पीएम मोदी ने रूस के प्रेसिडेंट पुतिन को फोन कर दी 73वें जन्मदिन पर बधाई, भारत-रूस साझेदारी को मजबूत करने पर सहमति, दिसंबर में शिखर सम्मेलन का न्योता।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 7 अक्टूबर 2025 को अपना 73वां जन्मदिन मनाया। इस खास मौके पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर पुतिन से बात की और हार्दिक

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 7 अक्टूबर 2025 को अपना 73वां जन्मदिन मनाया। इस खास मौके पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर पुतिन से बात की और हार्दिक बधाई दी। मोदी ने पुतिन के अच्छे स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और भविष्य की सफलताओं की कामना की। बातचीत में दोनों नेताओं ने भारत-रूस के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने पर सहमति जताई। मोदी ने पुतिन को भारत दौरे के लिए आमंत्रित किया, जहां 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन दिसंबर में होगा। यह फोन कॉल दोनों देशों के मजबूत रिश्तों का प्रतीक है, जो वैश्विक चुनौतियों के बीच भी अटूट बना हुआ है।
यह फोन वार्ता मंगलवार शाम को हुई। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, मोदी ने पुतिन को जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि वे उनके व्यक्तिगत योगदान की सराहना करते हैं। पुतिन ने भी मोदी के शुभकामनाओं का आभार माना। दोनों ने द्विपक्षीय एजेंडे पर प्रगति की समीक्षा की। इसमें रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और सुरक्षा सहयोग प्रमुख रहे। मोदी ने कहा कि वे पुतिन के भारत आगमन का इंतजार कर रहे हैं। यह शिखर सम्मेलन दिसंबर के पहले हफ्ते में नई दिल्ली में होगा। पुतिन का यह दौरा 2021 के बाद उनका पहला होगा। तब से दोनों नेताओं ने कई वर्चुअल और फोन वार्ताएं की हैं। हाल ही में जुलाई 2025 में मोदी मॉस्को गए थे।
भारत और रूस के रिश्ते दशकों पुराने हैं। 1971 के बांग्लादेश युद्ध में रूस ने भारत का साथ दिया था। तब से यह साझेदारी विशेष रणनीतिक स्तर पर पहुंच गई। दोनों देश ब्रिक्स, जी20 और शंघाई सहयोग संगठन जैसे मंचों पर साथ काम करते हैं। हाल के वर्षों में रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ा है। रूस भारत को एस-400 मिसाइल सिस्टम और अकाश-मिसाइल जैसे हथियार बेचता है। ऊर्जा क्षेत्र में रूस भारत का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। 2024-25 में भारत ने रूस से 20 अरब डॉलर का तेल आयात किया। यह संख्या पहले के मुकाबले दोगुनी हो गई। व्यापार भी 60 अरब डॉलर के पार पहुंच गया। लेकिन यूक्रेन संकट के कारण चुनौतियां आईं। भारत ने तटस्थ रुख अपनाया और शांति की अपील की।
पुतिन का जन्मदिन रूस में आधिकारिक तौर पर मनाया गया। उन्होंने सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की। रूस के अधिकारीयों ने उन्हें बधाई दी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेलारूस, उत्तर कोरिया और कजाकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने संदेश भेजे। पुतिन ने कहा कि वे रूस की प्रगति के लिए समर्पित हैं। वैश्विक मीडिया ने कवरेज किया। सीएनएन ने लिखा कि पुतिन की उम्र के बावजूद उनकी सक्रियता बरकरार है। बीबीसी ने यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में जन्मदिन का जिक्र किया। लेकिन मोदी की बधाई को सकारात्मक बताया।
मोदी और पुतिन की दोस्ती गहरी है। मोदी ने पुतिन को अपना दोस्त कहा है। सितंबर 2025 में पुतिन ने मोदी के 75वें जन्मदिन पर फोन किया था। तब उन्होंने मोदी को बधाई दी। दोनों ने तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने पर बात की। हाल ही में तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में दोनों मिले। वहां उन्होंने बहुपक्षीय दुनिया के दृष्टिकोण पर सहमति जताई। मोदी ने कहा कि भारत रूस के साथ परमाणु ऊर्जा और रक्षा उत्पादन में सहयोग बढ़ाएगा। पुतिन ने भारत को समर्थन का भरोसा दिया। यह फोन कॉल उसी निरंतरता का हिस्सा है।
भारत-रूस संबंधों में हालिया प्रगति उल्लेखनीय है। जुलाई 2025 के मॉस्को दौरे में मोदी ने पुतिन से 15 समझौते साइन किए। इनमें कुडानकुलम परमाणु संयंत्र का विस्तार शामिल था। रक्षा क्षेत्र में ब्रह्मोस मिसाइल का निर्यात बढ़ा। व्यापार में भारत रूस को चावल और दवाएं निर्यात करता है। रूस भारत को उर्वरक और कोयला देता है। यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारत ने रूसी तेल खरीदा, जिससे वैश्विक ऊर्जा बाजार स्थिर हुआ। संयुक्त राष्ट्र में दोनों ने एक-दूसरे का साथ दिया। ब्रिक्स में डी-डॉलरीकरण पर चर्चा हुई।
यह जन्मदिन अंतरराष्ट्रीय राजनीति के बीच आया। यूक्रेन में युद्ध जारी है। अमेरिका ने रूस पर नई पाबंदियां लगाईं। लेकिन भारत ने संतुलन बनाए रखा। मोदी ने कहा कि शांति वार्ता जरूरी है। पुतिन ने भारत की भूमिका की सराहना की। हाल ही में ट्रंप ने पुतिन के न्यूक्लियर लिमिट प्लान का समर्थन किया। यह वैश्विक तनाव को कम करने का संकेत है। भारत ने कहा कि हम सभी पक्षों से बात करेंगे।
सोशल मीडिया पर इस फोन कॉल की चर्चा हुई। मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, 'अपने दोस्त पुतिन से बात की। जन्मदिन की बधाई दी। भारत-रूस संबंधों को मजबूत करने के लिए उनका व्यक्तिगत योगदान सराहनीय है।' पुतिन ने भी धन्यवाद दिया। यूजर्स ने लिखा कि यह दोस्ती वैश्विक शांति के लिए अच्छी है। एक पोस्ट में कहा गया कि मोदी की कूटनीति कमाल की है। दूसरे ने लिखा कि रूस-भारत साझा इतिहास का प्रतीक है।
पुतिन का जन्म 7 अक्टूबर 1952 को सेंट पीटर्सबर्ग में हुआ। वे केजीबी में रहे। 1999 से राष्ट्रपति हैं। रूस को मजबूत बनाने का दावा करते हैं। लेकिन आलोचनाएं भी हैं। भारत में पुतिन को सम्मान मिलता है। 2019 में उन्हें मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी का डॉक्टरेट मिला। मोदी ने कहा कि पुतिन का नेतृत्व प्रेरणादायक है।
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