बिहार जल संसाधन विभाग का X अकाउंट 9 महीने तक हैक: हिटलर-मुसोलिनी की तारीफ वाली पोस्ट वायरल, विभाग ने हटाई तो मचा मीम्स का बवाल।
बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग का आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट लंबे समय से हैक हो चुका था, लेकिन विभाग को इसका पता नौ
बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग का आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट लंबे समय से हैक हो चुका था, लेकिन विभाग को इसका पता नौ महीने बाद चला। फरवरी 2025 में पोस्ट की गई एक तस्वीर, जिसमें एडॉल्फ हिटलर और बेनिटो मुसोलिनी को 20वीं सदी के सबसे प्रभावशाली नेताओं के रूप में दिखाया गया था, सोमवार 24 नवंबर 2025 को अचानक वायरल हो गई। इस पोस्ट में दोनों तानाशाहों की विचारधारा को परिपूर्ण बताया गया था। विभाग ने वायरल होने के बाद पोस्ट हटा दी, लेकिन तब तक सोशल मीडिया पर मीम्स और बहस की बाढ़ आ चुकी थी। यह घटना न केवल विभाग की लापरवाही को उजागर करती है बल्कि सरकारी सोशल मीडिया अकाउंट्स की साइबर सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी हैंडल्स पर निगरानी की कमी से ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं।
घटना की शुरुआत जनवरी 2025 से मानी जा रही है। विभाग का आधिकारिक हैंडल @WRD_Bihar हैकर्स के हाथ लग गया। हैकर्स ने पहले इसे नाजी प्रोपेगैंडा अकाउंट में बदल दिया। अकाउंट का नाम एडॉल्फ हिटलर (@Adolf_gov) कर दिया गया। बायो में डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी नारे जैसा लिखा, मेक जर्मनी ग्रेट अगेन। प्रोफाइल फोटो हिटलर की रखी। लेकिन X ने इसे सस्पेंड कर दिया। फिर हैकर्स ने इसे बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग के नाम से बहाल कर लिया। हैंडल @FrankWalterGER रखा, जो जर्मन राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर का था। 15 फरवरी को एक पोस्ट की गई, जिसमें हिटलर और मुसोलिनी की फोटो थी। कैप्शन लिखा, याद रखो: जब आप एक साथ खड़े हो, जब आपका लक्ष्य एक हो, जब आपका मन अटल हो, तो कोई आपको रोक नहीं सकता। MGGA। यह पोस्ट विभाग के आधिकारिक अकाउंट से की गई, लेकिन विभाग को पता ही नहीं चला। आखिरी आधिकारिक पोस्ट फरवरी से पहले की थी। उसके बाद अकाउंट निष्क्रिय सा हो गया।
पोस्ट वायरल होने की वजह एक यूजर का शेयर था। सोमवार को यह मीम्स के रूप में फैल गई। लोग मजाक उड़ा रहे थे कि बिहार का विभाग तानाशाहों की प्रशंसा कर रहा। एक मीम में लिखा, बिहार वाटर रिसोर्सेस ने हिटलर को इरिगेशन का गॉड कहा। दूसरे में मुसोलिनी को फ्लड कंट्रोल एक्सपर्ट बताया। ट्विटर पर BiharHitler ट्रेंड करने लगा। फैक्ट-चेकर मोहम्मद जुबैर ने पुरानी पोस्ट शेयर की। उन्होंने बताया कि अकाउंट जनवरी 29 को हैक हुआ था। विभाग ने न तो सफाई दी न नया अकाउंट बनाया। इसके बजाय नया हैंडल @WRD_Bihar_Official बना लिया। लेकिन पुराना अकाउंट हैकर्स के कब्जे में रहा। हैकर्स ने कई बार नाम बदला। कभी एफबीआई बनाया, कभी मेमकॉइन स्कैम चलाया। फिर भी विभाग ने कोई शिकायत नहीं की।
विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने मंगलवार को सफाई दी। उन्होंने कहा कि अकाउंट फरवरी में हैक हो गया था। पोस्ट गलत तत्वों की करतूत है। हमने X को सूचित किया और पोस्ट हटा दी। लोगों से अपील की कि गलत जानकारी पर विश्वास न करें। केवल आधिकारिक अपडेट्स पर भरोसा करें। लेकिन सवाल उठे कि नौ महीने तक निगरानी क्यों न हुई। विभाग का कहना है कि साइबर सेल को शिकायत की गई थी। लेकिन कार्रवाई धीमी रही। X ने भी देरी से रिस्पॉन्स दिया। यह घटना जर्मन राष्ट्रपति के अकाउंट हैक से जुड़ी बताई जा रही। फरवरी में हैकर्स ने स्टीनमीयर का अकाउंट हैक किया। पहले हिटलर प्रोफाइल बनाया, फिर बिहार विभाग का। लेकिन बिहार का असली अकाउंट अलग था। यह कनेक्शन अभी स्पष्ट नहीं।
सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना सादा। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया कि बिहार सरकार सोशल मीडिया पर सो रही है। तानाशाहों की तारीफ कर रही। क्या नीतीश कुमार हिटलर के फैन हैं। कांग्रेस ने कहा कि डिजिटल इंडिया का दावा खोखला है। बीजेपी ने इसे हैकिंग का मामला बताया। कहा कि साइबर सिक्योरिटी मजबूत होनी चाहिए। सोशल मीडिया यूजर्स ने मीम्स बनाए। एक में हिटलर को बिहार का फ्लड मिनिस्टर दिखाया। दूसरे में मुसोलिनी को इरिगेशन बोर्ड का चेयरमैन। हजारों रीट्वीट्स हुए। एक यूजर ने लिखा कि बिहार का सबसे बड़ा फ्लड हिटलर का पोस्ट था। फैक्ट-चेक साइट्स ने वायरल पोस्ट को डिबंक किया। लेकिन नुकसान हो चुका। विभाग की इमेज खराब हुई।
यह घटना भारत में सरकारी सोशल मीडिया की कमजोरियों को दिखाती है। 2024 में कई विभागों के अकाउंट हैक हुए। जैसे यूपी पुलिस का, जहां फेक न्यूज पोस्ट की गई। साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि पासवर्ड स्ट्रॉन्ग न होने, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन न लगाने से ऐसा होता है। सरकार को नियम सख्त करने चाहिए। हर अकाउंट पर डेली मॉनिटरिंग हो। ट्रेनिंग दी जाए। बिहार में साइबर सेल ने केस दर्ज किया। जांच चल रही। हैकर्स की पहचान पर काम हो रहा। लेकिन विभाग ने पुराने अकाउंट को रिकवर करने का प्रयास शुरू किया। नया हैंडल से अपडेट्स दे रहे।
बिहार का जल संसाधन विभाग बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई और जल संरक्षण का जिम्मेदार है। राज्य में हर साल बाढ़ आती है। गंगा, कोसी जैसी नदियां लाखों को प्रभावित करतीं। विभाग के 5000 से ज्यादा कर्मचारी हैं। बजट 5000 करोड़ का। लेकिन सोशल मीडिया मैनेजमेंट में लापरवाही दिखी। यह पहली बार नहीं। 2023 में विभाग का फेसबुक पेज हैक हुआ था। फेक स्कीम पोस्ट की गई। अब X पर यह बवाल। छात्र संगठनों ने विभाग से सफाई मांगी। कहा कि सरकारी इमेज खराब हो रही। मीडिया ने कवरेज की। इंडिया टुडे, आज तक और फ्री प्रेस जर्नल ने रिपोर्ट प्रकाशित की।
What's Your Reaction?