इजरायल-हमास सीजफायर टूटने के बाद गाजा में हवाई हमले: 26 फिलिस्तीनियों की मौत, नेतन्याहू ने हमास पर लगाए उल्लंघन के आरोप।
मध्य पूर्व में शांति की कोशिशें एक बार फिर संकट में फंस गई हैं। इजरायल और हमास के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से बने सीजफायर समझौते
मध्य पूर्व में शांति की कोशिशें एक बार फिर संकट में फंस गई हैं। इजरायल और हमास के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से बने सीजफायर समझौते को महज तीन सप्ताह बाद गंभीर चुनौती मिली है। 28 अक्टूबर 2025 को इजरायल ने गाजा पट्टी पर जोरदार हवाई हमले किए, जिसमें कम से कम 26 फिलिस्तीनी मारे गए। हमले गाजा के विभिन्न इलाकों में किए गए, जिनमें गाजा सिटी, खान यूनिस और बुरेज शरणार्थी शिविर शामिल हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास पर सीजफायर का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए इन हमलों का आदेश दिया। हमास ने इन आरोपों को खारिज किया और इजरायल को ही समझौते का जिम्मेदार ठहराया। यह घटना उस संघर्ष की याद दिलाती है, जो 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले से शुरू हुआ था और अब तक हजारों जानें ले चुका है। आइए, इस घटना की पूरी पृष्ठभूमि और तथ्यों को प्रमुख समाचार स्रोतों के आधार पर समझते हैं।
यह संघर्ष की जड़ें गहरी हैं। 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर आश्चर्यजनक हमला किया, जिसमें 1,200 से अधिक इजरायली मारे गए और 250 से ज्यादा बंधकों को गाजा ले जाया गया। इसके जवाब में इजरायल ने गाजा पर व्यापक सैन्य अभियान चलाया, जिसमें गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 68,500 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए। दो वर्षों की इस जंग ने गाजा को तबाह कर दिया। हजारों घर उजड़ गए, अस्पताल ध्वस्त हो गए और लाखों लोग विस्थापित हुए। इस साल अक्टूबर में ट्रंप प्रशासन ने मिस्र, कतर और तुर्की की मदद से एक सीजफायर समझौता कराया, जो 10 अक्टूबर को प्रभावी हुआ। समझौते के पहले चरण में इजरायल ने कुछ सैनिक पीछे हटाए, हमास ने कुछ जीवित बंधकों को रिहा किया और मृतकों के शव सौंपने की प्रक्रिया शुरू की। लेकिन समझौता नाजुक था। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर छोटे-मोटे उल्लंघनों के आरोप लगाए।
19 अक्टूबर को पहली बड़ी परीक्षा आई। इजरायल ने दावा किया कि हमास ने राफा शहर में उसके दो सैनिकों की हत्या की। मेजर यनिव कुला (26 वर्ष) और स्टाफ सर्जेंट इतय यावetz की मौत हो गई। इजरायल ने जवाब में गाजा पर हवाई हमले किए, जिसमें 26 फिलिस्तीनियों की मौत हुई। लेकिन अमेरिकी दबाव में सहायता फिर से शुरू हुई और सीजफायर बरकरार रहा। ट्रंप ने कहा कि हमास नेतृत्व शायद इसमें शामिल नहीं था। फिर 28 अक्टूबर को नया विवाद भड़का। इजरायल ने कहा कि हमास ने बंधकों के शव सौंपने की प्रक्रिया में धोखा दिया। उन्होंने 13 लापता बंधकों में से एक का शव होने का दावा किया, जो वास्तव में 2023 के हमले में मारे गए ओफिर त्जार्फाती का था, जिसका शव इजरायली सेना ने दो वर्ष पहले ही बरामद कर लिया था। इजरायल ने ड्रोन फुटेज जारी किया, जिसमें हमास कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर शव को दफनाते दिखाया गया, ताकि रेड क्रॉस को 'नया' मिले।
इसके अलावा, राफा में इजरायली सैनिकों पर गोलीबारी हुई, जिसमें मास्टर सर्जेंट योना एफ्राइम फेल्डबाउम (37 वर्ष) घायल हुए। इजरायल ने इसे हमास का हमला बताया। नेतन्याहू ने सुरक्षा मंत्रियों के साथ आपात बैठक बुलाई और 'तत्काल शक्तिशाली हमले' का आदेश दिया। इजरायली सेना ने गाजा सिटी के सबरा इलाके, बुरेज कैंप, खान यूनिस और दिर अल-बलाह पर हमले किए। गाजा की नागरिक सुरक्षा एजेंसी के अनुसार, हमलों में 26 लोग मारे गए। इनमें बुरेज कैंप में एक घर पर हमले से पांच, गाजा सिटी के एक भवन में चार और खान यूनिस में एक कार पर पांच शामिल हैं। कई महिलाएं और बच्चे मारे गए। बचाव दल मलबे में फंसे लोगों को निकालने में जुटे हैं। अल-शिफा अस्पताल के आंगन पर भी हमला हुआ, जो गाजा का सबसे बड़ा चिकित्सा केंद्र है।
हमास ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया। अल-कसम ब्रिगेड्स ने कहा कि वे राफा हमले में शामिल नहीं हैं और सीजफायर का पालन कर रहे हैं। उन्होंने बंधक शवों को खोजने में कठिनाई बताई, क्योंकि मलबे के नीचे दबे हैं। हमास ने भारी मशीनरी और 'रेड जोन' में पहुंच की मांग की, जो इजरायल ने कथित तौर पर ठुकरा दी। हमास प्रवक्ता सुहेल अल-हिंदी ने अल जजीरा को बताया कि इजरायल झूठे बहाने बना रहा है। हमास ने एक बंधक का शव सौंपना स्थगित कर दिया, इजरायल के 'उल्लंघनों' का हवाला देते हुए। उन्होंने कहा कि इजरायल युद्ध फिर शुरू करना चाहता है। गाजा सरकार मीडिया कार्यालय ने कहा कि सीजफायर के बाद इजरायल ने 94 फिलिस्तीनियों को मार डाला और सहायता सीमित की।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं तीखी हैं। अमेरिका ने कहा कि सीजफायर बरकरार है। ट्रंप ने एयर फोर्स वन पर पत्रकारों से कहा, 'हमास ने इजरायली सैनिक मारा, इसलिए इजरायल ने जवाब दिया। लेकिन कुछ भी समझौते को खतरे में नहीं डालेगा।' उपराष्ट्रपति जेडी वैंस ने कहा, 'छोटी-मोटी झड़पें हो सकती हैं, लेकिन शांति बनी रहेगी।' तुर्की के विदेश मंत्रालय ने हमलों को 'खुले उल्लंघन' बताया और फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता जताई। यूरोपीय संघ की मानवीय सहायता आयुक्त हाद्जा लाहिब ने नेतन्याहू की प्रतिबद्धता पर संदेह जताया। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी कि युद्ध फिर भड़क सकता है। कतर और मिस्र जैसे मध्यस्थ प्रयासरत हैं।
इजरायल के अंदर भी बंटवारा है। नेतन्याहू पर दबाव है। दक्षिणपंथी नेता इतमार बेन-ग्विर ने सहायता बहाल करने को 'शर्मनाक' कहा। उन्होंने 'अधिकतम बल' की मांग की। इजरायली रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज ने कहा कि हमास को 'भारी कीमत' चुकानी पड़ेगी। लेकिन विपक्षी नेता यैर गोलन ने नेतन्याहू पर नाकाम रहने का आरोप लगाया। अमेरिकी दूत जेरेड कुश्नर, जो समझौते में अहम थे, नेतन्याहू से संपर्क में हैं। ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर हमास नहीं मानेगा, तो 'समाप्त' हो जाएगा।
यह घटना सीजफायर की नाजुकता दिखाती है। समझौते में बंधकों की रिहाई, सैनिक हटाना और सहायता बहाल करना शामिल था। लेकिन अविश्वास गहरा है। गाजा में सहायता अभी भी सीमित है। राफा क्रॉसिंग बंद है। फिलिस्तीनियों को भोजन, दवा की कमी है। विशेषज्ञों का कहना है कि नेतन्याहू घरेलू राजनीति के लिए युद्ध का इस्तेमाल कर रहे हैं। फिलिस्तीनी विश्लेषक मुहम्मद शहादा ने कहा कि इजरायल ट्रंप के साथ सीमा आजमा रहा है। गाजा के निवासी अब्दुल-हय अल-हज अहमद ने कहा, 'हम आराम चाहते हैं, लेकिन युद्ध लौट आया।'
Also Read- अमेरिका-पाकिस्तान संबंध भारत-अमेरिका साझेदारी को प्रभावित नहीं करेंगे: विदेश मंत्री मार्को रूबियो
What's Your Reaction?