बिहार चुनाव 2025: तेजस्वी यादव का दावा, जनता उखाड़ फेंकेगी 20 साल पुरानी NDA सरकार।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले राष्ट्रीय जनता दल के नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने

Nov 4, 2025 - 11:29
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बिहार चुनाव 2025: तेजस्वी यादव का दावा, जनता उखाड़ फेंकेगी 20 साल पुरानी NDA सरकार।
बिहार चुनाव 2025: तेजस्वी यादव का दावा, जनता उखाड़ फेंकेगी 20 साल पुरानी NDA सरकार।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले राष्ट्रीय जनता दल के नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने एक बड़ा बयान दिया है। पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि इस बार बिहार की जनता 20 साल की एनडीए सरकार को उखाड़ फेंकेगी। तेजस्वी ने कहा कि लोगों का मूड बदलाव का है। उन्होंने महागठबंधन की माई-बहन मान योजना का जिक्र करते हुए वादा किया कि सरकार बनते ही मकर संक्रांति से महिलाओं को एक साल के लिए 30 हजार रुपये एकमुश्त दिए जाएंगे। यह बयान चुनावी माहौल को और गर्म कर रहा है, जहां एनडीए और महागठबंधन के बीच तीखी बयानबाजी चल रही है।

तेजस्वी यादव का यह बयान 4 नवंबर 2025 को आया, जब बिहार में पहले चरण का मतदान हो चुका है। उन्होंने कहा कि एनडीए के 20 साल के शासन में बिहार गरीबी, बेरोजगारी और अपराध की चपेट में रहा। राज्य आज भी देश का सबसे गरीब राज्य है, जहां न उद्योग लगे, न रोजगार बढ़ा। तेजस्वी ने एनडीए के संकल्प पत्र पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें सॉरी पत्र जारी करना चाहिए और जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए ने पुराने वादों को दोहराया है, लेकिन एक भी पूरा नहीं किया। तेजस्वी ने कहा कि महागठबंधन सिर्फ 20 महीने का मौका मांग रहा है, जिसमें वे वो काम कर दिखाएंगे जो एनडीए 20 साल में नहीं कर सकी।

पटना की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी ने महिलाओं और युवाओं को लक्ष्य बनाते हुए अपनी योजनाओं का खुलासा किया। माई-बहन मान योजना के तहत हर महिला को सालाना 30 हजार रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी। इसके अलावा, हर घर में एक नौकरी का वादा दोहराते हुए तेजस्वी ने कहा कि बेरोजगारी खत्म होगी और युवाओं को पक्की सरकारी नौकरी मिलेगी। उन्होंने पेपर लीक और भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाते हुए एनडीए पर निशाना साधा। तेजस्वी ने कहा कि एनडीए सरकार में अपराध चरम पर है। रोहतास में पिता-पुत्र की हत्या जैसी घटनाएं रोज हो रही हैं, लेकिन सरकार सो रही है। उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन की सरकार बनते ही दो महीने में सभी अपराधी जेल पहुंच जाएंगे।

तेजस्वी यादव ने एनडीए पर बाहरी ताकतों का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी और उसके सहयोगी बिहार को अपना उपनिवेश बनाना चाहते हैं। बिहार का बेटा ही बिहार चला सकता है, कोई बाहरी नहीं। उन्होंने अमित शाह का नाम लेते हुए कहा कि गृह मंत्री बिहार में कारखाने लगाने की बात करते हैं, लेकिन गुजरात में ही उद्योग लगा देते हैं। तेजस्वी ने कहा कि एनडीए ने 20 साल में बिहार को विकास से वंचित रखा। कोई निवेश नहीं आया, कोई फैक्ट्री नहीं बनी। बिहारी मजदूर दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं। उन्होंने वक्फ संशोधन कानून का जिक्र करते हुए कहा कि महागठबंधन सरकार बनने पर इसे कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा। यह कानून सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाला है।

यह बयान बिहार की राजनीति में उथल-पुथल मचा रहा है। एनडीए ने तुरंत पलटवार किया। जेडीयू नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी ने कहा कि तेजस्वी के वादे खोखले हैं। उन्होंने राजद के पुराने जंगलराज का हवाला देते हुए कहा कि तेजस्वी फिर वही गलतियां दोहराना चाहते हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए ने बिहार को सुशासन दिया है। सड़कें, बिजली और शिक्षा में प्रगति हुई है। उन्होंने तेजस्वी पर नकल का आरोप लगाया कि महागठबंधन एनडीए की योजनाओं की नकल कर रहा है। एनडीए ने अपना संकल्प पत्र जारी करते हुए वादा किया कि अगले पांच साल में एक करोड़ रोजगार सृजित होंगे। लेकिन तेजस्वी ने इसे जुमला बताया।

बिहार चुनाव 2025 में कुल 243 सीटों पर मुकाबला है। महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस और वामपंथी दल शामिल हैं, जबकि एनडीए में बीजेपी, जेडीयू और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा। पहले चरण में 14 नवंबर को 65 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। तेजस्वी रघोपुर से उम्मीदवार हैं। उनका यह बयान दलित, पिछड़े और आदिवासी वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश लगता है। उन्होंने कहा कि ये समाज एनडीए को उखाड़ फेंकने के लिए एकजुट हो चुके हैं। तेजस्वी ने लालू प्रसाद यादव का जिक्र करते हुए कहा कि उनके पिता ने कभी सांप्रदायिक ताकतों से समझौता नहीं किया।

चुनावी विशेषज्ञों का कहना है कि तेजस्वी का यह आक्रामक रुख महागठबंधन को फायदा पहुंचा सकता है। बिहार में बेरोजगारी दर 15 प्रतिशत से ऊपर है। पलायन एक बड़ी समस्या है। एनडीए के 20 साल के शासन में बिहार का जीएसडीपी विकास दर राष्ट्रीय औसत से कम रही। एनएफएचएस सर्वे के अनुसार, राज्य में कुपोषण अभी भी चिंताजनक स्तर पर है। तेजस्वी ने इन मुद्दों को भुनाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि एनडीए ने 125 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा किया, लेकिन महागठबंधन ने पहले ही 200 यूनिट का ऐलान कर चुका है। यह नकलची सरकार है।

तेजस्वी यादव का राजनीतिक सफर लंबा रहा है। वे पूर्व उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। 2020 के चुनाव में महागठबंधन ने 110 सीटें जीती थीं, लेकिन सरकार बनाने से चूक गए। अब 2025 में वे सीएम फेस हैं। उनकी रैलियों में युवा और महिलाओं की भीड़ उमड़ रही है। मुजफ्फरपुर और कटिहार की सभाओं में उन्होंने कहा कि 20 साल पुरानी सरकार थक चुकी है। जनता नई सोच चाहती है। तेजस्वी ने कहा कि अपराधी हो तो चाहे उनकी परछाई ही क्यों न हो, सजा मिलेगी। उन्होंने जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह की गिरफ्तारी का जिक्र किया।

एनडीए की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह बिहार में रैलियां कर रहे हैं। मोदी ने छपरा में कहा कि एनडीए बिहार को बिहार 3.0 बनाएगा। लेकिन तेजस्वी ने इसे बहाना बताया। उन्होंने कहा कि 11 साल में मोदी ने दो करोड़ नौकरियों का वादा किया, लेकिन एक भी नहीं दी। बिहार में तीन चीनी मिलें बंद हो गईं। तेजस्वी ने सोशल मीडिया पर पोस्टर शेयर किए, जिसमें लिखा है कमल कमाल, बर्बादी के 20 साल। इसमें बेरोजगारी, महंगाई और पेपर लीक के मुद्दे हैं।

महागठबंधन के अन्य नेता भी सक्रिय हैं। रोहिणी आचार्य ने कहा कि तेजस्वी ने असंभव को संभव कर दिखाया। उन्होंने एनडीए पर सवाल उठाया कि 20 साल में क्या किया। कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने संकल्प पत्र को इतिहास बताया। दूसरी ओर, एनडीए में चिराग पासवान और जीतन राम मांझी जैसे नेता वोट साध रहे हैं। लेकिन तेजस्वी का बयान विपक्ष को एकजुट कर रहा है।

बिहार की जनता अब फैसला लेगी। चुनाव आयोग ने तीसरे चरण की तारीखें घोषित की हैं। मतगणना 5 दिसंबर को होगी। तेजस्वी ने कहा कि यह परिवर्तन का बिगुल है। नकारा सरकार से मुक्ति मिलेगी। विशेषज्ञों का अनुमान है कि मुकाबला कांटे का होगा। महागठबंधन को 120 सीटों का लक्ष्य है। एनडीए बहुमत का दावा कर रहा है। लेकिन तेजस्वी का यह बयान विपक्ष की उम्मीदें बढ़ा रहा है। बिहार बदलाव के दौर से गुजर रहा है। युवा वोटर निर्णायक भूमिका निभाएंगे। महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ी है।

तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में कहा कि बिहार अधिकार यात्रा जारी रहेगी। उन्होंने मतदाता सूची के पुनरीक्षण का विरोध किया। कहा कि यह साजिश है। तेजस्वी ने कहा कि सत्ता बदलने का समय आ गया है। दलित, आदिवासी और पिछड़े एकजुट हैं। एनडीए का अंत नजदीक है। यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लाखों लोग शेयर कर रहे हैं। एनडीए कार्यकर्ता जवाब दे रहे हैं। लेकिन माहौल विपक्ष के पक्ष में लग रहा है।

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