तमिलनाडु: पिता और दो बेटों ने पुलिसकर्मी की हत्या की, पारिवारिक विवाद सुलझाने गए थे सिपाही, सरकार ने दिया 1 करोड़ मुआवजा।
Tamil Nadu News: तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में 04 अगस्त 2025 की रात एक दिल दहलाने वाली घटना हुई, जिसमें एक पुलिसकर्मी की हत्या...
तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में 04 अगस्त 2025 की रात एक दिल दहलाने वाली घटना हुई, जिसमें एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी गई। विशेष उप-निरीक्षक (एसएसआई) शानमुगवेल एक पारिवारिक विवाद को सुलझाने के लिए गए थे, जहां दो बेटे अपने पिता को पीट रहे थे। इस दौरान पिता और दोनों बेटों ने मिलकर पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया और उनकी हत्या कर दी। इस घटना के बाद तीनों आरोपी फरार हो गए, और पुलिस ने उनकी तलाश में छह विशेष टीमें बनाई हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मृतक पुलिसकर्मी के परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा और एक परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।
यह घटना तिरुपुर जिले के उडुमलपेट के पास कुडिमंगलम में 04 अगस्त 2025 की रात करीब 11 बजे हुई। पुलिस कंट्रोल रूम को एक आपातकालीन कॉल मिली थी, जिसमें बताया गया कि सावंतखेड़ा गांव के पास मूंगिलथोलुवु में एक व्यक्ति और उसके दो बेटों के बीच हिंसक झगड़ा हो रहा है। यह जमीन अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के विधायक सी. महेंद्रन की थी। कॉल के जवाब में विशेष उप-निरीक्षक शानमुगवेल (57) और सशस्त्र रिजर्व पुलिस के सिपाही अझागुराजा एक गश्ती वाहन में मौके पर पहुंचे।
पुलिस के पहुंचने पर मूर्ति नाम का व्यक्ति अपने दो बेटों, मणिकंदन और थंगापांडियन, के साथ झगड़ा कर रहा था। दोनों बेटे शराब के नशे में थे और अपने पिता को मार रहे थे। शानमुगवेल ने मूर्ति की हालत देखकर तुरंत एम्बुलेंस बुलाने की कोशिश की। वह थंगापांडियन से बात कर रहे थे ताकि विवाद को शांत किया जा सके। इसी दौरान, मणिकंदन, जो पास में छिपा था, ने शानमुगवेल पर हंसिए से हमला कर दिया। इसके बाद मूर्ति और थंगापांडियन ने भी हमले में हिस्सा लिया। तीनों ने मिलकर शानमुगवेल को पीछा करके हंसिए से काट डाला, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
सिपाही अझागुराजा और खेत के प्रबंधक रंगासामी किसी तरह भागकर अपनी जान बचाने में सफल रहे। अझागुराजा ने तुरंत अन्य पुलिसकर्मियों को सूचना दी। यह हमला रात 12:30 बजे के आसपास हुआ। तीनों आरोपी मूर्ति, मणिकंदन, और थंगापांडियन घटना के बाद फरार हो गए। पुलिस ने बताया कि मणिकंदन के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित छह आपराधिक मामले पहले से दर्ज हैं, जबकि थंगापांडियन के खिलाफ चार और मूर्ति के खिलाफ दो मामले दर्ज हैं।
घटना की सूचना मिलते ही तमिलनाडु पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू की। पश्चिमी क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक टी. सेंथिल कुमार ने छह विशेष टीमें बनाईं, जो मूर्ति और उनके बेटों की तलाश में जुटी हैं। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है और संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "हम सभी संभावित स्थानों पर तलाश कर रहे हैं। जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।"
पुलिस ने यह भी पुष्टि की कि यह घटना एक पारिवारिक विवाद से शुरू हुई थी, लेकिन इसकी सटीक वजह अभी तक स्पष्ट नहीं है। कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि मूर्ति और उनके बेटों के बीच पहले भी संपत्ति को लेकर झगड़े हो चुके थे। पुलिस इस मामले में शराब के प्रभाव को भी जांच का हिस्सा बना रही है, क्योंकि दोनों बेटे नशे में थे।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस घटना पर गहरा दुख जताया और इसे पुलिस बल के लिए अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने 05 अगस्त 2025 को एक बयान में कहा, "एसएसआई शानमुगवेल की हत्या एक जघन्य अपराध है। मैंने दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। उनके परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा और एक परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी।" यह घोषणा मृतक के परिवार को आर्थिक और सामाजिक सहारा देने के लिए की गई।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पुलिसकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर प्रशिक्षण और उपकरणों का इस्तेमाल किया जाए।
इस घटना ने तमिलनाडु में कानून-व्यवस्था को लेकर सियासी बहस छेड़ दी है। विपक्षी दल अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सरकार की आलोचना की। एआईएडीएमके के महासचिव और विपक्ष के नेता एडप्पडी पलानीस्वामी ने कहा, "यह शर्मनाक है कि एक पुलिसकर्मी, जो अपनी ड्यूटी निभा रहा था, उसकी इस तरह हत्या कर दी गई। डीएमके सरकार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।"
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन ने इस घटना को शराब और नशे की बढ़ती समस्या से जोड़ा। उन्होंने कहा, "तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन (टास्मैक) के जरिए शराब की बिक्री ने समाज में हिंसा को बढ़ावा दिया है। डीएमके सरकार की नीतियों के कारण न केवल आम लोग असुरक्षित हैं, बल्कि पुलिसकर्मियों की जान भी खतरे में है।"
यह घटना तमिलनाडु में पुलिसकर्मियों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाती है। शानमुगवेल की हत्या ने एक बार फिर यह दिखाया कि पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी निभाते समय कितने असुरक्षित हो सकते हैं। तमिलनाडु में हाल के वर्षों में पुलिस पर हमले की कई घटनाएं सामने आई हैं। उदाहरण के लिए, 2021 में तिरुचि जिले में विशेष उप-निरीक्षक बूमिनाथन की बकरी चोरी के संदिग्धों ने हत्या कर दी थी। उस मामले में भी मुख्यमंत्री ने 1 करोड़ रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की थी।
इस घटना ने शराब के दुरुपयोग और पारिवारिक विवादों से उत्पन्न होने वाली हिंसा पर भी ध्यान खींचा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मूर्ति और उनके बेटों के बीच पहले भी कई बार झगड़े हो चुके थे, और शराब इस हिंसा का एक प्रमुख कारण थी। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांग की है कि शराब की बिक्री पर सख्त नियंत्रण और नशा मुक्ति केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए।
57 वर्षीय शानमुगवेल तमिलनाडु पुलिस में विशेष उप-निरीक्षक थे और कुडिमंगलम पुलिस स्टेशन पर तैनात थे। वह अपने कर्तव्यनिष्ठ और मेहनती स्वभाव के लिए जाने जाते थे। उनके सहयोगियों ने बताया कि वह हमेशा आपातकालीन कॉलों का तुरंत जवाब देते थे और समुदाय की सेवा में समर्पित थे। उनकी मृत्यु ने पुलिस बल में शोक की लहर पैदा कर दी।
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