कानपुर में सिपाही की छेड़खानी पर महिला ने दिखाया दम, कॉलर पकड़ घसीटा थाने ले गई, वीडियो वायरल।
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में एक ऐसी घटना घटी जो पूरी पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है। बुधवार दोपहर करीब तीन बजे काकादेव थाना क्षेत्र के गोल चौराहा पर एक
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में एक ऐसी घटना घटी जो पूरी पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है। बुधवार दोपहर करीब तीन बजे काकादेव थाना क्षेत्र के गोल चौराहा पर एक पुलिसकर्मी ने एक महिला के साथ छेड़खानी की कोशिश की। महिला ने विरोध किया तो सिपाही ने गाली गलौज की। लेकिन महिला ने हार नहीं मानी। उसकी बहन भी मौके पर पहुंच गई। दोनों ने मिलकर सिपाही का कॉलर पकड़ लिया और सड़क पर घसीटते हुए काकादेव थाने तक ले गईं। इस पूरी घटना का वीडियो राहगीरों ने बना लिया जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में सिपाही माफी मांगता नजर आ रहा है, लेकिन महिलाएं उसे छोड़ने को तैयार नहीं। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपी सिपाही को निलंबित कर दिया। थाने में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू हो गई है।
महिला लोहारन भट्टा इलाके की रहने वाली हैं। उनका नाम गोपिका बताया जा रहा है। वे 38 वर्ष की हैं और अपने दैनिक कार्यों के सिलसिले में आरटीओ कार्यालय के पास हैलट पुल के नीचे स्टांप पेपर खरीदने गई थीं। सामान लेकर वे गोल चौराहा होते हुए घर लौट रही थीं। इसी दौरान नजीराबाद थाना क्षेत्र की पीआरवी 4721 में तैनात कांस्टेबल बृजेश सिंह ने उन्हें अकेला देख लिया। सिपाही ने वर्दी पर सवार होकर महिला को रोका और फोन नंबर मांगने लगा। महिला ने मना किया तो सिपाही ने अश्लील टिप्पणियां कीं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सिपाही ने कहा, हेलो देख लो, सुन लो, एक्सक्यूज मी, मुझे अपना नंबर दे दो, चलोगी क्या। जब महिला ने विरोध जताया तो सिपाही ने गाली दी और हाथापाई करने की कोशिश की।
इसी बीच महिला की बहन वहां पहुंच गई। बहन ने सिपाही को दबोच लिया। दोनों महिलाओं ने सिपाही का कॉलर पकड़ लिया और चिल्लाने लगीं। सड़क पर भीड़ लग गई। राहगीरों ने वीडियो बनाना शुरू कर दिया। महिलाओं ने डायल 112 पर कॉल की। पीआरवी पुलिस को सूचना मिलते ही वे मौके पर पहुंचे। लेकिन तब तक महिलाएं सिपाही को थाने की ओर घसीट रही थीं। थाने पहुंचते ही महिलाओं ने लिखित शिकायत दर्ज कराई। वीडियो में सिपाही को माफी मांगते देखा जा सकता है। वह कह रहा है, माफ कर दो बहन, गलती हो गई। लेकिन महिलाएं कह रही हैं, तुम्हारी वर्दी का दुरुपयोग हो रहा है। यह घटना दोपहर के व्यस्त समय में हुई, इसलिए कई लोग गवाह बने।
पुलिस ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। कानपुर पुलिस कमिश्नरेट ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट कर जानकारी दी। इसमें कहा गया कि 29 अक्टूबर 2025 को दोपहर करीब तीन बजे पीआरवी पुलिसकर्मी द्वारा एक महिला के साथ छेड़खानी का मामला सामने आया। पीड़िता का आरोप है कि पीआरवी 4731 में तैनात सिपाही ने अभद्रता की। थाना काकादेव पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी सिपाही बृजेश सिंह को तत्काल निलंबित कर दिया गया। सहायक पुलिस आयुक्त स्वरूपनगर सुमित सुधाकर रामटेके ने पुष्टि की कि प्रारंभिक जांच और सीसीटीवी फुटेज से घटना की पुष्टि हुई है। आईपीसी की धारा 354 के तहत छेड़खानी और अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई। जांच जारी है और सख्त कार्रवाई होगी।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। कई यूजर्स ने इसे शेयर कर पुलिस पर सवाल उठाए। न्यूज24 चैनल ने वीडियो पोस्ट कर लिखा, कानपुर में पुलिसकर्मी ने युवती से छेड़छाड़ की, विरोध पर युवती ने सिपाही को सड़क पर घसीटकर थाने पहुंचाया। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप। एक अन्य यूजर गुरु प्रसाद यादव ने लिखा, योगी बाबा के जंगलराज में यही है महिला सुरक्षा और मित्र पुलिस की छवि। जनतंत्र टीवी ने भी खबर को ब्रेकिंग न्यूज बनाया। वायरल वीडियो में महिलाओं का साहस साफ दिख रहा है। वे सिपाही को घसीटते हुए कह रही हैं, ये बदतमीज पुलिस वाला सरेआम छेड़ रहा था। डीएनपी इंडिया और आज तक जैसे चैनलों ने भी विस्तार से कवरेज किया।
इस घटना ने उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। मिशन शक्ति 5.0 के तहत सरकार महिला सुरक्षा के लिए कई योजनाएं चला रही है। लेकिन जब पुलिसकर्मी ही अपराधी बन जाए तो आम महिला का क्या होगा। मित्र पुलिस अभियान का मकसद जनता और पुलिस के बीच विश्वास बढ़ाना है। लेकिन ऐसी घटनाएं उस छवि को धूमिल कर रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पुलिस में संवेदनशीलता की कमी है। कानपुर जैसे बड़े शहर में प्रतिदिन हजारों महिलाएं अकेले घूमती हैं। स्टांप पेपर जैसी छोटी जरूरतों के लिए बाहर निकलना पड़ता है। लेकिन सड़कों पर असुरक्षा का आलम बरकरार है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 2024 में छेड़खानी के 50 हजार से अधिक मामले दर्ज हुए। इनमें से कई पुलिस की लापरवाही से दब जाते हैं।
इस मामले में पीड़िता गोपिका ने बताया कि वे डर गई थीं। लेकिन बहन के आने से हिम्मत मिली। उन्होंने कहा, हमने सोचा कि थाने पहुंच जाएं तो इंसाफ मिलेगा। सिपाही ने वर्दी का फायदा उठाया। अगर वीडियो न वायरल होता तो शायद मामला दब जाता। परिवार ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना की लेकिन कहा कि ऐसी घटनाएं रोकनी होंगी। स्थानीय लोग भी हैरान हैं। गोल चौराहा व्यस्त जगह है, वहां सीसीटीवी हैं लेकिन फिर भी अपराध हुआ। राहगीरों ने महिलाओं का साथ दिया लेकिन कई लोग सिर्फ वीडियो बनाते रहे। विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि महिलाओं को सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण दिया जाए। डायल 112 का इस्तेमाल बढ़े। पुलिस को भी आंतरिक जांच मजबूत करनी चाहिए।
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