ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ और सेकेंडरी प्रतिबंधों की चेतावनी दी: रूस से तेल खरीद का मुद्दा। 

International: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिसके बाद अब उन्होंने सेकेंडरी प्रतिबंधों ...

Aug 7, 2025 - 12:14
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ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ और सेकेंडरी प्रतिबंधों की चेतावनी दी: रूस से तेल खरीद का मुद्दा। 
ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ और सेकेंडरी प्रतिबंधों की चेतावनी दी: रूस से तेल खरीद का मुद्दा। 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिसके बाद अब उन्होंने सेकेंडरी प्रतिबंधों की चेतावनी दी है। यह अतिरिक्त टैरिफ भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के कारण लगाया गया है। इस फैसले से भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों पर असर पड़ सकता है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, “अभी तो सिर्फ 8 घंटे हुए हैं। देखते हैं क्या होता है। आपको और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा। आपको कई सेकेंडरी प्रतिबंध देखने को मिलेंगे।

  • टैरिफ की घोषणा और कारण

06 अगस्त 2025 को, डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की बात कही गई। यह टैरिफ पहले से घोषित 25 प्रतिशत टैरिफ के अतिरिक्त है, जिससे भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका में कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है। यह नया टैरिफ 27 अगस्त 2025 से लागू होगा। ट्रंप ने अपने आदेश में कहा, “मैंने पाया कि भारत सरकार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रूस से तेल आयात कर रही है। इसलिए, लागू कानून के अनुसार, भारत से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा।”

इस फैसले का मुख्य कारण भारत का रूस से कच्चा तेल खरीदना है। ट्रंप का मानना है कि भारत की तेल खरीद रूस को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में आर्थिक मदद दे रही है। उन्होंने कहा, “भारत न केवल भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि उस तेल को खुले बाजार में बेचकर मुनाफा भी कमा रहा है। उन्हें यूक्रेन में रूसी युद्ध मशीन से कितने लोगों की मौत हो रही है, इसकी परवाह नहीं है।” ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत अमेरिका का अच्छा व्यापारिक साझेदार नहीं रहा, क्योंकि भारत अमेरिकी वस्तुओं पर ऊंचे टैरिफ और गैर-आर्थिक व्यापार बाधाएं लगाता है।

  • भारत की प्रतिक्रिया

भारत ने ट्रंप के इस फैसले को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अनुचित” बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। भारत का तेल आयात बाजार के कारकों पर आधारित है और इसका उद्देश्य 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है।” भारत ने यह भी बताया कि यूक्रेन संकट शुरू होने के बाद अमेरिका ने ही भारत को रूस से तेल आयात करने के लिए प्रोत्साहित किया था ताकि वैश्विक ऊर्जा बाजार स्थिर रहे।

भारत ने अमेरिका और यूरोपीय संघ पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि 2024 में यूरोपीय संघ ने रूस से 67.5 अरब यूरो का तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयात किया, और अमेरिका ने भी रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, पैलेडियम, उर्वरक और रसायन जैसे उत्पादों का आयात जारी रखा। भारत ने कहा कि वह अपनी राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा, जिसमें अमेरिकी वस्तुओं पर जवाबी टैरिफ लगाने की संभावना भी शामिल है।

  • भारत पर टैरिफ का प्रभाव

50 प्रतिशत टैरिफ का असर भारत के कई प्रमुख निर्यात क्षेत्रों, जैसे कपड़ा, रत्न और आभूषण, ऑटो पार्ट्स, समुद्री उत्पाद, चमड़ा, और रसायन, पर पड़ सकता है। भारतीय निर्यात संगठन महासंघ (FIEO) के महानिदेशक अजय साहाय ने कहा, “यह बेहद चौंकाने वाला है। यह भारत के 55 प्रतिशत निर्यात को प्रभावित करेगा।” 2024-25 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 131.8 अरब डॉलर था, जिसमें भारत का निर्यात 86.5 अरब डॉलर और आयात 5.3 अरब डॉलर था। इस टैरिफ से भारत का निर्यात 30-40 अरब डॉलर तक कम हो सकता है।

हालांकि, कुछ क्षेत्र जैसे फार्मास्युटिकल्स, क्रूड ऑयल, रिफाइंड ईंधन, प्राकृतिक गैस, कोयला, और इलेक्ट्रॉनिक्स (जैसे स्मार्टफोन) को इस टैरिफ से छूट दी गई है। फिर भी, विशेषज्ञों का मानना है कि यह टैरिफ भारत की जीडीपी वृद्धि को प्रभावित कर सकता है और भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर दबाव डाल सकता है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज प्राइमरी डीलरशिप के मुख्य अर्थशास्त्री ए. प्रसन्ना ने कहा, “50 प्रतिशत टैरिफ की दर पर, भारत के कई निर्यात अन्य देशों की तुलना में नुकसान में रहेंगे, जो 15-30 प्रतिशत टैरिफ का सामना कर रहे हैं।”

  • सेकेंडरी प्रतिबंधों की चेतावनी

ट्रंप ने 06 अगस्त 2025 को व्हाइट हाउस में बीबीसी के एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत पर टैरिफ सिर्फ शुरुआत है। उन्होंने संकेत दिया कि भारत और अन्य देशों, जैसे चीन, पर सेकेंडरी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। सेकेंडरी प्रतिबंध उन देशों पर लगाए जाते हैं जो प्रतिबंधित देशों, जैसे रूस, से व्यापार करते हैं। ट्रंप ने कहा कि अगर रूस 08 अगस्त तक यूक्रेन के साथ शांति समझौता नहीं करता, तो वह रूस पर नए प्रतिबंध और रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगा सकते हैं।

ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने 06 अगस्त को मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी, लेकिन इस बैठक से कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। ट्रंप का मानना है कि रूस को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए उसके तेल निर्यात को रोकना जरूरी है, क्योंकि रूस 2024 में विश्व के 12 प्रतिशत कच्चे तेल का उत्पादन करता था।

  • भारत का रूस से तेल आयात

2022 में यूक्रेन संकट शुरू होने के बाद, रूस ने भारत को सस्ते दामों पर कच्चा तेल बेचना शुरू किया। भारत, जो अपनी तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत आयात करता है, ने इस अवसर का फायदा उठाया। 2025 के पहले छह महीनों में, भारत ने रोजाना लगभग 17.5 लाख बैरल रूसी तेल आयात किया, जो उसकी कुल तेल आपूर्ति का लगभग 35 प्रतिशत है। रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया है, इसके बाद इराक, सऊदी अरब, और संयुक्त अरब अमीरात हैं।

भारत का कहना है कि रूसी तेल का आयात वैश्विक बाजार की स्थिरता के लिए जरूरी था, क्योंकि पश्चिमी देशों ने रूस से तेल आयात कम कर दिया था। दिल्ली स्थित ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के प्रमुख अजय श्रीवास्तव ने कहा, “भारत का तेल आयात पारदर्शी रहा है और अमेरिका को इसकी जानकारी थी। भारत ने तेल की कीमतों को स्थिर करने में मदद की।”

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक संबंध महत्वपूर्ण हैं। ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक-दूसरे को “दोस्त” कहा है और 2019 में एक-दूसरे के देशों में रैलियों में हिस्सा लिया था। हालांकि, हाल के महीनों में व्यापारिक वार्ताएं रुक गई हैं। दिसंबर 2024 में शुरू हुई व्यापार समझौते की बातचीत, जो तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में शुरू हुई थी, अब तक पूरी नहीं हुई है।

ट्रंप ने भारत पर आरोप लगाया कि वह ऊंचे टैरिफ और गैर-आर्थिक बाधाओं के कारण अमेरिका के साथ कम व्यापार करता है। दूसरी ओर, भारत ने कहा कि वह एक निष्पक्ष और पारस्परिक व्यापार समझौते के लिए प्रतिबद्ध है। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह कदम भारत पर व्यापार समझौते के लिए दबाव बनाने की रणनीति हो सकता है।

अगर ट्रंप 100 प्रतिशत सेकेंडरी टैरिफ लागू करते हैं, तो यह भारत के निर्यात और अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाल सकता है। हालांकि, भारत के तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “हमें चिंता नहीं है। अगर कुछ होता है, तो हम उसका सामना करेंगे। हमने अपनी तेल आपूर्ति के स्रोतों को 27 देशों से बढ़ाकर 40 देश कर लिया है।” भारत अब ब्राजील और अन्य गैर-ओपेक देशों से तेल आयात बढ़ाने पर विचार कर रहा है।

विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि ट्रंप के टैरिफ से अमेरिकी उपभोक्ताओं को भी नुकसान होगा, क्योंकि भारत से आयातित वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाएंगी। इसके अलावा, अगर भारत जवाबी टैरिफ लगाता है, तो अमेरिकी तेल, गैस, रसायन, और एयरोस्पेस उत्पाद प्रभावित हो सकते हैं।

डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ और सेकेंडरी प्रतिबंधों की चेतावनी भारत-अमेरिका संबंधों के लिए एक नई चुनौती है। भारत का रूस से तेल आयात ऊर्जा सुरक्षा के लिए जरूरी है, लेकिन ट्रंप इसे रूस के युद्ध प्रयासों से जोड़ रहे हैं।

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