दार्जिलिंग: 'हैलो ममता दीदी, पानी नहीं आ रहा, सुनाई दे रहा है?', राजू बिष्ट का हर घर जल योजना पर तंज, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल.
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सांसद राजू बिष्ट ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर एक तीखा तंज कसा है। उन्होंने राज्य सरकार की हर घर जल योजना की विफलता को निशाना
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सांसद राजू बिष्ट ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर एक तीखा तंज कसा है। उन्होंने राज्य सरकार की हर घर जल योजना की विफलता को निशाना बनाते हुए एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने नल को फोन की तरह कान पर लगाकर ममता बनर्जी से 'बात' करने का नाटक किया। वीडियो में बिष्ट कहते दिख रहे हैं, 'हैलो ममता दीदी, सुनाई दे रहा है? पानी नहीं आ रहा है, कनेक्शन ठीक नहीं है!' यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसने बीजेपी समर्थकों में हंसी का ठिकाना छुड़ा दिया, वहीं टीएमसी कार्यकर्ताओं में गुस्सा भरा दिया है। बिष्ट का यह व्यंग्य दार्जिलिंग हिल्स, टेरे और डूअर्स क्षेत्रों में पेयजल संकट को उजागर करता है, जहां केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजनाओं पर राज्य की ओर से कथित लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है। यह घटना राज्य की राजनीति में नई बहस छेड़ रही है, जहां केंद्र और राज्य के बीच विकास कार्यों को लेकर टकराव लंबे समय से चल रहा है।
यह वीडियो 11 अक्टूबर 2025 को जारी किया गया। दार्जिलिंग सांसद राजू बिष्ट, जो बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं, ने इसे अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट किया। वीडियो में बिष्ट एक नल के पास खड़े हैं, जो सूखा पड़ा है। वे नल को उठाते हैं और कान पर लगाकर बोलते हैं, जैसे कोई फोन हो। उनका संवाद मजाकिया लेकिन गंभीर मुद्दे पर केंद्रित है। वे कहते हैं, 'ममता दीदी, हर घर जल योजना का क्या हुआ? यहां तो नल में पानी की जगह हवा आ रही है। कृपया ध्यान दें!' वीडियो के अंत में बिष्ट सीधे कैमरे की ओर देखकर कहते हैं कि केंद्र ने 3500 करोड़ रुपये दिए हैं, लेकिन राज्य सरकार फंड का दुरुपयोग कर रही है। यह पोस्ट अब तक लाखों व्यूज बटोर चुकी है। बीजेपी के अन्य नेता, जैसे अमित मालवीय, ने इसे रीपोस्ट किया और लिखा कि दार्जिलिंग के लोग प्यासे मर रहे हैं, जबकि कोलकाता में डांस हो रहा है। वीडियो की लोकप्रियता से साफ है कि यह सिर्फ मजाक नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संदेश है।
दार्जिलिंग क्षेत्र लंबे समय से पेयजल की समस्या से जूझ रहा है। हिल्स में प्राकृतिक स्रोतों की कमी, भूस्खलन और मौसम की मार से पानी की आपूर्ति बाधित रहती है। केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन (जिसे हर घर जल कहा जाता है) के तहत 2024 तक हर घर में नल से पानी पहुंचाने का लक्ष्य था। दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के लिए 3500 करोड़ रुपये आवंटित हुए, लेकिन स्थानीय लोग कहते हैं कि पाइपलाइन बनीं तो हैं, लेकिन पानी नहीं बहता। सांसद बिष्ट ने जून 2024 में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से मुलाकात कर इसकी शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) के साथ मिलकर डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) में पानी के स्रोत का प्रावधान ही नहीं किया। नतीजा, 1200 करोड़ का प्रोजेक्ट अधर में लटका है। बिष्ट ने केंद्र से जांच की मांग की, जिसमें एएमआरयूटी (अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन) योजना के तहत दार्जिलिंग शहर के पानी के प्रोजेक्ट को भी शामिल किया जाए।
ममता बनर्जी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं। बीजेपी का दावा है कि जीटीए चीफ अनित थापा ने शिक्षा, पीएम आवास योजना और हर घर जल में घोटाला किया। अप्रैल 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान बिष्ट ने कहा था कि थापा ने पंचायत फंड डायवर्ट किए। सीबीआई जांच की मांग की गई, लेकिन राज्य ने इसे खारिज कर दिया। दार्जिलिंग हिल्स में सड़कें, स्वास्थ्य और शिक्षा की कमी है। पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत 4000 करोड़ मिले, लेकिन कार्य धीमे हैं। बिष्ट ने कहा कि विकास के सारे फंड केंद्र से आते हैं, राज्य एक पैसा नहीं खर्च करता। ममता बनर्जी ने हाल ही में दार्जिलिंग चाय की नकली बिक्री रोकने का ऐलान किया, लेकिन बिष्ट ने इसे दिखावा बताया। उन्होंने कहा कि चाय बागानों को बंद करने की साजिश है। क्षेत्र के लोग गोरखा समस्या का समाधान चाहते हैं, लेकिन राज्य सरकार गोरखालैंड की मांग को दबा रही है।
राजू बिष्ट का राजनीतिक सफर दिलचस्प है। वे 2019 से दार्जिलिंग के सांसद हैं और बीजेपी के युवा चेहरे माने जाते हैं। गोरखा मूल के बिष्ट ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन किया। 2024 चुनाव में उन्होंने टीएमसी के मंगू प्रधान को चार लाख वोटों से हराया। बिष्ट राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और अक्सर टीवी डिबेट में ममता सरकार की आलोचना करते हैं। इस वीडियो से उनकी छवि मजाकिया लेकिन मुखर नेता की बनी। टीएमसी ने इसे सस्ती लोकप्रियता का हथकंडा बताया। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि बिष्ट केंद्र के प्रोजेक्ट्स का श्रेय ले रहे हैं, लेकिन हिल्स में भूस्खलन और बाढ़ में राज्य की मदद को भूल गए। हाल ही में उत्तरी बंगाल में भारी बारिश से तबाही मची, जिसमें दार्जिलिंग प्रभावित हुआ। ममता ने राहत कार्यों की कमान संभाली, लेकिन बीजेपी ने आरोप लगाया कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उनके नेताओं पर हमला किया।
सोशल मीडिया पर वीडियो की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली हैं। बीजेपी समर्थक इसे शेयर कर रहे हैं और लिख रहे हैं, 'सच तो कड़वा होता है, लेकिन हंसाते हुए बोल दिया!' एक यूजर ने कहा कि दार्जिलिंग के लोग प्यासे हैं, ममता दीदी सो रही हैं। वहीं, टीएमसी समर्थक इसे अपमान बताया। एक पोस्ट में लिखा, 'सांसद को शोभा नहीं देता, मुद्दों पर बहस करो।' वीडियो अब तक 5 लाख से ज्यादा व्यूज पर पहुंच चुका है। एबीपी लाइव बंगाली और अन्य न्यूज चैनलों ने इसे कवर किया। यह घटना पश्चिम बंगाल की राजनीति को और गर्म कर रही है, जहां 2026 विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। बीजेपी उत्तरी बंगाल में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है, जबकि टीएमसी हिल्स में घुसपैठ रोक रही है।
यह तंज सिर्फ पानी का मुद्दा नहीं, बल्कि विकास की राजनीति है। केंद्र ने दार्जिलिंग के लिए बागडोगरा एयरपोर्ट पर 3000 करोड़ खर्च किए, फ्लाईओवर बन रहे हैं। लेकिन स्थानीय कहते हैं कि बुनियादी सुविधाएं कम हैं। जल जीवन मिशन का लक्ष्य 2024 था, लेकिन दार्जिलिंग में केवल 40 प्रतिशत घरों को कवरेज मिला। विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में प्रोजेक्ट लागू करना चुनौतीपूर्ण है। बिष्ट ने ममता से अपील की कि वे कोलकाता से निकलकर हिल्स आएं। ममता ने हाल ही में चाय बागानों का दौरा किया, लेकिन राजनीतिकरण का आरोप लगा। बिष्ट ने कहा कि ममता की यात्राएं शो के अलावा कुछ नहीं।
दार्जिलिंग की समस्या जटिल है। गोरखा समुदाय अपनी पहचान चाहता है। बिष्ट ने 2021 में गोरखालैंड या यूनियन टेरिटरी की मांग उठाई, जिसे ममता ने खारिज किया। विधानसभा में विभाजन विरोधी प्रस्ताव पास हुआ। लेकिन बीजेपी ने कहा कि वे गोरखा हितों की रक्षा करेंगे। यह वीडियो इसी संघर्ष का हिस्सा है। स्थानीय लोग उम्मीद करते हैं कि राजनीतिक लड़ाई से पहले पानी का इश्यू सुलझे। बिष्ट ने वीडियो में कहा कि वे केंद्र से और फंड लाएंगे। आशा है कि व्यंग्य से वास्तविक बदलाव आए।
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