हापुड़ के ब्रजघाट गंगा पुल पर लटकी रोडवेज बस, 16 यात्रियों की जान बची, देखें वायरल वीडियो।
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में एक बड़ा सड़क हादसा होने से बाल-बाल बच गया। ब्रजघाट स्थित गंगा नदी के ऊपर बने पुल पर रामपुर डिपो की एक रोडवेज बस अचानक अनियंत्रित हो गई और रेलिंग
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में एक बड़ा सड़क हादसा होने से बाल-बाल बच गया। ब्रजघाट स्थित गंगा नदी के ऊपर बने पुल पर रामपुर डिपो की एक रोडवेज बस अचानक अनियंत्रित हो गई और रेलिंग तोड़कर हवा में लटक गई। बस में सवार 16 यात्रियों की सांसें थम सी गईं, लेकिन प्रशासन की तत्परता से सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। घटना शनिवार शाम करीब साढ़े पांच बजे की बताई जा रही है, जब बस रामपुर से दिल्ली की ओर जा रही थी। नीचे उफनती गंगा नदी का गहरा पानी देखकर यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई थी। अगर बस कुछ इंच और आगे खिसक जाती, तो बड़ा हादसा हो सकता था।
यह घटना ब्रजघाट क्षेत्र में गंगा नदी पर बने दो पुलों के बीच घटी। रामपुर डिपो की यह बस उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की थी, जिसका नंबर यूपी 15 एटी 4341 बताया जा रहा है। चालक अनूप सिंह बस को तेज रफ्तार से चला रहे थे। बस जैसे ही गंगा पुल पर पहुंची, तभी सामने एक अन्य वाहन को बचाने के प्रयास में चालक ने ब्रेक लगाया। लेकिन ब्रेक के नीचे फंस गई एक ईंट ने सब बिगाड़ दिया। ईंट ब्रेक पैडल के पास आ गई, जिससे ब्रेक फेल हो गया। बस अनियंत्रित होकर डिवाइडर पर बनी रेलिंग से टकराई। जोरदार धक्के के साथ रेलिंग टूट गई और बस का अगला हिस्सा नीचे की ओर लटक गया। बस का पिछला हिस्सा पुल पर ही रह गया, जबकि अगला हिस्सा गंगा नदी के ऊपर झूलने लगा।
बस में सवार यात्रियों ने बताया कि हादसे के वक्त बस की गति बहुत तेज थी। एक यात्री ने कहा कि वे रामपुर से दिल्ली लौट रहे थे। अचानक झटका लगा और सब कुछ अंधेरा सा हो गया। चीख-पुकार मच गई। महिलाएं और बच्चे घबरा गए। एक बच्चे की मां ने रोते हुए कहा कि वे सोच रहे थे कि अब सब खत्म हो जाएगा। नीचे गंगा का पानी इतना तेज बह रहा था कि डरावना लग रहा था। सौभाग्य से बस पूरी तरह नदी में नहीं गिरी। बस का अगला हिस्सा पुल के नीचे बने दूसरे बीम से अटक गया, जिसने इसे संभाल लिया।
घटना की सूचना मिलते ही हापुड़ पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गईं। ब्रजघाट चौकी इंचार्ज मनोज बालियान के नेतृत्व में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो गया। सबसे पहले यात्रियों को शांत किया गया। फिर क्रेन बुलाई गई। क्रेन की मदद से बस को धीरे-धीरे संभाला गया। यात्रियों को एक-एक करके बस से बाहर निकाला गया। इसमें स्थानीय लोगों ने भी हाथ बंटाया। कोई यात्री घबरा गया तो उसे हौसला दिया। कुल 16 यात्रियों, चालक और परिचालक को सुरक्षित उतारा गया। चालक अनूप सिंह को हल्की चोटें आईं, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाकी यात्रियों को मामूली खरोंचें आईं, लेकिन सभी ठीक हैं। रोडवेज विभाग ने घायलों के इलाज का खर्च उठाने का आश्वासन दिया।
इस हादसे के बाद पुल पर यातायात कुछ देर के लिए बाधित हो गया। बस को पूरी तरह हटाने में कई घंटे लग गए। क्रेन से बस को पुल से अलग किया गया। पुलिस ने घटनास्थल पर सिक्योरिटी बढ़ा दी। यातायात को वैकल्पिक मार्गों से डायवर्ट किया गया। सुबह होते ही सब कुछ सामान्य हो गया। लेकिन यह घटना सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि पुलों पर रेलिंग की मजबूती की जांच जरूरी है। ईंट जैसे छोटे कचरे से ब्रेक फेल होना दर्शाता है कि सड़कों की सफाई और रखरखाव में कमी है। हापुड़ के एसएसपी ने कहा कि मामले की गहन जांच चल रही है। चालक की लापरवाही या वाहन की तकनीकी खराबी, दोनों की पड़ताल होगी। अगर दोषी पाया गया, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ब्रजघाट गंगा पुल हापुड़ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह रामपुर, मुरादाबाद और अमरोहा को दिल्ली से जोड़ता है। यहां रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। गंगा नदी पर बना यह पुल पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। लेकिन पुराना होने से इसकी सुरक्षा पर सवाल उठते रहते हैं। कुछ साल पहले भी यहां छोटे-मोटे हादसे हुए हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि पुल की मरम्मत जरूरी है। रेलिंग को मजबूत बनाना चाहिए। साथ ही, चालकों को स्पीड लिमिट का पालन करने की सलाह दी जाती है। पुलिस ने अभियान चलाकर ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार पर नजर रखने का फैसला किया है।
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में बस का अगला हिस्सा गंगा के ऊपर लटका दिख रहा है। नीचे पानी की धार तेज बह रही है। यात्रियों की चीखें सुनाई दे रही हैं। यह वीडियो देखकर लोग सिहर उठे। कई लोगों ने इसे शेयर करते हुए कहा कि ईश्वर की कृपा से सब बच गए। सोशल मीडिया पर लोग प्रशासन की तारीफ कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि रेस्क्यू टीम का कमाल देखिए। लेकिन कुछ ने सवाल उठाए कि ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं। क्या सड़कें सुरक्षित नहीं हैं।
यह हादसा उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को दर्शाता है। राज्य में हर साल हजारों हादसे होते हैं। तेज रफ्तार, खराब सड़कें और लापरवाही मुख्य कारण हैं। सरकार ने सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाने का फैसला किया है। स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। हापुड़ जिला प्रशासन ने भी मीटिंग बुलाई है। इसमें पुलों की सुरक्षा और वाहनों की जांच पर जोर दिया जाएगा। यात्रियों ने कहा कि वे अब सावधानी से यात्रा करेंगे। रोडवेज बसों की लोकप्रियता है, लेकिन सुरक्षा पहले आनी चाहिए।
चालक अनूप सिंह ने पूछताछ में बताया कि वे सामान्य गति से चला रहे थे। लेकिन ईंट फंसने से ब्रेक काम नहीं किया। पहले उन्होंने कहा कि सामने वाहन आ गया था। लेकिन बाद में ब्रेक फेल का हवाला दिया। पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। बस की फिटनेस सर्टिफिकेट की भी जांच होगी। अगर वाहन पुराना निकला, तो डिपो पर कार्रवाई हो सकती है। रामपुर डिपो के अधिकारी पहुंचे और यात्रियों से बात की। उन्होंने वैकल्पिक बसें उपलब्ध कराईं। दिल्ली जाने वाले यात्रियों को मुरादाबाद होते हुए भेजा गया।
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