Trending News: 15 साल की बेटी का प्रेमी से कराया रेप और हत्या, शव को सड़क पर फेंका कैथल में मां की क्रूर साजिश।
हाइलाइट्स
- हरियाणा के कैथल में एक मां ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपनी 15 वर्षीय बेटी का रेप करवाया और उसकी हत्या कर दी।
- हत्या को सड़क दुर्घटना का रूप देने के लिए शव को सड़क पर फेंक दिया गया।
- घटना 21 मई 2025 को रादौर क्षेत्र के धौलरा गांव के पास हुई, जिसे शुरू में ट्रक दुर्घटना माना गया।
- मां, उसके प्रेमी लाडी, और तीन अन्य सहयोगियों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया।
- पुलिस ने पॉक्सो अधिनियम और हत्या की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया; पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल उठे।
हरियाणा के कैथल जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। एक मां ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपनी 15 वर्षीय नाबालिग बेटी का रेप करवाया और बाद में उसकी हत्या कर दी। इस जघन्य अपराध को छिपाने के लिए, उन्होंने शव को सड़क पर फेंककर इसे एक सड़क दुर्घटना का रूप देने की कोशिश की। यह घटना 21 मई 2025 को कैथल के रादौर क्षेत्र में सामने आई, जिसने पुलिस और प्रशासन को भी हतप्रभ कर दिया। 21 मई 2025 को कैथल के रादौर क्षेत्र के धौलरा गांव के पास पुलिस को सूचना मिली कि एक 15 वर्षीय किशोरी को सड़क पार करते समय एक ट्रक ने टक्कर मार दी, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। शुरू में इसे एक सामान्य सड़क दुर्घटना माना गया, और पुलिस ने अज्ञात ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया। हालांकि, मृतका के पिता की शिकायत और बाद में मां के कबूलनामे ने इस मामले को एक भयावह अपराध की ओर मोड़ दिया।
मृतका की मां ने अपनी बेटी की रस्म किर्या (श्राद्ध) के दौरान अपने पति को बताया कि उनकी बेटी की मृत्यु कोई दुर्घटना नहीं थी। उसने कबूल किया कि उसने अपने प्रेमी, कैथल के हंसूमाजरा गांव के लाडी, और अपनी सहेली रेखा के साथ मिलकर बेटी का रेप करवाया और बाद में उसकी हत्या कर दी। इस अपराध को दुर्घटना का रूप देने के लिए, उन्होंने शव को सड़क पर फेंक दिया और एक ट्रक चालक की मदद ली। इस खुलासे ने न केवल मृतका के पिता को स्तब्ध कर दिया, बल्कि पुलिस को भी इस जघन्य अपराध की गहराई में जांच करने के लिए मजबूर कर दिया।
पुलिस जांच और मां के बयान के अनुसार, मां का लाडी नामक व्यक्ति के साथ अवैध संबंध था। वह गांव बकाना की रेखा के साथ एक फैक्ट्री में काम करती थी, जहां उसकी मुलाकात लाडी से हुई। रेखा ने ही मां और लाडी की दोस्ती करवाई थी। एक दिन, जब मां रेखा के साथ लाडी से मिलने गई, तो उनके बीच शारीरिक संबंध बने। इसके बाद, लाडी ने मां को ब्लैकमेल करना शुरू किया और उसकी बेटी को भी अपने पास लाने की मांग की। रेखा ने भी लाडी का समर्थन किया और मां को धमकी दी कि अगर उसने बेटी को नहीं लाया, तो वह उनके अवैध संबंधों का खुलासा कर देगी।
19 मई 2025 को, मां ने अपनी बेटी को सत्संग में जाने का बहाना बनाकर लाडी के पास ले गई। रेखा भी उनके साथ थी। कैथल के हंसूमाजरा पहुंचने पर, लाडी ने मां को एक नशीली दवा दी और उसे अपनी बेटी को खिलाने के लिए कहा। मां ने बेटी को यह दवा खिला दी, जिससे वह बेहोश हो गई। इसके बाद, लाडी ने पहले मां के साथ शारीरिक संबंध बनाए और फिर बेटी के साथ रेप किया। जब बेटी ने चीखना शुरू किया, तो मां और रेखा कमरे में पहुंचीं। लाडी ने एक और नशीली दवा की पुड़िया दी, जिसे मां और रेखा ने जबरन बेटी को खिला दिया। इस दवा की ओवरडोज के कारण बेटी के मुंह से झाग निकलने लगा और उसकी हालत बिगड़ गई।
लाडी ने गांव के एक डॉक्टर, राजेश, को बुलाया, जिसने बेटी को इंजेक्शन लगाया। हालांकि, इंजेक्शन के बाद भी बेटी की हालत में सुधार नहीं हुआ, और कुछ ही देर में उसकी मृत्यु हो गई। डर के मारे, मां, लाडी, रेखा, और उनके सहयोगियों ने मिलकर एक योजना बनाई। उन्होंने बेटी के शव को रादौर क्षेत्र के एक सड़क किनारे फेंक दिया और इसे सड़क दुर्घटना का रूप देने के लिए एक ट्रक चालक, रणजीत सरदार, की मदद ली।
मृतका के पिता की शिकायत के आधार पर, गुहला पुलिस ने मां, लाडी, रेखा, लाडी के भाई रणजीत, पड़ोसी मिट्ठू, डॉक्टर राजेश, और ट्रक चालक रणजीत सरदार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या), 376 (रेप), और प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेज (POCSO) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस ने इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए हैं। प्रारंभिक पोस्टमार्टम में मृत्यु का कारण सड़क दुर्घटना बताया गया था, लेकिन दवा की ओवरडोज और रेप के सबूत सामने आने के बाद, पुलिस ने पोस्टमार्टम प्रक्रिया की विश्वसनीयता की जांच शुरू की है। गुहला पुलिस स्टेशन के प्रभारी ने बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है, और सभी सबूतों को फोरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है। यह मामला भारतीय दंड संहिता और POCSO अधिनियम के तहत गंभीर अपराधों की श्रेणी में आता है।
रेप और हत्या के लिए IPC की धारा 376 और 302 के तहत क्रमशः आजीवन कारावास या मृत्युदंड तक की सजा हो सकती है। POCSO अधिनियम के तहत नाबालिग के खिलाफ यौन अपराध के लिए न्यूनतम सात साल की सजा और अधिकतम आजीवन कारावास का प्रावधान है। इसके अलावा, नशीली दवाओं का उपयोग और शव को ठिकाने लगाने की साजिश IPC की धारा 201 (सबूत मिटाने) के तहत दंडनीय है। यह घटना नैतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत गंभीर है। एक मां, जो अपनी बेटी की रक्षक होनी चाहिए, ने न केवल उसका यौन शोषण करवाया, बल्कि उसकी हत्या में भी सक्रिय रूप से भाग लिया। यह अपराध मातृत्व और पारिवारिक मूल्यों पर एक गहरा आघात है।
- पोस्टमार्टम और जांच में खामियां
इस मामले ने कैथल के मेडिकल और पुलिस सिस्टम पर कई सवाल खड़े किए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दवा की ओवरडोज से मृत्यु का पता न चलना और इसे दुर्घटना मान लेना एक गंभीर चूक को दर्शाता है। पुलिस ने अब इस मामले में फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद लेने का फैसला किया है ताकि मृत्यु के सटीक कारण का पता लगाया जा सके। इसके अलावा, ट्रक चालक की भूमिका और डॉक्टर राजेश के इंजेक्शन की प्रकृति की भी जांच की जा रही है।
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कैथल जिला पहले भी यौन अपराधों और हिंसक घटनाओं के लिए चर्चा में रहा है। उदाहरण के लिए, 2019 में एक सात वर्षीय बच्ची के साथ रेप के मामले में आरोपी को 25 साल की सजा सुनाई गई थी। इस नवीनतम घटना ने जिले में नाबालिगों के खिलाफ बढ़ते अपराधों और पुलिस की प्रारंभिक जांच में लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। कैथल की यह घटना न केवल एक अपराध है, बल्कि यह मानवीय रिश्तों और सामाजिक नैतिकता पर एक गहरा धब्बा है। एक मां द्वारा अपनी बेटी के साथ की गई इस क्रूरता ने समाज के सामने कई सवाल खड़े किए हैं। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन पोस्टमार्टम और प्रारंभिक जांच में हुई चूक ने सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।
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