यूरिन में ये 5 बदलाव बताते हैं किडनी डैमेज के संकेत, समय रहते डॉक्टर से जांच कराएं।

किडनी हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है, जो रक्त को फिल्टर करके अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालता है। लेकिन जब किडनी डैमेज होती है, तो यह प्रक्रिया बाधित हो जाती है। विश्व

Oct 31, 2025 - 12:31
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यूरिन में ये 5 बदलाव बताते हैं किडनी डैमेज के संकेत, समय रहते डॉक्टर से जांच कराएं।

किडनी हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है, जो रक्त को फिल्टर करके अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालता है। लेकिन जब किडनी डैमेज होती है, तो यह प्रक्रिया बाधित हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में करीब 80 करोड़ लोग क्रॉनिक किडनी डिजीज से प्रभावित हैं, और भारत में यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। किडनी डैमेज के शुरुआती लक्षण अक्सर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं, खासकर जब वे यूरिन से जुड़े होते हैं। अगर समय पर पहचान न हो, तो यह डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या हृदय रोग जैसी जटिलताओं को जन्म दे सकता है। राष्ट्रीय किडनी फाउंडेशन के अनुसार, किडनी डैमेज का 90 प्रतिशत मामला शुरुआती चरण में ही पकड़ा जा सकता है, अगर यूरिन टेस्ट नियमित करवाया जाए। इसलिए, यूरिन में दिखने वाले इन पांच प्रमुख बदलावों को हल्के में न लें। अगर ये संकेत दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यहां हम इन लक्षणों को विस्तार से समझेंगे, ताकि आप अपनी और अपनों की सेहत का ख्याल रख सकें।

पहला संकेत है यूरिन में झाग या फोम बनना। सामान्य यूरिन साफ और बिना झाग के होता है। लेकिन जब किडनी के फिल्टर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो प्रोटीन (खासकर एल्ब्यूमिन) यूरिन में लीक हो जाता है। इससे यूरिन झागदार दिखता है, जैसे बीयर का फोम। अमेरिकन किडनी फंड के अनुसार, यह प्रोटीनुरिया का शुरुआती चिन्ह है, जो किडनी डैमेज की ओर इशारा करता है। अगर आप सुबह उठते ही झागदार यूरिन देखें, तो यह चिंता की बात है। कई लोग इसे सामान्य मान लेते हैं, लेकिन यह किडनी के फिल्टर में खराबी का संकेत है। डॉक्टर यूरिन एल्ब्यूमिन-टू-क्रिएटिनिन रेशियो (UACR) टेस्ट से इसे कन्फर्म करते हैं। अगर UACR 30 मिलीग्राम से ज्यादा हो, तो किडनी डैमेज की पुष्टि हो सकती है। शुरुआती चरण में डाइट में प्रोटीन कंट्रोल और दवाओं से इसे रोका जा सकता है। लेकिन अनदेखा करने पर यह स्टेज 3 या 4 तक पहुंच सकता है, जहां डायलिसिस की जरूरत पड़ती है।

दूसरा बदलाव है यूरिन का रंग असामान्य होना। स्वस्थ यूरिन हल्का पीला या साफ होता है। लेकिन किडनी डैमेज में यह गहरा भूरा, कोला कलर या गुलाबी-लाल हो सकता है। वेबएमडी के अनुसार, यह हीमाटुरिया (रक्त यूरिन में) का संकेत है, जहां किडनी के फिल्टर से रेड ब्लड सेल्स लीक हो जाते हैं। रक्त दिखना किडनी स्टोन, इंफेक्शन या ट्यूमर का भी चिन्ह हो सकता है। अगर यूरिन में रक्त के धब्बे दिखें या यह लगातार गहरा हो, तो तुरंत जांच जरूरी है। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो मेडिसिन के विशेषज्ञ कहते हैं कि गहरे रंग का यूरिन डिहाइड्रेशन से भी होता है, लेकिन अगर यह लगातार रहे, तो किडनी समस्या की ओर इशारा करता है। टेस्ट में यूरिन रूटीन एग्जामिनेशन से रक्त की मौजूदगी पता चलती है। शुरुआती इलाज से इसे ठीक किया जा सकता है, लेकिन देरी से किडनी फेलियर हो सकता है। रोज 2-3 लीटर पानी पीना और हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल करना फायदेमंद है।

तीसरा संकेत है यूरिन की मात्रा में बदलाव। किडनी डैमेज में यूरिन कम या ज्यादा हो सकता है। अगर रात में बार-बार यूरिन आने लगे (नोक्टुरिया), तो यह किडनी के फ्लूइड बैलेंस बिगड़ने का चिन्ह है। नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार, क्षतिग्रस्त किडनी वेस्ट को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाती, जिससे ब्लैडर बार-बार भर जाता है। दिन में 4-7 बार यूरिन सामान्य है, लेकिन रात में 2-3 बार से ज्यादा होना समस्या है। कभी-कभी यूरिन इतना कम हो जाता है कि दिन में एक-दो बार ही जाता है। लैबकॉर्प के अनुसार, यह इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन से होता है। अगर आपको थकान या सूजन साथ में हो, तो डॉक्टर से ब्लड टेस्ट (eGFR) करवाएं। eGFR 90 से कम होने पर किडनी डैमेज की आशंका बढ़ती है। डायबिटीज वाले मरीजों में यह आम है। इलाज में दवाएं और डाइट चेंज से सुधार होता है।

चौथा बदलाव है यूरिन में बादल या दूधिया रंग आना। स्वस्थ यूरिन साफ होता है, लेकिन किडनी डैमेज में यह क्लाउडी या पस जैसा दिख सकता है। यूनिटी पॉइंट हेल्थ के अनुसार, यह इंफेक्शन या क्रिस्टल्स (जैसे यूरिक एसिड) के कारण होता है, जो किडनी स्टोन या डैमेज का संकेत है। अगर यूरिन में पीड़ा या जलन हो, तो यह UTI का चिन्ह हो सकता है, जो किडनी तक फैल जाता है। किडनी फंड के अनुसार, क्लाउडी यूरिन में बैक्टीरिया या व्हाइट ब्लड सेल्स होते हैं। टेस्ट में कल्चर से पुष्टि होती है। महिलाओं में यह ज्यादा आम है। अगर अनदेखा करें, तो किडनी इंफेक्शन (पाइलोनेफ्राइटिस) हो सकता है। एंटीबायोटिक्स और हाइजीन से बचाव होता है।

पांचवां संकेत है यूरिन की गंध में बदलाव। सामान्य यूरिन की हल्की गंध होती है, लेकिन किडनी डैमेज में यह तेज या अमोनिया जैसी हो जाती है। लाइफ ऑप्शन्स के अनुसार, यह यूरिमिया का चिन्ह है, जहां वेस्ट प्रोडक्ट्स ब्लड में जमा हो जाते हैं। यूरिन मीठा या मेटालिक लग सकता है। अगर भूख न लगे या सांस में गंध आए, तो जांच जरूरी। क्लेवलैंड क्लिनिक के अनुसार, यह एडवांस स्टेज में होता है। ब्लड टेस्ट से क्रिएटिनिन लेवल चेक करें। डाइट में सोडियम कम करने से राहत मिलती है।

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