देश- विदेश: एक फोन कॉल और इजरायल-गाजा युद्ध के अंत की तरफ, नेतन्याहू और ट्रंप ने अब्राहम समझौते के विस्तार पर जताई सहमति।
मध्य पूर्व में एक और युद्ध के समाप्त होने की उम्मीद जगी है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने...

मध्य पूर्व में एक और युद्ध के समाप्त होने की उम्मीद जगी है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में चल रहे 20 महीने पुराने युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करने और 2020 में हुए ऐतिहासिक अब्राहम समझौते के विस्तार पर सहमति जताई है। इजरायल हायोम की एक रिपोर्ट के अनुसार, दोनों नेताओं ने हाल ही में एक फोन कॉल के दौरान इस रणनीति पर चर्चा की, जिसमें गाजा में युद्ध को दो सप्ताह के भीतर समाप्त करने, हमास के नेतृत्व को निर्वासित करने, बंधकों को रिहा करने, और गाजा के प्रशासन के लिए चार अरब देशों (संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र सहित) को शामिल करने की योजना बनाई गई। इस समझौते में सऊदी अरब और सीरिया के साथ इजरायल के राजनयिक संबंध स्थापित करने और वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों में इजरायल की संप्रभुता को अमेरिकी मान्यता देने की बात भी शामिल है। यह कदम मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, हालांकि कई चुनौतियां अभी भी बाकी हैं।
इजरायल हायोम की 26 जून 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू और ट्रंप ने सोमवार देर रात एक फोन कॉल में गाजा युद्ध को समाप्त करने की योजना पर सहमति जताई। इस कॉल में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और इजरायल के रणनीतिक मामलों के मंत्री रॉन डर्मर भी शामिल थे। योजना के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
युद्ध का अंत: गाजा में युद्ध को दो सप्ताह के भीतर समाप्त करने की योजना है। इसके तहत इजरायल अपनी सैन्य कार्रवाई रोक देगा, और हमास को बंधकों को रिहा करना होगा। वर्तमान में गाजा में लगभग 50 बंधक हैं, जिनमें से आधे से कम के जीवित होने की संभावना है।
हमास का निर्वासन: हमास के शेष नेतृत्व को गाजा से निर्वासित किया जाएगा। यह कदम हमास को पूरी तरह से हटाने और गाजा में एक नई प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित करने के लिए उठाया जाएगा।
गाजा का प्रशासन: गाजा के पुनर्निर्माण और प्रशासन के लिए चार अरब देश—संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, और दो अन्य (जिनके नाम अभी स्पष्ट नहीं हैं)—संयुक्त रूप से जिम्मेदारी लेंगे। यह व्यवस्था हमास के शासन को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए बनाई गई है।
अब्राहम समझौते का विस्तार: 2020 में हुए अब्राहम समझौते, जिसके तहत संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सूडान, और मोरक्को ने इजरायल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए थे, को और विस्तार दिया जाएगा। सऊदी अरब और सीरिया के साथ संबंध स्थापित करने की योजना है, जो मध्य पूर्व में इजरायल की स्थिति को और मजबूत करेगा।
वेस्ट बैंक और दो-राष्ट्र समाधान: अमेरिका वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों में इजरायल की सीमित संप्रभुता को मान्यता देगा, जबकि इजरायल भविष्य में दो-राष्ट्र समाधान के लिए समर्थन व्यक्त करेगा, बशर्ते फिलिस्तीनी प्राधिकरण (PA) में सुधार हों।
गाजा में युद्ध 7 अक्टूबर 2023 को हमास के इजरायल पर हमले के बाद शुरू हुआ था, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और 251 लोग बंधक बनाए गए थे। इसके जवाब में इजरायल ने गाजा पर व्यापक सैन्य कार्रवाई शुरू की, जिसके परिणामस्वरूप हमास द्वारा संचालित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 47,400 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए। इस युद्ध ने गाजा को तबाह कर दिया है, जिसमें 70% से अधिक घर रहने लायक नहीं बचे हैं।
ट्रंप और नेतन्याहू की यह सहमति हाल ही में अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले के बाद आई है, जिसे नेतन्याहू ने "इजरायल की स्थिति को मजबूत करने वाला" बताया। नेतन्याहू ने 26 जून को एक बयान में कहा, "हमने ईरान के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और बड़ी जीत हासिल की। यह जीत शांति समझौतों के विस्तार का एक शानदार अवसर प्रदान करती है।"
हालांकि यह योजना महत्वाकांक्षी है, लेकिन इसके सामने कई चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती सऊदी अरब जैसे देशों की शर्त है, जो इजरायल के साथ संबंध सामान्य करने के लिए फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना को अनिवार्य मानते हैं। सऊदी अरब ने स्पष्ट किया है कि बिना दो-राष्ट्र समाधान के वह अब्राहम समझौते में शामिल नहीं होगा। इसके अलावा, नेतन्याहू की गठबंधन सरकार में शामिल धुर दक्षिणपंथी दल, जैसे कि वित्त मंत्री बेजलेल स्मोट्रिच और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-गवीर, दो-राष्ट्र समाधान के खिलाफ हैं, जिससे इस योजना पर अमल करना मुश्किल हो सकता है। फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने भी इस योजना का विरोध किया है। पीए के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने कहा कि वह गाजा से फिलिस्तीनियों के विस्थापन के किसी भी प्रस्ताव को खारिज करते हैं और दो-राष्ट्र समाधान को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत ही स्वीकार करेंगे। हमास ने भी इस योजना को "अराजकता पैदा करने वाला" करार दिया और कहा कि गाजा की जनता अपनी जमीन छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ यूजर्स ने इसे मध्य पूर्व में शांति की दिशा में एक बड़ा कदम बताया, जबकि अन्य ने इसे फिलिस्तीनियों के अधिकारों का उल्लंघन माना। एक यूजर ने लिखा, "ट्रंप और नेतन्याहू की यह योजना गाजा के लोगों के लिए और मुश्किलें खड़ी कर सकती है।" वहीं, कुछ ने अब्राहम समझौते के विस्तार को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए सकारात्मक माना।
नेतन्याहू और ट्रंप की यह सहमति मध्य पूर्व में शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है, लेकिन इसके सामने कई चुनौतियां हैं। गाजा युद्ध का अंत और अब्राहम समझौते का विस्तार क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन इसके लिए सभी पक्षों का सहयोग और फिलिस्तीनी हितों का सम्मान जरूरी है। यह समझौता मध्य पूर्व की भू-राजनीति को बदल सकता है। यदि सऊदी अरब और सीरिया जैसे देश अब्राहम समझौते में शामिल होते हैं, तो यह इजरायल के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत होगी। हालांकि, फिलिस्तीनी प्राधिकरण और हमास का विरोध इस योजना को लागू करने में बाधा बन सकता है। इसके अलावा, नेतन्याहू की अपनी घरेलू राजनीतिक चुनौतियां, जैसे कि उनके खिलाफ चल रहा भ्रष्टाचार का मुकदमा, इस समझौते को प्रभावित कर सकता है। ट्रंप ने नेतन्याहू के मुकदमे को रद्द करने की मांग की है, जिसे कुछ विश्लेषकों ने इस शांति योजना का हिस्सा माना है।
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