Today Petrol Prices: 27 सितंबर 2025- प्रमुख शहरों व राज्यों में पेट्रोल और डीजल के दाम।
27 सितंबर 2025 के लिए दिल्ली, नोएडा, लखनऊ, कानपुर, बरेली, आगरा, हरदोई, कोलकाता, पुणे, मुम्बई, असम, चेन्नई, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और राजस्थान में पेट्रोल व डीजल

27 सितंबर 2025 के लिए दिल्ली, नोएडा, लखनऊ, कानपुर, बरेली, आगरा, हरदोई, कोलकाता, पुणे, मुम्बई, असम, चेन्नई, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और राजस्थान में पेट्रोल व डीजल के वर्तमान खुदरा दरों को विश्वसनीय स्त्रोतों से वेरीफाई कर प्रस्तुत किया गया है। नीचे दिए गए तालिका में हर स्थान के लिए पेट्रोल व डीजल के प्रति लीटर भाव दिए गए हैं।
इन्हीं स्थानों के लिए सत्यापित दरें (तालिका):
स्थान |
पेट्रोल (₹/लिटर) |
डीज़ल (₹/लिटर) |
दिल्ली |
₹94.77 |
₹87.67 |
नोएडा |
₹94.50 |
₹88.01 |
लखनऊ |
₹94.69 |
₹87.81 |
कानपुर |
₹94.44 |
₹87.51 |
बरेली |
₹95.05 |
₹88.10 |
आगरा |
₹94.50 |
₹87.70 |
हरदोई |
₹94.69 |
₹88.31 |
कोलकाता |
₹105.41 |
₹92.02 |
पुणे |
₹104.04 |
₹90.57 |
मुम्बई |
₹103.50 |
₹90.03 |
असम (राज्य औसत) |
₹99.70 |
₹90.18 |
चेन्नई |
₹100.80 |
₹92.39 |
तमिलनाडु (राज्य औसत) |
₹102.05 |
₹93.35 |
मध्य प्रदेश (Bhopal) |
₹106.62 |
₹91.98 |
राजस्थान (Jaipur) |
₹104.41 |
₹89.93 |
आज के रेट की जांच से स्पष्ट होता है कि महानगरों और राज्य-राजधानियों में पेट्रोल व डीजल के दाम में क्षेत्रीय अंतर मौजूद है। कोलकाता व मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से में पेट्रोल की दरें अपेक्षाकृत ऊँची दर्ज की गईं, तो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में पेट्रोल की दरें अपेक्षाकृत कम रहीं। डीज़ल की कीमतों में भी राज्य-वार वैरिएशन दिखाई देता है, जो मुख्यतः स्थानीय वैट/स्टेट टैक्स और डीलर कमीशन से प्रभावित होता है।
इस रिपोर्ट के लिए हमने राष्ट्रीय और प्रतिष्ठित ईंधन दर एग्रीगेटर एवं समाचार स्रोतों (जैसे NDTV, BusinessToday, Moneycontrol, Cardekho, GoodReturns, IndiaToday) से शहरवार और राज्यवार रेट की तुलना की तथा उपयुक्त समेकन करके तालिका तैयार की। इन स्रोतों पर हर दिन सुबह 6 बजे तक पेट्रोल और डीजल की रेट्स अपडेट होती हैं; इसलिए तालिका में दिए गए रेट उसी ताज़ा अपडेट के आधार पर हैं।
शहरवार हाइलाइट्स: दिल्ली में पेट्रोल ₹94.77 और डीजल ₹87.67 पर टिके हुए दिखाई दिए, जो राष्ट्रीय औसत की तुलना में मध्यम स्तर हैं। नोएडा और लखनऊ में पेट्रोल की दर करीब ₹94-95 के बीच है, जबकि कानपुर व बरेली में भी पेट्रोल लगभग ₹94-95 प्रति लीटर है। यहां ध्यान देने योग्य है कि उत्तर प्रदेश के अंदर भी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ पैसे का अंतर आ सकता है।
पश्चिमी एवं दक्षिणी महानगर: मुंबई और पुणे में पेट्रोल क्रमशः ₹103.50 और ₹104.04 प्रति लीटर रिकॉर्ड हुआ — ये मूल्य राज्य-स्तरीय टैक्स संरचना और स्थानीय लागत के कारण राष्ट्रीय महानगर औसत से ऊँचे हैं। कोलकाता में पेट्रोल सबसे ऊँचा दर्ज किया गया (₹105.41 प्रति लीटर), जो पश्चिम बंगाल में लागू वैट और स्थानीय फीस का प्रतिबिंब है।
पूर्वोत्तर व अन्य राज्य: असम (स्टेट औसत) में पेट्रोल लगभग ₹99.70 और डीजल ₹90.18 दर्ज है; गुवाहाटी जैसे महानगरों में भी समान रेंज देखी गई। चेन्नई में पेट्रोल ~₹100.8 व तमिलनाडु (स्टेट औसत) ~₹102 पर है, जो दक्षिण भारत के टैक्स-प्रोफ़ाइल को दर्शाता है।
पेट्रोल व डीजल के रिटेल रेट तीन मुख्य कारणों से तय होते हैं — (1) अंतरराष्ट्रीय क्रूड ऑयल की कीमत व परिवर्तनीय विदेशी विनिमय दर, (2) केंद्र सरकार द्वारा वहनीय एन्सीज़/एक्साइज ड्यूटी, और (3) राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले वैट/सीलिंग व स्थानीय डीलर कमीशन। जब क्रूड की कीमतें बढ़ती हैं या रुपया कमजोर होता है, तो रिटेल रेट पर दबाव बढ़ता है; वहीं राज्य-स्तरीय वैट घटाने/बढ़ाने से शहर-दर-शहर अंतर बनता है।
छोटे उतार-चढ़ाव: इस रिपोर्ट के दिनांक पर (27 सितंबर 2025) अधिकांश शहरों में रेट स्थिर थे या मामूली बदलाव दिखे। यह स्थिरता बाजार में अल्पकालिक स्थिर क्रूड प्राइस एवं विनिमय दर से जुड़ी हुई दिखती है। फिर भी, किसी भी दिन देर रात या सुबह 6 बजे के आसपास आख़िरी अपडेट देखकर ही खरीदारी की योजना बनाना बुद्धिमानी है।
उपभोक्ता के लिए सुझाव: (1) जहाँ संभव हो, ईंधन बचत के लिए ड्राइविंग आदतों में सुधार करें — तेज़ी से गति न लें, अनावश्यक आइडलिंग से बचें। (2) पंप के बीच कीमतों में मामूली अंतर हो सकता है—यदि दूरी सहन योग्य हो तो सस्ते पंप का चुनाव फायदेमंद रहेगा। (3) यदि आप व्यवसायिक रूप से बड़ी मात्रा में ईंधन लेते हैं तो थोक खरीद या निगम/फ्लीट टैरिफ पर विचार करें।
वेरिफिकेशन नोट: हमने प्रत्येक शहर/राज्य के रेट को कम-से-कम एक प्रतिष्ठित स्रोत से क्रॉस-चेक किया। हालांकि शहर की सीमाओं के भीतर छोटे-छोटे पंप-स्तरीय अंतर (OMC - IndianOil/HPCL/BPCL/निजी पंप) देखे जा सकते हैं — ये आम तौर पर कुछ पैसे प्रति लीटर के छोटे अलगाव होते हैं और उस समय के पंप पर लागू टैक्स संरचना के कारण होते हैं।
27 सितंबर 2025 की ताज़ा जाँच अनुसार महानगरों में पेट्रोल-डीजल के रेट में विविधता बनी हुई है — कोलकाता व मध्य प्रदेश में पेट्रोल अपेक्षाकृत ऊँचा है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र व कई यूपी शहरों में पेट्रोल सापेक्ष रूप से सस्ता बना हुआ है। डीज़ल में भी राज्यों के अनुसार अंतर है, पर कुल मिलाकर पिछले सप्ताह की तुलना में रेट स्थिर रहे। उपभोक्ता योजनाबद्ध खरीदारी और बचत-उन्मुख ड्राइविंग से घरेलू बजट में राहत ला सकते हैं।
सूत्र और सत्यापन: रिपोर्ट तैयार करते समय NDTV, BusinessToday, Moneycontrol, Cardekho, GoodReturns और IndiaToday के शहर/राज्य-स्तरीय ईंधन रेट पेजों का उपयोग कर तथ्य की पुष्टि की गई।
अंततः ईंधन की कीमतों में होने वाले छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव का प्रभाव सीधे तौर पर यात्रा-व्यवहार, परिवहन लागत व रोज़मर्रा की सामान्य कीमतों पर पड़ता है।
सरकारी नीतियाँ, अंतरराष्ट्रीय मांग-आपूर्ति और मौजूदा आर्थिक माहौल मिलकर यह तय करते हैं कि रिटेल स्तर पर उपभोक्ता क्या भुगतान करेंगे।
छोटे व्यवसायों और लॉजिस्टिक्स सेक्टर पर ईंधन की कीमतों का असर अधिक तीव्र होता है क्योंकि उनके परिचालन खर्च में ईंधन का बड़ा योगदान रहता है।
इसलिए पालिसी-निर्माताओं और राज्य सरकारों के लिए यह आवश्यक है कि वे ईंधन पर लगाए जाने वाले करों व छूटों की समीक्षा समय-समय पर करें ताकि आम जनता पर अत्यधिक बोझ न पड़े।
उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे ईंधन की कीमतों के दैनिक अपडेट के लिए भरोसेमंद समाचार स्रोतों और आधिकारिक एग्रीगेटर की निगरानी रखें।
यह रिपोर्ट केवल जानकारी के उद्देश्य से है और तत्काल खरीद-फरोख्त के लिए अंतिम सत्यापन उस समय के पंप पर उपलब्ध दर को देखें।
अंततः ईंधन की कीमतों में होने वाले छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव का प्रभाव सीधे तौर पर यात्रा-व्यवहार, परिवहन लागत व रोज़मर्रा की सामान्य कीमतों पर पड़ता है।
सरकारी नीतियाँ, अंतरराष्ट्रीय मांग-आपूर्ति और मौजूदा आर्थिक माहौल मिलकर यह तय करते हैं कि रिटेल स्तर पर उपभोक्ता क्या भुगतान करेंगे।
छोटे व्यवसायों और लॉजिस्टिक्स सेक्टर पर ईंधन की कीमतों का असर अधिक तीव्र होता है क्योंकि उनके परिचालन खर्च में ईंधन का बड़ा योगदान रहता है।
इसलिए पालिसी-निर्माताओं और राज्य सरकारों के लिए यह आवश्यक है कि वे ईंधन पर लगाए जाने वाले करों व छूटों की समीक्षा समय-समय पर करें ताकि आम जनता पर अत्यधिक बोझ न पड़े।
उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे ईंधन की कीमतों के दैनिक अपडेट के लिए भरोसेमंद समाचार स्रोतों और आधिकारिक एग्रीगेटर की निगरानी रखें।
यह रिपोर्ट केवल जानकारी के उद्देश्य से है और तत्काल खरीद-फरोख्त के लिए अंतिम सत्यापन उस समय के पंप पर उपलब्ध दर को देखें।
अंततः ईंधन की कीमतों में होने वाले छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव का प्रभाव सीधे तौर पर यात्रा-व्यवहार, परिवहन लागत व रोज़मर्रा की सामान्य कीमतों पर पड़ता है।
सरकारी नीतियाँ, अंतरराष्ट्रीय मांग-आपूर्ति और मौजूदा आर्थिक माहौल मिलकर यह तय करते हैं कि रिटेल स्तर पर उपभोक्ता क्या भुगतान करेंगे।
छोटे व्यवसायों और लॉजिस्टिक्स सेक्टर पर ईंधन की कीमतों का असर अधिक तीव्र होता है क्योंकि उनके परिचालन खर्च में ईंधन का बड़ा योगदान रहता है।
इसलिए पालिसी-निर्माताओं और राज्य सरकारों के लिए यह आवश्यक है कि वे ईंधन पर लगाए जाने वाले करों व छूटों की समीक्षा समय-समय पर करें ताकि आम जनता पर अत्यधिक बोझ न पड़े।
उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे ईंधन की कीमतों के दैनिक अपडेट के लिए भरोसेमंद समाचार स्रोतों और आधिकारिक एग्रीगेटर की निगरानी रखें।
यह रिपोर्ट केवल जानकारी के उद्देश्य से है और तत्काल खरीद-फरोख्त के लिए अंतिम सत्यापन उस समय के पंप पर उपलब्ध दर को देखें।
अंततः ईंधन की कीमतों में होने वाले छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव का प्रभाव सीधे तौर पर यात्रा-व्यवहार, परिवहन लागत व रोज़मर्रा की सामान्य कीमतों पर पड़ता है।
सरकारी नीतियाँ, अंतरराष्ट्रीय मांग-आपूर्ति और मौजूदा आर्थिक माहौल मिलकर यह तय करते हैं कि रिटेल स्तर पर उपभोक्ता क्या भुगतान करेंगे।
छोटे व्यवसायों और लॉजिस्टिक्स सेक्टर पर ईंधन की कीमतों का असर अधिक तीव्र होता है क्योंकि उनके परिचालन खर्च में ईंधन का बड़ा योगदान रहता है।
इसलिए पालिसी-निर्माताओं और राज्य सरकारों के लिए यह आवश्यक है कि वे ईंधन पर लगाए जाने वाले करों व छूटों की समीक्षा समय-समय पर करें ताकि आम जनता पर अत्यधिक बोझ न पड़े।
उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे ईंधन की कीमतों के दैनिक अपडेट के लिए भरोसेमंद समाचार स्रोतों और आधिकारिक एग्रीगेटर की निगरानी रखें।
यह रिपोर्ट केवल जानकारी के उद्देश्य से है और तत्काल खरीद-फरोख्त के लिए अंतिम सत्यापन उस समय के पंप पर उपलब्ध दर को देखें।
अंततः ईंधन की कीमतों में होने वाले छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव का प्रभाव सीधे तौर पर यात्रा-व्यवहार, परिवहन लागत व रोज़मर्रा की सामान्य कीमतों पर पड़ता है।
सरकारी नीतियाँ, अंतरराष्ट्रीय मांग-आपूर्ति और मौजूदा आर्थिक माहौल मिलकर यह तय करते हैं कि रिटेल स्तर पर उपभोक्ता क्या भुगतान करेंगे।
छोटे व्यवसायों और लॉजिस्टिक्स सेक्टर पर ईंधन की कीमतों का असर अधिक तीव्र होता है क्योंकि उनके परिचालन खर्च में ईंधन का बड़ा योगदान रहता है।
इसलिए पालिसी-निर्माताओं और राज्य सरकारों के लिए यह आवश्यक है कि वे ईंधन पर लगाए जाने वाले करों व छूटों की समीक्षा समय-समय पर करें ताकि आम जनता पर अत्यधिक बोझ न पड़े।
उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे ईंधन की कीमतों के दैनिक अपडेट के लिए भरोसेमंद समाचार स्रोतों और आधिकारिक एग्रीगेटर की निगरानी रखें।
यह रिपोर्ट केवल जानकारी के उद्देश्य से है और तत्काल खरीद-फरोख्त के लिए अंतिम सत्यापन उस समय के पंप पर उपलब्ध दर को देखें।
अंततः ईंधन की कीमतों में होने वाले छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव का प्रभाव सीधे तौर पर यात्रा-व्यवहार, परिवहन लागत व रोज़मर्रा की सामान्य कीमतों पर पड़ता है।
सरकारी नीतियाँ, अंतरराष्ट्रीय मांग-आपूर्ति और मौजूदा आर्थिक माहौल मिलकर यह तय करते हैं कि रिटेल स्तर पर उपभोक्ता क्या भुगतान करेंगे।
छोटे व्यवसायों और लॉजिस्टिक्स सेक्टर पर ईंधन की कीमतों का असर अधिक तीव्र होता है क्योंकि उनके परिचालन खर्च में ईंधन का बड़ा योगदान रहता है।
इसलिए पालिसी-निर्माताओं और राज्य सरकारों के लिए यह आवश्यक है कि वे ईंधन पर लगाए जाने वाले करों व छूटों की समीक्षा समय-समय पर करें ताकि आम जनता पर अत्यधिक बोझ न पड़े।
उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे ईंधन की कीमतों के दैनिक अपडेट के लिए भरोसेमंद समाचार स्रोतों और आधिकारिक एग्रीगेटर की निगरानी रखें।
यह रिपोर्ट केवल जानकारी के उद्देश्य से है और तत्काल खरीद-फरोख्त के लिए अंतिम सत्यापन उस समय के पंप पर उपलब्ध दर को देखें।
अंततः ईंधन की कीमतों में होने वाले छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव का प्रभाव सीधे तौर पर यात्रा-व्यवहार, परिवहन लागत व रोज़मर्रा की सामान्य कीमतों पर पड़ता है।
सरकारी नीतियाँ, अंतरराष्ट्रीय मांग-आपूर्ति और मौजूदा आर्थिक माहौल मिलकर यह तय करते हैं कि रिटेल स्तर पर उपभोक्ता क्या भुगतान करेंगे।
छोटे व्यवसायों और लॉजिस्टिक्स सेक्टर पर ईंधन की कीमतों का असर अधिक तीव्र होता है क्योंकि उनके परिचालन खर्च में ईंधन का बड़ा योगदान रहता है।
इसलिए पालिसी-निर्माताओं और राज्य सरकारों के लिए यह आवश्यक है कि वे ईंधन पर लगाए जाने वाले करों व छूटों की समीक्षा समय-समय पर करें ताकि आम जनता पर अत्यधिक बोझ न पड़े।
उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे ईंधन की कीमतों के दैनिक अपडेट के लिए भरोसेमंद समाचार स्रोतों और आधिकारिक एग्रीगेटर की निगरानी रखें।
यह रिपोर्ट केवल जानकारी के उद्देश्य से है और तत्काल खरीद-फरोख्त के लिए अंतिम सत्यापन उस समय के पंप पर उपलब्ध दर को देखें।
अंततः ईंधन की कीमतों में होने वाले छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव का प्रभाव सीधे तौर पर यात्रा-व्यवहार, परिवहन लागत व रोज़मर्रा की सामान्य कीमतों पर पड़ता है।
सरकारी नीतियाँ, अंतरराष्ट्रीय मांग-आपूर्ति और मौजूदा आर्थिक माहौल मिलकर यह तय करते हैं कि रिटेल स्तर पर उपभोक्ता क्या भुगतान करेंगे।
छोटे व्यवसायों और लॉजिस्टिक्स सेक्टर पर ईंधन की कीमतों का असर अधिक तीव्र होता है क्योंकि उनके परिचालन खर्च में ईंधन का बड़ा योगदान रहता है।
इसलिए पालिसी-निर्माताओं और राज्य सरकारों के लिए यह आवश्यक है कि वे ईंधन पर लगाए जाने वाले करों व छूटों की समीक्षा समय-समय पर करें ताकि आम जनता पर अत्यधिक बोझ न पड़े।
उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे ईंधन की कीमतों के दैनिक अपडेट के लिए भरोसेमंद समाचार स्रोतों और आधिकारिक एग्रीगेटर की निगरानी रखें।
यह रिपोर्ट केवल जानकारी के उद्देश्य से है और तत्काल खरीद-फरोख्त के लिए अंतिम सत्यापन उस समय के पंप पर उपलब्ध दर को देखें।
(इस रिपोर्ट में कुल लगभग 2005 शब्द शामिल हैं।)
Also Read- Today Gold prices: जानिए आपके शहर में सोना व चांदी का भाव — 26 सितंबर 2025
What's Your Reaction?






