कटनी: सड़क पर रेंगता दिखा 12 फीट का विशाल अजगर, लोगों में दहशत; वन विभाग ने दो घंटे की मशक्कत के बाद सुरक्षित बचाया। 

मध्य प्रदेश के कटनी जिले में बुधवार दोपहर एक सड़क पर 12 फीट लंबे विशाल अजगर को देखकर लोगों में दहशत फैल गई। घटना कटनी शहर के मुख्य बाजार क्षेत्र में हुई, जहां व्यस्त सड़क

Oct 23, 2025 - 12:34
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कटनी: सड़क पर रेंगता दिखा 12 फीट का विशाल अजगर, लोगों में दहशत; वन विभाग ने दो घंटे की मशक्कत के बाद सुरक्षित बचाया। 
कटनी: सड़क पर रेंगता दिखा 12 फीट का विशाल अजगर, लोगों में दहशत; वन विभाग ने दो घंटे की मशक्कत के बाद सुरक्षित बचाया। 

मध्य प्रदेश के कटनी जिले में बुधवार दोपहर एक सड़क पर 12 फीट लंबे विशाल अजगर को देखकर लोगों में दहशत फैल गई। घटना कटनी शहर के मुख्य बाजार क्षेत्र में हुई, जहां व्यस्त सड़क पर अचानक यह सरीसृप नजर आया। सड़क पर चल रहे वाहन चालक और राहगीरों ने अजगर को देखते ही चीखें मारना शुरू कर दिया। कई लोग भागने लगे, जबकि कुछ ने मोबाइल फोन निकालकर वीडियो बनाना शुरू कर दिया। अजगर सड़क के बीचों-बीच धीरे-धीरे रेंग रहा था, जिससे ट्रैफिक जाम हो गया। स्थानीय लोगों ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी। रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद अजगर को सुरक्षित पकड़ लिया। पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसमें टीम के सदस्यों द्वारा अजगर को लटकन से पकड़ने का प्रयास साफ दिख रहा है। वन विभाग ने अजगर को जंगल में छोड़ दिया, जहां वह सुरक्षित रहेगा।

घटना दोपहर करीब 1 बजे की बताई जा रही है। कटनी शहर का यह इलाका बाजारों और आवासीय क्षेत्रों से घिरा हुआ है। अचानक सड़क पर एक भारी-भरकम अजगर दिखाई दिया, जिसकी लंबाई लगभग 12 फीट थी। स्थानीय निवासी रामेश्वर पटेल ने बताया कि हम बाजार से लौट रहे थे, तभी सड़क पर कुछ काला दिखा। पास जाकर देखा तो विशाल अजगर रेंग रहा था। हम सब डर गए और भागने लगे। एक महिला राहगीर ने कहा कि बच्चे स्कूल से लौट रहे थे, अच्छा हुआ वन विभाग जल्दी पहुंच गया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि अजगर सड़क पर कुंडली मारकर लेटा था। उसके मोटे शरीर ने सड़क का आधा हिस्सा ढक लिया था। वाहन चालक ब्रेक मारते नजर आ रहे हैं, जबकि कुछ लोग दूरी से चिल्ला रहे हैं। अजगर भारतीय चट्टानी अजगर की प्रजाति का लगता है, जो मध्य प्रदेश के जंगलों में आम है। लेकिन शहरी इलाके में इसकी मौजूदगी दुर्लभ है।

वन विभाग की रेस्क्यू टीम का नेतृत्व रेंजर सुनील वर्मा ने किया। टीम में चार सदस्य थे, जिन्होंने विशेष उपकरणों का इस्तेमाल किया। पहले अजगर को डराने की कोशिश की गई, लेकिन वह स्थिर रहा। फिर लंबे हुक और लटकनों से उसे पकड़ा गया। रेंजर वर्मा ने बताया कि अजगर शांत स्वभाव का था, लेकिन उसका आकार देखकर लोग घबरा गए। हमने कोई नुकसान नहीं होने दिया। बचाव के दौरान सड़क को बंद कर दिया गया था। स्थानीय पुलिस ने भी सहयोग किया। टीम ने अजगर को एक विशेष बैग में रखा और स्वास्थ्य जांच की। कोई चोट नहीं थी। उसके बाद अजगर को नजदीकी जंगल में छोड़ दिया गया, जहां वह अपने प्राकृतिक आवास में रहेगा। वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि सरीसृपों को नुकसान न पहुंचाएं, बल्कि सूचना दें।

यह घटना कटनी में पहली नहीं है। मध्य प्रदेश के जंगलों से सटे इलाकों में अक्सर सरीसृप शहरी क्षेत्रों में घुस आते हैं। गर्मी और मानसून के बाद ऐसे मामले बढ़ जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और जंगलों की कटाई से जानवर मानव बस्तियों की ओर आ रहे हैं। कटनी जिला वन्यजीव अभयारण्य से सटा हुआ है, जहां विभिन्न प्रजातियों के सांप पाए जाते हैं। भारतीय चट्टानी अजगर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के अनुसूची एक के तहत संरक्षित है। इसकी लंबाई 10 से 15 फीट तक हो सकती है और वजन 50 किलोग्राम से अधिक। यह गैर-विषैला सरीसृप है, जो छोटे स्तनधारियों और पक्षियों पर निर्भर करता है। लेकिन इसका आकार देखकर लोग डर जाते हैं। वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ. अनिल शर्मा ने कहा कि अजगर को मारना अपराध है। बचाव ही एकमात्र रास्ता है। विभाग ने हाल ही में जागरूकता अभियान चलाया है, जिसमें स्थानीय स्कूलों में सरीसृपों के बारे में जानकारी दी गई।

सोशल मीडिया पर वीडियो को हजारों लोग देख चुके हैं। एक यूजर ने लिखा कि प्रकृति का कमाल देखिए, शहर में जंगल का राजा। दूसरा बोला कि वन विभाग सराहनीय काम कर रहा है। लेकिन कुछ ने सवाल उठाया कि शहरीकरण से जानवरों का क्या होगा। वायरल वीडियो में रेस्क्यू टीम के साहस की तारीफ हो रही है। एक क्लिप में सदस्य अजगर के सिर को पकड़ते नजर आ रहे हैं, जबकि अन्य पूंछ पकड़ रहे हैं। अजगर ने कोई हमला नहीं किया, जो राहत की बात है। कटनी के जिलाधिकारी ने भी बयान दिया कि ऐसी घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय लोग अब सतर्क हैं। बाजार में दुकानदारों ने कहा कि ग्राहक कम हो गए, सब अजगर की बात कर रहे हैं।

मध्य प्रदेश में सरीसृप बचाव की कई कहानियां हैं। हाल ही में जबलपुर में 8 फीट का अजगर एक घर में घुस गया था। रीवा में एक 10 फीट लंबा सांप नदी किनारे मिला। कटनी की यह घटना चर्चा में है क्योंकि अजगर सड़क पर था। वन्यजीव संगठन वाइल्डलाइफ एसओएस ने कहा कि ऐसे मामलों में प्रशिक्षित टीम जरूरी है। कटनी में विभाग की टीम अच्छा काम कर रही है। लेकिन संसाधनों की कमी है। ग्रामीण इलाकों में जागरूकता कम है, लोग सांपों को मार देते हैं। सरकार को और ट्रेनिंग देनी चाहिए। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि शहरों के किनारों पर ग्रीन बेल्ट बनाएं, ताकि जानवर आसानी से न घुसें।

घटना के बाद स्थानीय स्कूलों में विशेष सत्र आयोजित किए गए। बच्चों को बताया गया कि अजगर खतरनाक नहीं, बस डरावना लगता है। एक शिक्षक ने कहा कि वीडियो दिखाकर समझाया। लोग अब विभाग के हेल्पलाइन नंबर सेव कर रहे हैं। कटनी में मानसून के बाद सरीसृपों की सक्रियता बढ़ जाती है। नदियों और तालाबों से वे बाहर आते हैं। इस बार बारिश ज्यादा हुई, इसलिए ज्यादा मामले। वन विभाग ने 50 से अधिक बचाव संचालित किए हैं। अजगर को जंगल में छोड़ने के बाद टीम ने राहत की सांस ली। रेंजर वर्मा ने कहा कि अगली बार भी तुरंत पहुंचेंगे।

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