बाड़मेर में शराब के नशे में धुत सरकारी शिक्षक ने स्कूल में की अभद्रता, छात्रा की कॉपी पर लिखा नंबर और शाम को गैलरी में सोया।
राजस्थान के बाड़मेर जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जो शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रही है। यहां एक सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल में तैनात शिक्षक शराब के नशे में
राजस्थान के बाड़मेर जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जो शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रही है। यहां एक सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल में तैनात शिक्षक शराब के नशे में धुत होकर स्कूल पहुंच गया। यह घटना शुक्रवार शाम की है जब स्कूल की छुट्टी हो चुकी थी। शिक्षक न केवल नशे में धुत था बल्कि उसने दिन में एक छात्रा की कॉपी पर अपना मोबाइल नंबर लिखने जैसी अभद्र हरकत भी की थी। शाम को जब वह फिर स्कूल लौटा तो गैलरी में ही सो गया। खेलने आए बच्चों ने उसे इस हालत में देखा और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। वीडियो वायरल होते ही हड़कंप मच गया और स्कूल प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए शिक्षक को स्कूल से हटा दिया।
यह घटना बाड़मेर जिले के हापों की ढाणी स्थित सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल की है। स्कूल की प्रिंसिपल के अनुसार, शिक्षक का नाम गोविंद सिंह है। वह सामाजिक विज्ञान का विषय पढ़ाता है। शुक्रवार सुबह स्कूल पहुंचा गोविंद सिंह एक कक्षा में छात्रा की कॉपी चेक कर रहा था। इसी दौरान उसने कक्षा की एक नाबालिग छात्रा की नोटबुक पर अपना मोबाइल नंबर लिख दिया। छात्रा ने इसकी शिकायत नहीं की लेकिन बात प्रिंसिपल तक पहुंच गई। प्रिंसिपल ने गोविंद सिंह को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि ऐसी हरकतें स्कूल की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं। शिक्षक ने गलती स्वीकार की और वादा किया कि वह ऐसा दोबारा नहीं करेगा। लेकिन दोपहर में स्कूल की छुट्टी होते ही वह शराब के नशे में धुत होकर फिर स्कूल परिसर में लौट आया।
शाम करीब छह बजे का समय था। स्कूल के मैदान में कुछ बच्चे खेलने के लिए इकट्ठा हो रहे थे। तभी गैलरी में गोविंद सिंह को नशे की हालत में सोते देखा। वह फर्श पर लेटा हुआ था और उसके कपड़े भी अस्त-व्यस्त थे। बच्चे डर गए। एक बच्चे ने साहस जुटाकर वीडियो बनाया। वीडियो में शिक्षक को लड़खड़ाते हुए और बोलते हुए देखा जा सकता है। वह कुछ अस्पष्ट शब्द बोल रहा था लेकिन बच्चे समझ नहीं पाए। वीडियो में साफ दिख रहा है कि शिक्षक का चेहरा लाल था और आंखें बंद करके सो रहा था। बच्चे चुपके से बाहर निकले और अपने परिवार वालों को बताया।
परिवार वालों ने तुरंत स्कूल स्टाफ को सूचना दी। प्रिंसिपल और अन्य कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर शिक्षक को जगाया। गोविंद सिंह को होश में लाने की कोशिश की गई लेकिन वह पूरी तरह नशे में था। स्टाफ ने उसे स्कूल से बाहर निकाला और उसके घर वालों को बुलाया। इस बीच वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया। ट्विटर और फेसबुक पर लोग इसे शेयर कर रहे थे। कई यूजर्स ने इसे शिक्षा विभाग की लापरवाही बताया। एक यूजर ने लिखा कि शिक्षक ही बच्चों को गलत रास्ता दिखा रहे हैं। दूसरे ने कहा कि ऐसे लोगों को नौकरी से बर्खास्त किया जाए। वीडियो देखने वालों की संख्या कुछ ही घंटों में हजारों में पहुंच गई।
स्कूल प्रिंसिपल ने बताया कि दिन की घटना के बाद शिक्षक को चेतावनी दी गई थी। लेकिन शाम को ऐसी हालत में लौटना अप्रत्याशित था। प्रिंसिपल ने जिला शिक्षा अधिकारी को रिपोर्ट भेजी। शिक्षा विभाग ने शुक्रवार रात ही कार्रवाई की। गोविंद सिंह को तत्काल प्रभाव से स्कूल से रिलीव कर दिया गया। उन्हें दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने का आदेश जारी हो गया। विभाग ने कहा कि आगे की जांच होगी और यदि नशे की पुष्टि हुई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मेडिकल जांच के आदेश भी दिए गए हैं। प्रिंसिपल ने छात्रा की कॉपी वाले मामले की भी जांच शुरू कर दी है। छात्रा के परिवार को बुलाकर बात की गई और आश्वासन दिया गया कि ऐसी घटना दोबारा नहीं होगी।
बाड़मेर जिले में सरकारी स्कूलों की स्थिति पहले से ही चिंताजनक है। दूरस्थ इलाकों में शिक्षकों की कमी है और जो हैं वे अक्सर अनुपस्थित रहते हैं। हापों की ढाणी जैसे गांव में स्कूल मुख्य शिक्षा केंद्र है। यहां सैकड़ों बच्चे पढ़ते हैं। अधिकांश परिवार गरीब हैं और शिक्षा पर निर्भर हैं। ऐसी घटनाएं न केवल स्कूल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाती हैं बल्कि बच्चों के मन में शिक्षकों के प्रति भय पैदा करती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि शिक्षकों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। नशे की लत जैसी समस्याओं पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। विभाग ने कहा कि पूरे जिले में अब सख्त निगरानी होगी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि गोविंद सिंह पहले भी कुछ असामान्य व्यवहार के लिए जाना जाता था। लेकिन कभी शराब का नशा नहीं दिखा। गांव वाले हैरान हैं कि एक शिक्षक ने ऐसी गलती कैसे की। एक ग्रामीण ने बताया कि बच्चे डरे हुए हैं। वे कहते हैं कि टीचर साहब गुस्सैल थे लेकिन नशा करते नहीं दिखते थे। अब वीडियो के बाद सबकी नजरें विभाग पर हैं। क्या कार्रवाई होगी या सिर्फ कागजी। अभिभावक संघ ने शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि सभी स्कूलों में सीसीटीवी लगाए जाएं और शिक्षकों की दैनिक उपस्थिति चेक हो।
यह घटना राजस्थान में हाल ही में आई अन्य घटनाओं की याद दिलाती है। जनवरी में बाड़मेर के ही गुड़ामालानी ब्लॉक में एक शिक्षक विजय कुमार ने शराब पीकर बच्चों को डंडे से पीटा था। ग्रामीणों ने उसे पकड़ा तो धमकी दी। उस मामले में भी विभाग ने सस्पेंड किया था। लेकिन कई मामलों में कार्रवाई सिर्फ दिखावे तक सीमित रह जाती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि शिक्षक भर्ती और प्रशिक्षण प्रक्रिया में सुधार जरूरी है। नशे की समस्या को हल्के में न लिया जाए।
हापों की ढाणी के स्कूल में अब माहौल सामान्य हो रहा है। प्रिंसिपल ने बच्चों से बात की और कहा कि वे बिना डर पढ़ाई पर ध्यान दें। छात्रा के परिवार ने कहा कि वे विभाग पर भरोसा करते हैं। लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के उपाय हो। जिला कलेक्टर ने भी मामले का संज्ञान लिया। उन्होंने शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि दोषी पर सख्ती हो। यह घटना पूरे देश के लिए सबक है। शिक्षक समाज के मार्गदर्शक होते हैं। उनकी एक गलती सैकड़ों बच्चों का भविष्य प्रभावित कर सकती है।
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया कि राजस्थान में शिक्षकों के आचरण पर सख्त नियम हैं। नशे में ड्यूटी आना दंडनीय अपराध है। राज्य स्तर पर ऐसे मामलों की रिपोर्ट तैयार की जाती है। बाड़मेर जैसे सीमावर्ती जिले में चुनौतियां अधिक हैं। यहां पानी की कमी और दूरियां शिक्षकों को परेशान करती हैं। लेकिन इससे बहाना नहीं बनना चाहिए। विभाग ने जागरूकता शिविर आयोजित करने का फैसला लिया। स्थानीय एनजीओ भी सहयोग करेंगे।
गांव के बुजुर्गों ने कहा कि शिक्षा ही विकास का आधार है। शिक्षकों को परिवार की तरह देखा जाता है। ऐसी घटनाएं दुखद हैं। बच्चे अब सतर्क हो गए हैं। वे कहते हैं कि अगर फिर ऐसा हो तो तुरंत बताएंगे। प्रिंसिपल ने स्टाफ मीटिंग बुलाई। सबने संकल्प लिया कि स्कूल को सुरक्षित रखेंगे। यह घटना मीडिया में छाई रही। समाचार चैनलों ने इसे प्रमुखता से दिखाया। सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। कई ने कहा कि वीडियो बनाना सही था क्योंकि इससे कार्रवाई हुई।
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