सरदार पटेल की 150वीं जयंती: अमित शाह का कांग्रेस पर तीखा हमला, कहा- भारत रत्न देने में 41 साल की देरी की। 

लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर पूरे देश में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में भव्य समारोह आयोजित किए गए। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

Oct 31, 2025 - 12:12
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सरदार पटेल की 150वीं जयंती: अमित शाह का कांग्रेस पर तीखा हमला, कहा- भारत रत्न देने में 41 साल की देरी की। 
सरदार पटेल की 150वीं जयंती: अमित शाह का कांग्रेस पर तीखा हमला, कहा- भारत रत्न देने में 41 साल की देरी की। 

लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर पूरे देश में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में भव्य समारोह आयोजित किए गए। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी पर जोरदार प्रहार किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद की कांग्रेस सरकारों ने सरदार पटेल को उचित सम्मान नहीं दिया। पटेल की मृत्यु के 41 साल बाद 1991 में उन्हें भारत रत्न प्रदान किया गया, जो देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पटेल की विरासत को मिटाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि नेहरू सरकार ने पटेल को दरकिनार कर उनकी उपलब्धियों को भुला दिया। यह बयान पटना में बिहार विधानसभा चुनाव के बीच आया, जहां शाह एनडीए के प्रचार अभियान पर हैं।

यह प्रेस कॉन्फ्रेंस 30 अक्टूबर 2025 को पटना में हुई। अमित शाह ने कहा, सरदार पटेल की मृत्यु के बाद कांग्रेस ने उनकी विरासत को मिटाने का हर प्रयास किया। उन्हें भारत रत्न देने में 41 साल लग गए। शाह ने जोर देकर कहा कि पटेल ने स्वतंत्रता के बाद 562 रियासतों को एकजुट कर भारत को एक अखंड राष्ट्र बनाया, लेकिन कांग्रेस ने उनकी भूमिका को नजरअंदाज किया। उन्होंने नेहरू को पत्र लिखने का जिक्र किया, जिसमें पटेल ने रियासतों के एकीकरण पर चिंता जताई थी। शाह ने कहा कि आजादी के समय ब्रिटिशों ने देश को बांटकर छोड़ा था, लेकिन पटेल की कूटनीति और दृढ़ता से भारत एक हुआ।

अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पटेल को उनका हकदार स्थान दिलाया। गुजरात के केवाड़िया में 182 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण मोदी ने करवाया, जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। शाह ने बताया कि 2014 से हर साल मोदी केवाड़िया जाते हैं और पटेल को श्रद्धांजलि देते हैं। इस साल 150वीं जयंती पर समारोह को भव्य बनाया गया है। 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस पर केवाड़िया में गणतंत्र दिवस जैसी भव्य परेड होगी। इसमें केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों के दलों के साथ राज्यों के सांस्कृतिक झांकियां होंगी। प्रधानमंत्री मोदी परेड का निरीक्षण करेंगे। शाह ने कहा कि यह परेड अब हर साल 31 अक्टूबर को आयोजित होगी।

इसके अलावा, 1 से 15 नवंबर तक एक भारत पर्व मनाया जाएगा। यह पर्व 15 नवंबर को आदिवासी नायक बिरसा मुंडा की जयंती पर समाप्त होगा। शाह ने कहा कि सरदार पटेल केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचारधारा हैं। उन्होंने पटेल की चीन को लेकर चेतावनी का जिक्र किया। 1950 में पटेल ने नेहरू को पत्र लिखकर कहा था कि तिब्बत के कब्जे से चीन भारत के द्वार पर आ जाएगा। शाह ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाकर मोदी ने पटेल का सपना पूरा किया। जम्मू-कश्मीर का पूर्ण एकीकरण पटेल की दृष्टि का वास्तविकरण है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आर्टिकल 370 के कारण कश्मीर को आंशिक रूप से अलग रखा, लेकिन मोदी ने अखंड भारत का निर्माण किया।

सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। वे भारत के पहले गृह मंत्री बने। स्वतंत्रता संग्राम में गांधीजी के प्रमुख सहयोगी थे। 1947 में देश आजाद होने पर 500 से अधिक रियासतों को भारतीय संघ में विलय करने का श्रेय पटेल को जाता है। हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर जैसे मुद्दों पर उनकी दृढ़ता ने भारत को मजबूत बनाया। लेकिन उनकी मृत्यु 15 दिसंबर 1950 को हुई, तब नेहरू सरकार ने उन्हें पर्याप्त सम्मान नहीं दिया। कोई स्मारक या समाधि नहीं बनाई गई। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पहले पटेल की स्मृति में कुछ खास नहीं था। 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने उन्हें भारत रत्न दिया।

अमित शाह का यह बयान राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। बिहार चुनाव के दौरान यह कांग्रेस को निशाना बनाने का प्रयास है। शाह ने पटना में बिहार उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के साथ रैली भी की। उन्होंने कहा कि बिहार में चुनावी माहौल है, लेकिन आज पटेल की जयंती पर बात करनी जरूरी है। शाह ने रन फॉर यूनिटी को भी राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाने का ऐलान किया। दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में शाह ने खुद रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी दिखाई। पूरे देश में स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी भवनों में एकता पर आधारित कार्यक्रम हुए।

कांग्रेस ने शाह के बयान पर पलटवार किया। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कांग्रेस ने ही पटेल को भारत रत्न दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा पटेल को राजनीतिक हथियार बना रही है। नेहरू-पटेल के बीच कोई वैमनस्य नहीं था। कांग्रेस ने पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस घोषित किया। लेकिन शाह ने कहा कि यह घोषणा 2015 में मोदी सरकार ने की। विवाद पुराना है। भाजपा अक्सर कांग्रेस पर पटेल को नजरअंदाज करने का आरोप लगाती है। 2018 में भी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी उद्घाटन पर ऐसा ही विवाद हुआ था।

इस जयंती पर पटेल की भूमिका पर विशेषज्ञों ने चर्चा की। इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा कि पटेल एक व्यावहारिक नेता थे, जिन्होंने भारत को एक सूत्र में बांधा। उनकी अनुपस्थिति में भारत कई टुकड़ों में बंट जाता। पटेल ने किसान आंदोलनों का नेतृत्व किया, जैसे बारडोली सत्याग्रह। स्वतंत्रता के बाद उन्होंने नौकरशाही को मजबूत किया। शाह ने कहा कि पटेल की विचारधारा आज भी प्रासंगिक है। एकता और अखंडता पर उनका जोर सीमा विवादों में दिखता है।

समारोहों में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी बढ़ी। केवाड़िया में हजारों लोग पहुंचे। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर्यटन स्थल बन चुका है। यह नर्मदा नदी पर है और आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देता है। शाह ने कहा कि यह स्मारक पटेल की गरिमा को बहाल करता है। मोदी ने कहा कि पटेल का सपना विकसित भारत है। उन्होंने केवाड़िया में श्रद्धांजलि अर्पित की।

यह जयंती राजनीतिक बहस को तेज कर रही है। भाजपा इसे एकता का प्रतीक बता रही है, जबकि विपक्ष इसे इतिहास के पुनर्लेखन का आरोप लगाता है। पटेल की जयंती पर देशभर में रन फॉर यूनिटी चली। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई जैसे शहरों में लाखों लोगों ने भाग लिया। शाह ने कहा कि यह कार्यक्रम अब स्थायी होंगे। पटेल की 150वीं जयंती भारत को एकजुट करने का संदेश दे रही है।

अमित शाह का बयान कांग्रेस को चुनौती देता है। उन्होंने कहा कि मोदी ने पटेल को वह स्थान दिया जो उनका हक था। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यह पर्यटन से रोजगार पैदा कर रहा है। शाह ने बिहार चुनाव में इसका जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एनडीए पटेल की तरह एकता का प्रतीक है। विपक्षी महागठबंधन को बांटने वाला बताया।

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