कुछ ही सेकंड्स में अरबपति बना ये शख्स, बैंक बैलेंस देख उड़ गये होश, तकनीकी गड़बड़ी के चलते कुछ ही देर में फिर.....
मध्य प्रदेश के धार जिले के धामनोद कस्बे में रहने वाले नोटरी वकील और निजी स्कूल संचालक विनोद डोंगले ने शुक्रवार को अपने डिमैट अकाउंट खोलते ही एक ऐसा दृश्य देखा,
धार। मध्य प्रदेश के धार जिले के धामनोद कस्बे में रहने वाले नोटरी वकील और निजी स्कूल संचालक विनोद डोंगले ने शुक्रवार को अपने डिमैट अकाउंट खोलते ही एक ऐसा दृश्य देखा, जो किसी सपने जैसा था। अचानक उनके खाते में 2817 करोड़ रुपये की राशि दिखाई देने लगी। हैरान डोंगले ने कई बार आंखें मलीं, लेकिन आंकड़ा वही था। यह सब हर्षिल एग्रोटेक लिमिटेड के 1312 शेयरों की वजह से हुआ, जिनकी कीमत प्रति शेयर 2.14 करोड़ रुपये दिखाई गई। लेकिन यह खुशी कुछ ही मिनटों की थी। तकनीकी गड़बड़ी ठीक होते ही शेयरों की वैल्यू अपने असली स्तर पर लौट आई। डोंगले ने इसे एक मजेदार हादसा बताते हुए कहा कि यह उनके जीवन का सबसे बड़ा सपना था, जो कुछ पलों के लिए साकार हो गया। यह घटना स्टॉक मार्केट की डिजिटल दुनिया की कमजोरियों को उजागर करती है।
घटना 24 अक्टूबर 2025 को दोपहर करीब 2 बजे धामनोद में हुई। विनोद डोंगले अपने कार्यालय में बैठे थे। वे रोजाना की तरह अपने डिमैट अकाउंट की जांच कर रहे थे। अकाउंट खुलते ही स्क्रीन पर बैलेंस शीट में एक चौंकाने वाला आंकड़ा चमक उठा—28,17,41,29,408 रुपये। डोंगले ने सोचा कि शायद कोई गलती हुई हो। लेकिन पोर्टफोलियो डिटेल्स में साफ लिखा था कि हर्षिल एग्रोटेक लिमिटेड के 1312 शेयरों की वैल्यू ही इतनी थी। प्रति शेयर कीमत 2.14 करोड़ रुपये से ज्यादा दिख रही थी। डोंगले ने तुरंत अपने ब्रोकर को फोन किया। ब्रोकर ने भी आंकड़े चेक किए, लेकिन कुछ ही मिनटों में सिस्टम अपने आप ठीक हो गया। शेयरों की कीमत सामान्य हो गई, जो वास्तव में 100 रुपये से कम है। डोंगले ने बाद में बताया कि वे कुछ सेकंड के लिए दुनिया के सबसे अमीर आदमी महसूस कर रहे थे। लेकिन हकीकत में यह सिर्फ एक डिजिटल भ्रम था।
विनोद डोंगले धामनोद के एक सम्मानित व्यक्ति हैं। उनका जन्म 1975 में धार जिले के एक साधारण परिवार में हुआ। बचपन से ही पढ़ाई में तेज थे। उन्होंने कानून की डिग्री ली और नोटरी के रूप में प्रैक्टिस शुरू की। धामनोद में वे एक निजी स्कूल चलाते हैं, जहां 500 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। डोंगले सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते हैं। वे गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देते हैं और स्थानीय पंचायत के मामलों में सलाह देते हैं। डिमैट अकाउंट उनके लिए निवेश का साधन है। वे कुछ साल पहले स्टॉक मार्केट में कदम रखे थे। हर्षिल एग्रोटेक के शेयर उन्होंने 2024 में खरीदे थे, जब कंपनी का भाव 50 रुपये के आसपास था। वर्तमान में यह शेयर बीएसई पर 90-100 रुपये के बीच कारोबार कर रहा है। डोंगले ने कहा कि वे कभी लॉटरी या अमीर बनने का सपना नहीं देखते, लेकिन यह घटना मजेदार रही।
हर्षिल एग्रोटेक लिमिटेड एक छोटी कंपनी है, जो गुजरात में आधारित है। यह एग्रीकल्चर इक्विपमेंट और प्लास्टिक प्रोडक्ट्स बनाती है। कंपनी का मार्केट कैप लगभग 100 करोड़ रुपये है। 2025 की पहली तिमाही में इसका नेट प्रॉफिट 6.53 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल से 624 फीसदी ज्यादा है। लेकिन शेयर प्राइस में उतार-चढ़ाव रहता है। 24 अक्टूबर को इसका भाव 95 रुपये था। गड़बड़ी में यह 2.14 करोड़ हो गया, जो असंभव है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिस्टम एरर था। स्टॉक एक्सचेंज के डेटाबेस में कभी-कभी डेटा मिसमैच हो जाता है। बीएसई या एनएसई के सर्वर पर लोड बढ़ने से वैल्यू गलत कैलकुलेट हो सकती है। डोंगले के ब्रोकर ने पुष्टि की कि यह एक टेम्पररी ग्लिच था, जो ऑटोमैटिकली ठीक हो गया।
यह घटना स्टॉक मार्केट में ऐसी गड़बड़ियों की याद दिलाती है। 2023 में एक निवेशक का अकाउंट 1 करोड़ से 1000 करोड़ दिखा था। 2024 में मुंबई के एक ट्रेडर को 500 करोड़ का बैलेंस दिखा। ये सब तकनीकी खराबी से होते हैं। सेबी ने ब्रोकरों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे रीयल-टाइम मॉनिटरिंग करें। डोंगले ने सेबी को शिकायत नहीं की, क्योंकि कोई नुकसान नहीं हुआ। वे बोले, यह तो मजा आ गया। अगर असली होता, तो स्कूल को बड़ा बनाते। धामनोद में खबर फैलते ही लोग उनके घर पहुंचे। पड़ोसी हंसे और कहा कि अब तो अमीर हो गए। डोंगले ने चाय पिलाई और घटना सुनाई। स्थानीय अखबारों ने इसे प्रमुखता से छापा।
सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो गया। डोंगले ने एक छोटा सा वीडियो शेयर किया, जिसमें वे हंसते हुए स्क्रीन दिखा रहे हैं। इंस्टाग्राम पर 50 हजार व्यूज हो चुके। एक्स पर #BillionaireGlitch ट्रेंड कर रहा। यूजर्स ने मीम्स बनाए, जहां डोंगले को अंबानी से तुलना की। एक यूजर ने लिखा, सपनों का बाजार कभी-कभी खुल जाता है। दूसरे ने कहा, स्टॉक मार्केट का मजा यही है। न्यूज चैनलों ने लाइव डिबेट की। एनडीटीवी ने विशेषज्ञ से पूछा कि ऐसी गड़बड़ी कैसे रोकें। विशेषज्ञ ने कहा, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से पारदर्शिता बढ़ेगी।
धार जिला मध्य प्रदेश का एक पिछड़ा इलाका है। धामनोद एक छोटा कस्बा है, जहां 20 हजार लोग रहते हैं। यहां कृषि प्रमुख व्यवसाय है। डोंगले जैसे लोग युवाओं को निवेश सिखाते हैं। यह घटना ने स्थानीय निवेशकों को सतर्क किया। एक बीमा एजेंट ने कहा कि डिमैट अकाउंट चेक करते रहें। सेबी ने बयान जारी कर कहा कि ऐसी गड़बड़ियां दुर्लभ हैं, लेकिन ब्रोकर जिम्मेदार हैं। हर्षिल एग्रोटेक के शेयर अब सामान्य हैं। कंपनी ने कोई टिप्पणी नहीं की।
What's Your Reaction?