें बढ़ने से पंपों पर भीड़ बढ़ गई है। लोग लंबी लाइनों से परेशान हैं। सरकार को ऐसे मामलों के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी करने चाहिए। एसडीएम जैसे उच्च अधिकारियों को जनसंपर्क अभियान चलाने की जरूरत है, ताकि वे आम लोगों से जुड़ सकें।
घटना के बाद स्थानीय लोग दोहरी छापे की बात कर रहे हैं। एक तरफ अधिकारी का रौब, दूसरी तरफ आम आदमी का गुस्सा। वीडियो में एसडीएम की आवाज सुनकर लगता है कि वे आपा खो बैठे थे। कर्मचारी ने पलटवार किया, जो स्वाभाविक प्रतिक्रिया लगती है। लेकिन कानून के हिसाब से अधिकारी पर हाथ उठाना गलत है। फिर भी, शुरुआत किसने की, यह साफ है। जिला प्रशासन ने उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय से निर्देश का इंतजार है। अगर एसडीएम दोषी पाए गए, तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो सकती है।
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