अलीपुरद्वार सांसद मनोज तिग्गा ने बीडीओ पर लगाया राहत वितरण में भेदभाव का आरोप, वीडियो वायरल।
पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सांसद मनोज तिग्गा ने मदारीहाट ब्लॉक के विकास अधिकारी अमित कुमार चौरसिया पर बाढ़ राहत सामग्री वितरण
पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सांसद मनोज तिग्गा ने मदारीहाट ब्लॉक के विकास अधिकारी अमित कुमार चौरसिया पर बाढ़ राहत सामग्री वितरण में भेदभाव करने का गंभीर आरोप लगाया है। एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें सांसद बीडीओ के दफ्तर में पहुंचकर मेज थपथपाते और ऊंची आवाज में बात करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में तिग्गा कह रहे हैं कि अगर बीडीओ बनना है तो अपना काम करो लेकिन अगर पार्टी की राजनीति करनी है तो तृणमूल कांग्रेस का झंडा उठाकर घूमो। सांसद ने आरोप लगाया कि टीएमसी नेताओं के निर्देश पर राहत सामग्री सिर्फ उनके समर्थकों को दी जा रही है जबकि चाय बागान के मजदूर और गरीब लोग जो बाढ़ से बेघर हो गए हैं उन्हें कुछ नहीं मिल रहा। यह घटना 29 अक्टूबर की है जब उत्तर बंगाल में दुर्गा पूजा के बाद भारी बारिश से आई बाढ़ और भूस्खलन ने हजारों परिवारों को प्रभावित किया था।
वीडियो की शुरुआत में सांसद बीडीओ के कमरे में घुसते हैं और सीधे राहत सामग्री के वितरण पर सवाल उठाते हैं। वे कहते हैं कि अठारह लाख लोगों ने मुझे वोट दिया है उनके भी हक की राहत सामग्री है। बीडीओ बार बार शांत रहने की गुजारिश करते हैं लेकिन तिग्गा नहीं मानते। सांसद ने दावा किया कि उनके कार्यकर्ताओं को तिरपाल और अन्य सामग्री नहीं दी गई जबकि टीएमसी कार्यकर्ता आसानी से ले जा रहे हैं। वीडियो में तिग्गा बीडीओ से पूछते हैं कि क्या तुम सार्वजनिक सेवक हो या टीएमसी के कैडर। बीडीओ जवाब देते हैं कि राहत वितरण प्रशासन के दिशानिर्देशों के तहत हो रहा है और कोई भेदभाव नहीं है। लेकिन सांसद गुस्से में मेज पर हाथ मारते हैं और चेतावनी देते हैं कि अगर काम नहीं करोगे तो后果 भुगतोगे। यह वीडियो एक नवंबर को सोशल मीडिया पर अपलोड हुआ और कुछ घंटों में लाखों लोगों ने देखा।
उत्तर बंगाल में अक्टूबर महीने में तीस्ता और अन्य नदियों के उफान से अलीपुरद्वार जलपाईगुड़ी दार्जिलिंग और कूचबिहार जिलों में भारी तबाही हुई। चाय बागान के हजारों मजदूर बेघर हो गए। उनके घर पानी में डूब गए और फसलें बर्बाद हो गईं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद प्रभावित इलाकों का दौरा कर चुकी हैं और राहत सामग्री बांट चुकी हैं। सरकार ने तिरपाल चावल दाल और अन्य जरूरी सामान के लिए करोड़ों रुपये जारी किए हैं। लेकिन स्थानीय स्तर पर वितरण में देरी और शिकायतें सामने आ रही हैं। बीजेपी का आरोप है कि टीएमसी सरकार जानबूझकर विपक्षी समर्थकों को राहत से वंचित कर रही है। सांसद तिग्गा ने कहा कि चाय बागान के गरीब मजदूर बीडीओ दफ्तर जाते हैं तो खाली हाथ लौटते हैं। यह लोकतंत्र में अन्याय है।
वीडियो वायरल होने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने सांसद की कड़ी निंदा की। टीएमसी के अलीपुरद्वार जिला अध्यक्ष प्रकाश चिक बराइक ने कहा कि तिग्गा ने अपना आपा खो दिया। एक प्रशासनिक अधिकारी से इस तरह बात करना असंवैधानिक है। यह बीजेपी की गुंडागर्दी दिखाता है। टीएमसी ने मांग की कि सांसद के खिलाफ कार्रवाई हो। पार्टी ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर लिखा कि धमकाना बीजेपी की फितरत है। दूसरी तरफ बीजेपी ने सांसद का बचाव किया। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि तिग्गा जनता की आवाज उठा रहे हैं। अगर अधिकारी पक्षपाती हैं तो सांसद का गुस्सा जायज है। बीजेपी ने पूछा कि जब टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल पुलिस को गाली देते हैं या अभिषेक बनर्जी कार्यकर्ताओं को पेड़ से बांधने को कहते हैं तो क्या वह संवैधानिक है।
जिला प्रशासन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। बीडीओ अमित चौरसिया ने मीडिया से कहा कि राहत वितरण निष्पक्ष हो रहा है। सभी प्रभावितों को सामग्री दी जा रही है। लेकिन सांसद के दौरे के समय कुछ गलतफहमी हुई। पुलिस ने कोई शिकायत नहीं दर्ज की क्योंकि दोनों पक्षों ने मामला शांत कर लिया। अलीपुरद्वार पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं। अगर कोई औपचारिक शिकायत आएगी तो जांच होगी। वीडियो की सत्यता की पुष्टि हो चुकी है क्योंकि यह बीडीओ दफ्तर के अंदर का है।
यह घटना उत्तर बंगाल की राजनीति को गरमा रही है। अलीपुरद्वार में बीजेपी और टीएमसी के बीच कांटे की टक्कर है। 2024 लोकसभा चुनाव में तिग्गा ने टीएमसी उम्मीदवार को हराकर सीट जीती थी। अब बाढ़ राहत को लेकर विवाद ने दोनों पार्टियों को आमने सामने ला दिया है। बीजेपी कार्यकर्ता सांसद के समर्थन में रैलियां कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि तिग्गा गरीबों के लिए लड़ रहे हैं। टीएमसी कार्यकर्ता पलटवार कर रहे हैं कि बीजेपी सिर्फ राजनीति कर रही है। राहत कार्यों में बाधा डाल रही है। सोशल मीडिया पर हैशटैग चल रहे हैं एक तरफ मनोज तिग्गा जिंदाबाद दूसरी तरफ बीजेपी गुंडागर्दी।
बाढ़ पीड़ितों की स्थिति अभी भी गंभीर है। मदारीहाट ब्लॉक में सैकड़ों परिवार राहत शिविरों में रह रहे हैं। उन्हें तिरपाल की सख्त जरूरत है क्योंकि बारिश फिर शुरू हो सकती है। सरकार ने चलित राहत इकाइयां लगाई हैं जहां चावल दाल तेल और बिस्किट बांटे जा रहे हैं। लेकिन दूरदराज के चाय बागानों तक सामग्री पहुंचाने में दिक्कत है। सांसद तिग्गा ने खुद कई शिविरों का दौरा किया और पीड़ितों से बात की। उन्होंने केंद्र सरकार से अतिरिक्त मदद की मांग की है। प्रधानमंत्री राहत कोष से फंड मांगा है।
यह वाकया दिखाता है कि आपदा के समय राजनीति कैसे हावी हो जाती है। राहत सामग्री सभी तक पहुंचनी चाहिए बिना किसी भेदभाव के। अधिकारी निष्पक्ष रहें और नेता संयम रखें। वीडियो से सबक लें कि गुस्सा समस्या हल नहीं करता बातचीत से हल निकलता है। जिला प्रशासन को जांच करानी चाहिए कि कहीं भेदभाव तो नहीं हुआ। अगर हुआ तो दोषियों पर कार्रवाई हो। पीड़ितों को तुरंत मदद मिले। उत्तर बंगाल में बाढ़ हर साल आती है। स्थायी समाधान चाहिए जैसे बांध मजबूत करना और जल निकासी की व्यवस्था।
सांसद तिग्गा ने बाद में मीडिया से कहा कि मैं जनता का प्रतिनिधि हूं। अगर अधिकारी गलत करेंगे तो चुप नहीं रहूंगा। बीडीओ ने माफी मांगनी चाहिए। टीएमसी ने जवाब दिया कि सांसद दफ्तर में घुसकर धमकी दे रहे थे। यह गलत है। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए लेकिन राहत कार्य जारी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राहत राजनीति से ऊपर है। सभी को मदद मिलेगी।
यह घटना लोकतंत्र में जवाबदेही की मिसाल है। सांसद ने आवाज उठाई लेकिन तरीका विवादास्पद रहा। लोग सोशल मीडिया पर बहस कर रहे हैं। कुछ कह रहे हैं सांसद सही थे कुछ कह रहे हैं गलत तरीका। वीडियो ने लाखों व्यूज पा लिए। न्यूज चैनलों पर डिबेट हो रही है। उत्तर बंगाल की जनता राहत चाहती है राजनीति नहीं।
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