नासिक सिंहस्थ कुंभ 2027- मंत्री गिरीश महाजन का दावा, प्रयागराज रिकॉर्ड टूटने की पूरी उम्मीद, हाई-टेक आयोजन होगा। 

महाराष्ट्र के नासिक में 2027 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले को लेकर उत्साह चरम पर है। जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने हाल ही में कहा कि इस बार कुंभ में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु

Oct 5, 2025 - 12:52
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नासिक सिंहस्थ कुंभ 2027- मंत्री गिरीश महाजन का दावा, प्रयागराज रिकॉर्ड टूटने की पूरी उम्मीद, हाई-टेक आयोजन होगा। 
नासिक सिंहस्थ कुंभ 2027- मंत्री गिरीश महाजन का दावा, प्रयागराज रिकॉर्ड टूटने की पूरी उम्मीद, हाई-टेक आयोजन होगा। 

महाराष्ट्र के नासिक में 2027 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले को लेकर उत्साह चरम पर है। जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने हाल ही में कहा कि इस बार कुंभ में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे और प्रयागराज महाकुंभ के आंकड़े टूट सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि 2015 के नासिक कुंभ की तुलना में तीन से चार गुना ज्यादा भीड़ की उम्मीद है। महाराष्ट्र सरकार प्रयागराज के अनुभवों से सीख लेते हुए इसे हाई-टेक और पूरी तरह सुरक्षित बनाने की दिशा में काम कर रही है। यह बयान 4 अक्टूबर 2025 को लखनऊ में एक प्रेस वार्ता के दौरान आया, जहां महाजन प्रयागराज महाकुंभ की सफलता पर चर्चा कर रहे थे। उनका यह दावा नासिक कुंभ को वैश्विक स्तर का आयोजन बनाने की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है।

गिरीश महाजन महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और कुंभ मेले की योजना एवं कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष हैं। वे भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं, जिन्होंने पहले भी 2015-16 के नासिक कुंभ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस समय भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था उनकी जिम्मेदारी में थी। अब 2027 के सिंहस्थ के लिए उन्होंने खुद को पूरी तरह समर्पित कर दिया है। महाजन ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में राज्य सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। बजट की कोई कमी नहीं होगी और सभी विभाग समय पर काम पूरा करेंगे। उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ की तारीफ की, जहां 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे थे। महाजन का मानना है कि नासिक का धार्मिक महत्व और बेहतर सुविधाओं से यहां भी वैसा ही नजारा बनेगा।

सिंहस्थ कुंभ मेला हिंदू धर्म का सबसे पवित्र आयोजन है। यह हर 12 वर्ष में चार स्थानों पर लगता है- प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक। नासिक में इसे सिंहस्थ कहा जाता है, क्योंकि यह सिंह राशि के प्रवेश पर आधारित होता है। यहां गोदावरी नदी के तट पर मुख्य स्नान होता है। कुंभ की कथा समुद्र मंथन से जुड़ी है, जब अमृत कलश से चार बूंदें पृथ्वी पर गिरीं। नासिक त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के निकट होने से इसका महत्व और बढ़ जाता है। 2015-16 के नासिक कुंभ में करीब 10 करोड़ श्रद्धालु आए थे। लेकिन महाजन के अनुसार, इस बार डिजिटल युग और बेहतर कनेक्टिविटी से संख्या दोगुनी-तिगुनी हो सकती है। वे कहते हैं कि प्रयागराज के रिकॉर्ड को तोड़ना लक्ष्य है, जो दुनिया का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण जमावड़ा था।

कुंभ 2027 का मुख्य आयोजन जुलाई से सितंबर 2027 तक चलेगा। पर्व स्नान की तिथियां ज्योतिषीय गणना पर आधारित होंगी। पहला स्नान कुंभ विवाद के दिन, दूसरा सिंहस्थी स्नान और तीसरा महा स्नान होगा। इसके अलावा, विभिन्न अखाड़ों के स्नान भी प्रमुख होंगे। महाराष्ट्र सरकार ने प्रयागराज से प्रेरित होकर नासिक कुंभ मेला प्राधिकरण गठित करने का फैसला लिया है। यह प्राधिकरण भूमि अधिग्रहण, भीड़ प्रबंधन और बुनियादी ढांचे का काम संभालेगा। महाजन ने बताया कि विधानसभा के बजट सत्र में इसके लिए विधेयक पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री फडणवीस ने मार्च 2025 में त्र्यंबकेश्वर मंदिर में पूजा के बाद इसकी घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की तरह यहां भी कानूनी समर्थन मिलेगा, ताकि काम तेजी से हो।

तैयारियां अभी से जोरों पर हैं। सितंबर 2025 में नासिक जिला अधिकारी कार्यालय में विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता महाजन ने की। उन्होंने नए घाटों के निर्माण और सौंदर्यीकरण पर जोर दिया। गोदावरी नदी पर अतिरिक्त घाट बनेंगे, लेकिन पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे, इसका विशेष ध्यान होगा। विभागीय आयुक्त डॉ. राजेंद्र भारुड़कर और अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि प्रशासकीय और तकनीकी मंजूरियां तुरंत दें। महाजन ने कहा कि घाटों के लिए आवश्यक निधि के प्रस्ताव जल्द भेजे जाएं। लोक निर्माण विभाग को 2270 करोड़ और सिंहस्थ प्राधिकरण को 1000 करोड़ रुपये मंजूर हो चुके हैं। कुल बजट 24 हजार करोड़ रुपये का मसौदा तैयार है, जिसमें नगर निगम का हिस्सा 15 हजार करोड़ है।

सुरक्षा और सुविधाओं पर विशेष फोकस है। महाजन ने कहा कि कुंभ हाई-टेक होगा। ड्रोन से निगरानी, एआई आधारित भीड़ प्रबंधन और सीसीटीवी नेटवर्क लगाया जाएगा। रेलवे और हवाई अड्डे पर विशेष व्यवस्था होगी। पीने के पानी, स्वच्छता और चिकित्सा सुविधाओं के लिए अलग प्लान है। परिवहन विभाग को बस स्टैंड और पार्किंग का विस्तार करने को कहा गया है। प्रयागराज में जो सफल फ्लोटिंग ब्रिज बने थे, वैसा यहां भी प्रयास होगा। महाजन ने साफ किया कि कोई भेदभाव नहीं होगा- सभी श्रद्धालुओं को समान सुविधा मिलेगी। पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक मुक्त कुंभ का लक्ष्य है। संत-महात्माओं से चर्चा कर उनके सुझाव लिए जा रहे हैं।

राजनीतिक स्तर पर भी कुंभ महत्वपूर्ण है। नासिक पालक मंत्री पद को लेकर महायुति में विवाद चल रहा है। भाजपा गिरीश महाजन को चाहती है, जबकि एनसीपी के छगन भुजबल और शिवसेना के एकनाथ शिंदे भी दावा कर रहे हैं। अगस्त 2025 में इस मुद्दे पर कलह उफान पर था। लेकिन महाजन ने जुलाई 2025 में कहा कि पालक मंत्री जो भी हो, कुंभ की जिम्मेदारी उनकी रहेगी। मुख्यमंत्री फडणवीस ने शिखर समिति की कमान खुद संभाली है। सितंबर 2025 में कुंभ मेला मंत्रिस्तरीय समिति का गठन महाजन की अध्यक्षता में हुआ। इससे साफ है कि कुंभ को राजनीति से ऊपर रखा जा रहा है। फडणवीस ने कहा कि नासिक को फिलहाल पालक मंत्री न देकर कुंभ पर फोकस किया जाएगा। नगर निगम चुनाव कुंभ से पहले कराए जाएंगे।

कुंभ का आर्थिक प्रभाव भी बड़ा होगा। नासिक में होटल, परिवहन और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय कारीगरों को हस्तशिल्प बेचने का मौका मिलेगा। सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए सस्ते आवास और भोजन की व्यवस्था का वादा किया है। महाजन ने 2015 के अनुभव साझा करते हुए कहा कि उस समय भीड़ ज्यादा होने से चुनौतियां थीं, लेकिन अब सब कुछ बेहतर होगा। वे प्रयागराज की सफलता से प्रेरित हैं, जहां 45 दिनों में 40 करोड़ लोग आए। नासिक में 90 दिनों का आयोजन होगा, इसलिए संख्या और भी ज्यादा हो सकती है।

धार्मिक दृष्टि से कुंभ मोक्ष का द्वार है। लाखों साधु अखाड़ों के साथ स्नान करते हैं। जूना, दशनामी जैसे अखाड़े मुख्य भूमिका निभाते हैं। त्र्यंबकेश्वर मंदिर में विशेष पूजा होगी। महाजन ने अपील की कि सभी धर्मों के लोग भाग लें, क्योंकि कुंभ एकता का प्रतीक है। वैश्विक स्तर पर इसे प्रचारित करने के लिए डिजिटल कैंपेन चल रहा है।

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