अकासा एयर की पुणे-दिल्ली फ्लाइट पर बर्ड स्ट्राइक, सभी यात्री सुरक्षित, विमान जांच के दायरे में।
10 अक्टूबर 2025 को अकासा एयर की फ्लाइट QP 1607, जो पुणे से दिल्ली आ रही थी, उड़ान के दौरान बर्ड स्ट्राइक की घटना का शिकार हो गई। राहत की बात यह रही कि बोइंग
10 अक्टूबर 2025 को अकासा एयर की फ्लाइट QP 1607, जो पुणे से दिल्ली आ रही थी, उड़ान के दौरान बर्ड स्ट्राइक की घटना का शिकार हो गई। राहत की बात यह रही कि बोइंग 737 मैक्स 8 विमान ने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित लैंडिंग की। सभी यात्री और क्रू मेंबर पूरी तरह सुरक्षित हैं। एयरलाइन ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इसकी पुष्टि की और कहा कि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हुई। घटना सुबह करीब 10 बजे के बाद हुई, जब विमान दिल्ली के नजदीक पहुंच चुका था। विमान को अब इंजीनियरिंग टीम द्वारा जांचा जा रहा है, जिसके बाद ही इसे दोबारा सेवा में लिया जाएगा।
अकासा एयर के प्रवक्ता ने बताया कि फ्लाइट QP 1607 सुबह 8:45 बजे पुणे से रवाना हुई थी। यह लगभग 2 घंटे की उड़ान थी, जो सामान्य रूप से सुबह 10:45 बजे दिल्ली पहुंचनी थी। लेकिन बर्ड स्ट्राइक के कारण पायलट ने तुरंत कंट्रोल लिया और सुरक्षित लैंडिंग कराई। फ्लाइट रडार 24 वेबसाइट के अनुसार, विमान ने ठीक 10:12 बजे दिल्ली में टचडाउन किया। लैंडिंग के बाद सभी यात्रियों को विमान से उतार लिया गया और उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था की गई। एयरलाइन ने यात्रियों को मुआवजा और रिफंड का विकल्प भी दिया है। हालांकि, यात्रियों की सटीक संख्या का खुलासा नहीं किया गया, लेकिन अनुमान है कि बोइंग 737 मैक्स 8 में करीब 180 सीटें हैं, जिसमें से अधिकांश भरी हुई थीं।
बर्ड स्ट्राइक विमानन जगत में एक आम लेकिन गंभीर समस्या है। इसमें पक्षी विमान के इंजन, विंग या अन्य हिस्सों से टकराते हैं, जिससे इंजन में क्षति हो सकती है। भारत जैसे देशों में, जहां हवाई अड्डों के आसपास पक्षियों की संख्या ज्यादा होती है, ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहती हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में भारत में 400 से ज्यादा बर्ड स्ट्राइक के मामले दर्ज हुए थे। इनमें से अधिकांश दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे बड़े हवाई अड्डों के आसपास ही पाए गए। विशेषज्ञों का कहना है कि पक्षियों को दूर भगाने के लिए रडार, लेजर और ध्वनि उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन पूरी तरह रोकना मुश्किल है।
इस घटना में पायलट की भूमिका सराहनीय रही। अकासा एयर के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर प्रवीण भाटिया ने कहा कि क्रू ने सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया। बर्ड स्ट्राइक के तुरंत बाद पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल को सूचित किया और इमरजेंसी प्रक्रिया अपनाई। विमान का इंजन प्रभावित हुआ था, लेकिन यह पर्याप्त शक्ति बनाए रख सका। लैंडिंग के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ने रनवे की जांच की और कोई खतरा नहीं पाया गया। यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी अनुभव साझा किए। एक यात्री ने लिखा कि थोड़ी हलचल हुई, लेकिन पायलट ने शांत रहकर सबको आश्वस्त किया। कोई चोट या घायल होने की खबर नहीं है।
अकासा एयर एक नई भारतीय एयरलाइन है, जो 2022 में शुरू हुई। यह सिंगापुर की मिरामार इन्वेस्टमेंट के सहयोग से चल रही है। कंपनी का फोकस कम लागत वाली उड़ानों पर है और यह बोइंग 737 मैक्स विमानों का इस्तेमाल करती है। इस फ्लीट में 20 से ज्यादा विमान हैं, जो देश के 20 से अधिक शहरों को जोड़ते हैं। अकासा ने हाल ही में अपनी सेवाओं का विस्तार किया है, लेकिन कुछ तकनीकी समस्याओं का सामना भी कर रही है। सितंबर 2025 में कंपनी के सिस्टम में खराबी आई थी, जिससे बुकिंग प्रभावित हुई। लेकिन बर्ड स्ट्राइक जैसी घटनाएं उसके संचालन पर असर नहीं डालतीं। एयरलाइन ने कहा कि यह घटना दुर्लभ है और सभी विमान नियमित रखरखाव में हैं।
इस घटना के बाद विमान को दिल्ली में ही रखा गया। इंजीनियरिंग टीम ने इंजन, विंग और अन्य हिस्सों की जांच शुरू कर दी। बोइंग 737 मैक्स 8 एक आधुनिक विमान है, जो ईंधन कुशल है और लंबी दूरी के लिए उपयुक्त। लेकिन बर्ड स्ट्राइक से इंजन में ब्लेड क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। जांच पूरी होने के बाद ही इसे अगली फ्लाइट के लिए क्लियर किया जाएगा। इसी विमान को दिल्ली से गोवा जाने वाली अगली फ्लाइट के लिए शेड्यूल किया गया था, लेकिन देरी हो गई। एयरलाइन ने यात्रियों को वैकल्पिक फ्लाइट या रिफंड का ऑफर दिया। दिल्ली हवाई अड्डा प्रबंधन ने भी सहयोग किया और यात्रियों को अन्य टर्मिनल पर ले जाया।
भारतीय विमानन इतिहास में बर्ड स्ट्राइक के कई मामले हैं। 2023 में दिल्ली से जयपुर जा रही इंडिगो फ्लाइट पर बर्ड हिट हुआ था, जिसमें इंजन बंद हो गया। पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग की। इसी तरह, 2024 में मुंबई एयरपोर्ट पर कई घटनाएं हुईं। विशेषज्ञ कहते हैं कि शहरीकरण के कारण पक्षी हवाई अड्डों के नजदीक आ जाते हैं। कचरा प्रबंधन और हरित पट्टियां बनाने से समस्या बढ़ती है। सरकार ने एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया को निर्देश दिए हैं कि पक्षी नियंत्रण पर ज्यादा ध्यान दें। रडार सिस्टम लगाने और पक्षी चेतावनी प्रणाली विकसित करने का काम चल रहा है।
यात्रियों की सुरक्षा हमेशा प्राथमिकता है। अकासा एयर ने इस घटना से सीख लेते हुए क्रू को अतिरिक्त ट्रेनिंग देने का फैसला किया। कंपनी का कहना है कि सभी फ्लाइट्स में सुरक्षा मानक अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने भी जांच शुरू कर दी है। यह रूटीन प्रक्रिया है, जिसमें कोई लापरवाही तो नहीं, यह देखा जाता है। DGCA के अनुसार, 2025 में अब तक 250 बर्ड स्ट्राइक केस रिपोर्ट हुए हैं, लेकिन कोई बड़ा हादसा नहीं। पायलट ट्रेनिंग में बर्ड स्ट्राइक पर विशेष मॉड्यूल शामिल हैं।
सोशल मीडिया पर इस घटना ने चर्चा छेड़ दी। कई यूजर्स ने पायलट की तारीफ की, जबकि कुछ ने हवाई अड्डा प्रबंधन पर सवाल उठाए। एक पूर्व पायलट ने ट्वीट किया कि बर्ड स्ट्राइक से बचाव के लिए हवाई अड्डों पर ज्यादा सतर्कता बरतनी चाहिए। अकासा एयर ने ट्विटर पर बयान जारी कर यात्रियों को धन्यवाद दिया। कंपनी ने कहा कि सुरक्षा उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। इस घटना से उड़ान सेवाओं पर कोई लंबा असर नहीं पड़ा। अगले दिन की फ्लाइट्स सामान्य रहीं।
विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि बर्ड स्ट्राइक को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन जोखिम कम किया जा सकता है। पक्षियों को भगाने के लिए बर्ड स्केयरर, फ्लैशलाइट और अल्ट्रासोनिक डिवाइस इस्तेमाल होते हैं। दिल्ली एयरपोर्ट ने हाल ही में नई तकनीक अपनाई है। लेकिन मौसम और समय के अनुसार पक्षी व्यवहार बदलता है। सुबह के समय, जब फ्लाइट्स ज्यादा होती हैं, खतरा बढ़ जाता है। इस घटना ने फिर से इस मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया। एयरलाइंस को अब और सतर्क रहना होगा।
अकासा एयर की यह घटना एक उदाहरण है कि आपात स्थिति में कैसे संकट टाला जा सकता है। सभी यात्री घर पहुंच चुके हैं और सामान्य जीवन जी रहे हैं। एयरलाइन ने यात्रियों से संपर्क कर उनकी शिकायतें सुनीं। कुछ को होटल और भोजन की व्यवस्था की गई। यह घटना विमानन की मजबूती को दिखाती है। पायलट और क्रू की त्वरित कार्रवाई से बड़ा हादसा टल गया। भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए और प्रयास होंगे। भारत का विमानन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं।
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