Trending: लुधियाना के ग्यासपुरा में बच्चे की कुल्फी में छिपकली मिलने से हंगामा- खाद्य सुरक्षा पर उठे सवाल।

पंजाब के लुधियाना शहर के ग्यासपुरा इलाके में 7 जून 2025 को एक चौंकाने वाली घटना ने स्थानीय लोगों और प्रशासन का ध्यान खींचा। एक नाबालिग बच्चे ने सड़क...

Jun 8, 2025 - 14:45
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Trending: लुधियाना के ग्यासपुरा में बच्चे की कुल्फी में छिपकली मिलने से हंगामा- खाद्य सुरक्षा पर उठे सवाल।

पंजाब के लुधियाना शहर के ग्यासपुरा इलाके में 7 जून 2025 को एक चौंकाने वाली घटना ने स्थानीय लोगों और प्रशासन का ध्यान खींचा। एक नाबालिग बच्चे ने सड़क किनारे रेहड़ी से खरीदी गई कुल्फी में छिपकली पाई, जिसके बाद इलाके में हंगामा मच गया। यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बनी, बल्कि सड़क किनारे बिकने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा नियमों की अनदेखी पर गंभीर सवाल भी उठाए। सोशल मीडिया, विशेष रूप से एक्स (X) पर इस घटना की खबर तेजी से वायरल हुई, जिसने खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उजागर किया। घटना शुक्रवार की शाम को लुधियाना के ग्यासपुरा इलाके में हुई। ग्यासपुरा, लुधियाना का एक घनी आबादी वाला औद्योगिक और आवासीय क्षेत्र है, जहां सड़क किनारे रेहड़ियां और छोटी दुकानें आम हैं। स्थानीय निवासी 12 वर्षीय रमन (बदला हुआ नाम) अपने दोस्तों के साथ ग्यासपुरा की एक व्यस्त सड़क पर टहल रहा था। गर्मी के मौसम में ठंडक पाने के लिए उसने पास की एक रेहड़ी से कुल्फी खरीदी। रमन ने बताया कि वह कुल्फी का आनंद ले रहा था, लेकिन कुछ काटने के बाद उसे कुल्फी में कुछ असामान्य दिखाई दिया। करीब से देखने पर उसे कुल्फी के अंदर एक मरी हुई छिपकली नजर आई। यह देखते ही वह घबरा गया और उसने तुरंत कुल्फी फेंक दी।

रमन ने अपने दोस्तों और आसपास के लोगों को इस बारे में बताया, जिसके बाद मौके पर भीड़ जमा हो गई। स्थानीय लोगों ने रेहड़ी वाले, जिसका नाम कथित तौर पर सोनू है, से जवाब मांगा। सोनू ने दावा किया कि उसकी कुल्फी ताजा और स्वच्छ थी, और उसने छिपकली के बारे में अनभिज्ञता जताई। हालांकि, गुस्साए लोगों ने रेहड़ी वाले को घेर लिया और हंगामा शुरू हो गया। कुछ लोगों ने घटना का वीडियो बनाया, जिसमें बच्चे द्वारा कुल्फी में छिपकली दिखाने और भीड़ के गुस्से को देखा जा सकता है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। एक्स पर @ABPNews ने इस घटना को साझा करते हुए लिखा, "यह घटना लुधियाना के ग्यासपुरा इलाके की है, जहां एक बच्चे ने रेहड़ी वाले से कुल्फी खरीदी। बच्चा मजे से कुल्फी खा रहा था कि तभी उसे कुल्फी में छिपकली नजर आ गई। यह देखते ही हंगामा मच गया।" इस पोस्ट ने घटना को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाया और खाद्य सुरक्षा पर बहस को तेज किया।

हंगामे की सूचना मिलने पर ग्यासपुरा पुलिस चौकी की एक टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने भीड़ को शांत किया और रेहड़ी वाले को हिरासत में ले लिया। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने कुल्फी के नमूने और रेहड़ी से अन्य खाद्य पदार्थों को जब्त किया। इन नमूनों को खाद्य सुरक्षा विभाग को जांच के लिए भेजा गया। लुधियाना के खाद्य सुरक्षा अधिकारी, डॉ. राजेश कुमार, ने बताया कि कुल्फी में छिपकली की मौजूदगी की पुष्टि के लिए प्रयोगशाला परीक्षण किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि रेहड़ी वाला खाद्य सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करते पाया गया, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना और लाइसेंस रद्द करना शामिल हो सकता है। पुलिस ने रेहड़ी वाले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 269 (लापरवाही से बीमारी फैलाने का कार्य) और खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की। रमन के परिवार ने भी शिकायत दर्ज की, जिसमें उन्होंने बच्चे के मानसिक आघात और स्वास्थ्य जोखिम की बात उठाई। रमन को नजदीकी अस्पताल में प्राथमिक जांच के लिए ले जाया गया, जहां उसकी स्थिति स्थिर बताई गई।

यह घटना लुधियाना जैसे औद्योगिक शहरों में सड़क किनारे बिकने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और स्वच्छता पर गंभीर सवाल उठाती है। ग्यासपुरा जैसे क्षेत्रों में, जहां मजदूर वर्ग और मध्यम वर्ग की बड़ी आबादी रहती है, रेहड़ियां और छोटी दुकानें खानपान का एक किफायती साधन हैं। हालांकि, इन रेहड़ियों पर स्वच्छता मानकों का पालन अक्सर नहीं होता। विशेषज्ञों के अनुसार, कुल्फी जैसे जमे हुए खाद्य पदार्थों में कीड़े या अन्य अशुद्धियां मिलना असामान्य नहीं है, क्योंकि इन्हें बनाने और स्टोर करने में उचित तापमान और स्वच्छता का ध्यान नहीं रखा जाता। लुधियाना के एक खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञ, प्रोफेसर अमनदीप सिंह, ने बताया कि कुल्फी बनाने में दूध और चीनी जैसे सामग्रियों का उपयोग होता है, जो बैक्टीरिया और कीटों को आकर्षित करते हैं। यदि उत्पादन स्थल पर स्वच्छता का अभाव हो या कच्चा माल दूषित हो, तो ऐसी घटनाएं हो सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रेहड़ी वालों को नियमित प्रशिक्षण और लाइसेंसिंग की आवश्यकता है, ताकि वे खाद्य सुरक्षा नियमों का पालन करें। घटना के वायरल होने के बाद, सोशल मीडिया पर लोगों ने खाद्य सुरक्षा और प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया। एक्स पर कई यूजर्स ने इस तरह की घटनाओं को "घोर लापरवाही" बताया और खाद्य सुरक्षा नियमों को लागू करने की मांग की। एक यूजर @PunjabCitizen ने लिखा, "लुधियाना में कुल्फी में छिपकली मिलना कोई नई बात नहीं। प्रशासन को सड़क किनारे की रेहड़ियों पर सख्ती बरतनी चाहिए।" एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, "बच्चे ने कुल्फी खाई और छिपकली पाई। यह कितना डरावना है! क्या हम अब बच्चों को बाहर खाना खिलाना भी बंद कर दें?"

लुधियाना के ग्यासपुरा में कुल्फी में छिपकली मिलने की घटना ने सड़क किनारे बिकने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और स्वच्छता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यह घटना एक बच्चे के लिए डरावनी थी और स्थानीय समुदाय में आक्रोश का कारण बनी। हालांकि, पुलिस और खाद्य सुरक्षा विभाग ने त्वरित कार्रवाई शुरू की है, लेकिन यह केवल शुरुआत है। स्थानीय व्यापारियों और रेहड़ी वालों ने भी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि सभी रेहड़ी वालों को एक ही नजर से नहीं देखा जाना चाहिए। ग्यासपुरा के रेहड़ी यूनियन के एक सदस्य ने कहा कि कई रेहड़ी वाले स्वच्छता का ध्यान रखते हैं, लेकिन कुछ की लापरवाही से पूरे समुदाय की छवि खराब होती है। यह घटना खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता को रेखांकित करती है। इस अधिनियम के तहत, खाद्य पदार्थ बेचने वालों को स्वच्छता मानकों का पालन करना अनिवार्य है, और उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे स्तर के रेहड़ी वालों और स्ट्रीट फूड विक्रेताओं की निगरानी में कमी के कारण ऐसी घटनाएं बार-बार होती हैं। लुधियाना नगर निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग ने अब ग्यासपुरा और आसपास के क्षेत्रों में रेहड़ियों की जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा, प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे केवल लाइसेंसी रेहड़ियों से ही खाना खरीदें और किसी भी शिकायत के मामले में तुरंत खाद्य सुरक्षा हेल्पलाइन पर संपर्क करें।

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