सेलिना जेटली के भाई मेजर विक्रांत UAE में हिरासत में, दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को कानूनी सहायता देने का निर्देश दिया। 

बॉलीवुड अभिनेत्री सेलिना जेटली के भाई, रिटायर्ड मेजर विक्रांत कुमार जेटली को संयुक्त अरब अमीरात में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले में पिछले एक साल से ज्यादा समय से

Nov 4, 2025 - 11:33
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सेलिना जेटली के भाई मेजर विक्रांत UAE में हिरासत में, दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को कानूनी सहायता देने का निर्देश दिया। 
सेलिना जेटली के भाई मेजर विक्रांत UAE में हिरासत में, दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को कानूनी सहायता देने का निर्देश दिया। 

बॉलीवुड अभिनेत्री सेलिना जेटली के भाई, रिटायर्ड मेजर विक्रांत कुमार जेटली को संयुक्त अरब अमीरात में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले में पिछले एक साल से ज्यादा समय से हिरासत में रखा गया है। सेलिना ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने भाई की रिहाई और कानूनी मदद के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की गुहार लगाई। अदालत ने सोमवार को केंद्र को निर्देश दिया कि विक्रांत को प्रभावी कानूनी प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाए। साथ ही, सेलिना और उनके भाई के बीच संपर्क सुनिश्चित करने तथा एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का आदेश भी दिया। यह मामला भारतीय नागरिकों की विदेशी हिरासत में सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रहा है।

सेलिना जेटली ने 3 नवंबर 2025 को दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया कि उनके भाई को 6 सितंबर 2024 को दुबई के एक मॉल से उनकी पत्नी की मौजूदगी में अपहरण कर लिया गया। विक्रांत 2016 से यूएई में रह रहे थे और मैटिटी ग्रुप नामक एक ट्रेडिंग तथा रिस्क मैनेजमेंट फर्म में काम कर रहे थे। याचिका में कहा गया कि हिरासत के दौरान विक्रांत को न तो ठीक से कानूनी सहायता मिली और न ही परिवार को उनकी स्थिति के बारे में कोई अपडेट। सेलिना ने खुद को विक्रांत की एकमात्र जीवित निकटतम रक्त संबंधी बताया, क्योंकि उनके माता-पिता का देहांत हो चुका है। वे कहती हैं कि भाई से आखिरी बार बात 14 महीने पहले हुई थी।

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सच्चिन दत्ता ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील से जवाब मांगा। केंद्र ने बताया कि यूएई में भारतीय अधिकारियों ने विक्रांत को कांसुलर एक्सेस प्रदान किया है। लेकिन सेलिना के वकीलों ने कहा कि विक्रांत अपनी पत्नी से अलग-थलग हैं और संपर्क टूट चुका है। अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सेलिना और विक्रांत के बीच संपर्क कराया जाए। साथ ही, विक्रांत और उनकी पत्नी के बीच भी संवाद की कोशिश हो। अदालत ने विदेश मंत्रालय को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा, जो परिवार को हिरासत की स्थिति, कानूनी प्रक्रिया और विक्रांत की सेहत के बारे में नियमित अपडेट दे। अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी।

सेलिना जेटली ने सुनवाई के बाद इंस्टाग्राम पर भावुक पोस्ट साझा की। उन्होंने लिखा, "14 महीनों की कठिन लड़ाई के बाद अंधेरे सुरंग के अंत में रोशनी दिखी। दिल्ली हाईकोर्ट के दरवाजे से लौटते हुए मैं आभारी हूं। मेरे भाई मेजर विक्रांत कुमार जेटली, जो भारतीय सेना के 3 पैरा स्पेशल फोर्सेस के वीर सैनिक रहे, को न्याय मिलेगा।" सेलिना ने कहा कि सरकार ही वह इकाई है जिस पर वे भरोसा करती हैं। उन्होंने भाई दूज के मौके पर भी एक इमोशनल मैसेज पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था, "तुमने हम सबके लिए लड़ाई लड़ी, भाई। अब हम तुम्हारे लिए लड़ेंगे।" सेलिना ने यूएन इक्वलिटी चैंपियन के रूप में भी इस मामले को उठाया, ताकि अन्य भारतीयों को ऐसी स्थिति से बचाया जा सके।

विक्रांत कुमार जेटली भारतीय सेना में मेजर के पद से रिटायर हुए थे। वे लेबनान में संयुक्त राष्ट्र की शांति मिशन में तैनात रह चुके हैं। सेना से रिटायरमेंट के बाद वे यूएई चले गए, जहां उन्होंने निजी क्षेत्र में नौकरी शुरू की। याचिका के अनुसार, हिरासत का कारण राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला बताया गया है, लेकिन कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। सेलिना ने आरोप लगाया कि भारतीय दूतावास और कांसुलेट को कई बार पत्र लिखने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने सरकार के माडड पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। याचिका में विदेश मंत्रालय पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा गया कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन है। साथ ही, वियना कांसुलर संबंध संधि 1963 के तहत भारत का कर्तव्य है कि विदेश में फंसे नागरिकों की मदद करे।

यह मामला न सिर्फ सेलिना के परिवार के लिए दर्दनाक है, बल्कि भारतीय प्रवासियों की सुरक्षा पर भी बहस छेड़ रहा है। यूएई में लाखों भारतीय रहते हैं, जो वहां नौकरी और व्यापार के लिए जाते हैं। लेकिन कभी-कभी कानूनी जटिलताओं में फंस जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर हिरासत में पारदर्शिता की कमी एक बड़ी समस्या है। सेलिना के वकील राघव कक्कड़, रिभव पांडे, माधव अग्रवाल और आयुष शुक्ला ने अदालत में तर्क दिया कि विक्रांत को चिकित्सा सुविधा, वित्तीय सहायता और नियमित कांसुलर निगरानी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हिरासत के दौरान मानवाधिकारों का पालन सुनिश्चित हो। केंद्र के वकील निधि रमन और अर्णव मित्तल ने कांसुलर एक्सेस का हवाला दिया, लेकिन अदालत ने इससे संतुष्टि नहीं जताई।

सेलिना जेटली का बॉलीवुड सफर भी चर्चित रहा है। वे 2001 में फेमिना मिस इंडिया बनीं और मिस यूनिवर्स में चौथी रनर-अप रहीं। फिल्मों जैसे जानसीन, नो एंट्री और शक्ति से अभिनय की शुरुआत की। शादी के बाद वे ऑस्ट्रिया में रहने लगीं, लेकिन सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय रहीं। इस घटना ने उन्हें फिर सुर्खियों में ला दिया। सेलिना ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ उनके भाई के लिए नहीं, बल्कि सभी भारतीय सैनिकों और प्रवासियों के लिए है। उन्होंने अपील की कि सरकार जल्द कदम उठाए, ताकि विक्रांत घर लौट सकें।

अदालत के निर्देश के बाद उम्मीद है कि स्थिति में सुधार होगा। नोडल अधिकारी की नियुक्ति से परिवार को नियमित जानकारी मिलेगी। लेकिन विक्रांत की रिहाई कब होगी, यह यूएई की कानूनी प्रक्रिया पर निर्भर करेगा। भारत-यूएई संबंध मजबूत हैं, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय समझौते हैं। विदेश मंत्रालय ने पहले भी कई मामलों में मदद की है। लेकिन इस केस में देरी ने सवाल उठाए हैं। सेलिना ने सोशल मीडिया पर समर्थकों से प्रार्थना की कि वे इस मुद्दे को उठाएं। कई सेलिब्रिटी और एनजीओ ने उनका साथ दिया।

यह घटना भारतीय नागरिकों को विदेश यात्रा के दौरान सतर्क रहने की सीख देती है। विशेष रूप से मध्य पूर्व के देशों में कानूनी नियम सख्त हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में जानकारी सीमित रहती है, जो परिवारों को परेशान करती है। सेलिना का संघर्ष एक मिसाल है कि न्याय के लिए कैसे लड़ा जाता है। अदालत ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है, जिससे अगली सुनवाई में प्रगति का पता चलेगा। विक्रांत की सेहत चिंता का विषय बनी हुई है। सेलिना ने कहा कि भाई को उचित इलाज और देखभाल की जरूरत है।

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