1 अक्टूबर 2025 से लागू हुए ये बड़े बदलाव- गैस सिलेंडर कीमतों में संशोधन से लेकर UPI के नए नियम तक, आम आदमी पर सीधा असर
सबसे पहले बात गैस सिलेंडर कीमतों की। हर महीने की पहली तारीख को तेल विपणन कंपनियां (जैसे इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम) घरेलू और वाणिज्यिक एलपीजी सि
सितंबर 2025 का अंत होते ही अक्टूबर का नया महीना शुरू हो गया है। 1 अक्टूबर से देशभर में कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू हो चुके हैं, जो रोजमर्रा की जिंदगी, वित्तीय लेन-देन और यात्रा को प्रभावित करेंगे। इनमें गैस सिलेंडर कीमतों का मासिक समीक्षा, यूपीआई भुगतान प्रणाली में सुरक्षा बढ़ाने के लिए नए नियम, रेलवे टिकट बुकिंग में आधार सत्यापन, पेंशन योजनाओं में शुल्क संरचना का बदलाव, चेक क्लीयरिंग में तेजी, स्पीड पोस्ट सेवा में सुधार और ऑनलाइन गेमिंग पर सख्ती शामिल हैं। ये बदलाव आम नागरिकों के बजट, सुरक्षा और सुविधाओं को सीधे छुएंगे। सरकार का उद्देश्य पारदर्शिता, धोखाधड़ी रोकथाम और सेवाओं को मजबूत बनाना है। आइए इन बदलावों को विस्तार से समझते हैं।
सबसे पहले बात गैस सिलेंडर कीमतों की। हर महीने की पहली तारीख को तेल विपणन कंपनियां (जैसे इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम) घरेलू और वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों की समीक्षा करती हैं। अक्टूबर 2025 में भी यह प्रक्रिया चली। 1 अक्टूबर को 14.2 किलोग्राम के घरेलू सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ। दिल्ली में यह अभी भी 803 रुपये (सब्सिडी वाले के लिए) पर स्थिर है। लेकिन 19 किलोग्राम के वाणिज्यिक सिलेंडर की कीमत में कमी आई। सितंबर में 33.50 रुपये की कटौती के बाद अक्टूबर में दिल्ली में यह 1,580 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई। अन्य शहरों में स्थानीय करों के आधार पर थोड़ा अंतर है, जैसे मुंबई में 1,620 रुपये और कोलकाता में 1,600 रुपये। यह कमी अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल कीमतों और रुपये की विनिमय दर पर आधारित है। वाणिज्यिक सिलेंडरों का उपयोग रेस्तरां, होटल और छोटे व्यवसायों में होता है, इसलिए इस बदलाव से इन क्षेत्रों को राहत मिलेगी। हालांकि, घरेलू उपभोक्ताओं को सब्सिडी के तहत कोई फायदा नहीं हुआ। पीपीएसी (पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल) की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2025 में एलपीजी उत्पादन और खपत में स्थिरता रही, लेकिन वैश्विक बाजार की अस्थिरता से भविष्य में उतार-चढ़ाव संभव है। उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों को अभी भी सब्सिडी मिल रही है, जो प्रति सिलेंडर 300 रुपये तक है।
अगला बड़ा बदलाव यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) में है। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने 1 अक्टूबर से पीयर-टू-पीयर (पी2पी) कलेक्ट रिक्वेस्ट फीचर बंद कर दिया। यह सुविधा दोस्तों या रिश्तेदारों से पैसे मांगने के लिए इस्तेमाल होती थी, जैसे फोनपे, गूगल पे या पेटीएम ऐप पर 'पे रिक्वेस्ट' भेजना। अब यह फीचर पूरी तरह हटा दिया गया है। कारण है साइबर फ्रॉड और फिशिंग हमलों को रोकना। फ्रॉडर इस सुविधा का दुरुपयोग करके फर्जी रिक्वेस्ट भेजते थे, जिससे लाखों रुपये का नुकसान होता था। एनपीसीआई के अनुसार, यह बदलाव डिजिटल भुगतानों को सुरक्षित बनाएगा। अब पैसे मांगने के लिए सीधे पुष्टि के साथ ट्रांसफर करना होगा। इससे यूजर्स को थोड़ी असुविधा हो सकती है, लेकिन लंबे समय में फायदा होगा। एनपीसीआई ने ऐप डेवलपर्स को निर्देश दिया है कि वे इस बदलाव को तुरंत लागू करें। पिछले महीने ही यूपीआई ट्रांजेक्शन 14 अरब से अधिक हो चुके थे, जो भारत को डिजिटल अर्थव्यवस्था का केंद्र बनाते हैं। यह कदम आरबीआई की साइबर सिक्योरिटी गाइडलाइंस से जुड़ा है।
रेलवे टिकट बुकिंग में भी नया नियम आया है। इंडियन रेलवे ने 1 अक्टूबर से अनारक्षित जनरल टिकटों की बुकिंग में आधार सत्यापन को प्राथमिकता दी। बुकिंग विंडो खुलने के पहले 15 मिनट में आधार वेरिफाइड यूजर्स को ही टिकट मिलेंगे। बाकी समय में सामान्य बुकिंग चलेगी। इसका उद्देश्य टिकटों का काला बाजारी रोकना और सच्चे यात्रियों को सुविधा देना है। आईआरसीटीसी ऐप या वेबसाइट पर आधार लिंक करने से यह फायदा मिलेगा। तत्काल टिकटों के लिए भी सख्ती बढ़ी है, जहां अब एजेंटों की संख्या सीमित होगी। रेलवे के अनुसार, यह बदलाव यात्रियों की संख्या को ध्यान में रखकर किया गया है। सितंबर 2025 में 12 करोड़ से अधिक टिकट बुक हुए, और यह सुधार भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर मदद करेगा। आधार सत्यापन मुफ्त है और नजदीकी आधार सेंटर पर हो सकता है।
पेंशन योजनाओं में भी बदलाव हैं। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) ने 1 अक्टूबर से नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस), यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस), अटल पेंशन योजना (एपीवाई) और एनपीएस लाइट के लिए शुल्क संरचना संशोधित की। अब सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेंसी (सीआरए) से अलग पीआरएएन कार्ड जारी करने और सालाना मेंटेनेंस चार्ज लगेगा। यह शुल्क मामूली है, जैसे 50-100 रुपये सालाना, लेकिन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगा। नॉन-गवर्नमेंट सब्सक्राइबर्स अब एक ही पैन से 100 प्रतिशत इक्विटी में निवेश कर सकेंगे और मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क (एमएसएफ) का लाभ लेंगे। इससे रिटायरमेंट प्लानिंग में लचीलापन बढ़ेगा। पीएफआरडीए के अनुसार, 8 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स प्रभावित होंगे। यह बदलाव रिटर्न बढ़ाने और फीस कम करने के उद्देश्य से है।
चेक क्लीयरिंग में तेजी आई है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने 4 अक्टूबर से चरणबद्ध तरीके से कंटीन्यूअस क्लीयरिंग सिस्टम शुरू किया। पहले दो कार्य दिवस लगते थे, अब कुछ घंटों में सेटलमेंट हो जाएगा। यह व्यवसायों और व्यक्तिगत लेन-देन को तेज बनाएगा। आरबीआई ने इसे डिजिटल इंडिया के तहत लागू किया।
स्पीड पोस्ट सेवा में सुधार हुए। इंडिया पोस्ट ने 1 अक्टूबर से शुल्क संशोधित किए। कुछ शहरों में बढ़ोतरी, कुछ में कमी। जीएसटी अलग दिखाई जाएगी। नई सुविधाएं जैसे ओटीपी आधारित डिलीवरी, रीयल-टाइम ट्रैकिंग और ऑनलाइन बुकिंग जोड़ी गईं। इससे पार्सल सुरक्षित पहुंचेंगे।
ऑनलाइन गेमिंग पर सख्ती बढ़ी। 1 अक्टूबर से नए नियम लागू, जहां रियल मनी गेम्स को लाइसेंस जरूरी। धोखाधड़ी रोकने के लिए यूजर वेरिफिकेशन अनिवार्य। एसईबीआई ने निवेश सीमाएं भी बदलीं।
Also Click : 03 अक्टूबर 2025 को पेट्रोल और डीजल के ये हैं रेट्स, देखिये आज की अपडेटेड रिपोर्ट
What's Your Reaction?