Trending News: लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी सैफुल्लाह कसूरी का भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान, पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड फिर सुर्खियों में। 

पाकिस्तान के कैसूर में आयोजित एक रैली में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के डिप्टी कमांडर सैफुल्लाह कसूरी ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ....

May 30, 2025 - 11:51
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Trending News: लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी सैफुल्लाह कसूरी का भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान, पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड फिर सुर्खियों में। 

Trending News: 29 मई 2025 को पाकिस्तान के कैसूर में आयोजित एक रैली में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के डिप्टी कमांडर सैफुल्लाह कसूरी ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया। उसने कहा, "नरेंद्र मोदी समझते हैं कि हम गोलियों से डरने वाले हैं, यह उनकी भूल है। मैं भारत के दिल में कांटे की तरह रहता हूं।" यह बयान उस रैली का हिस्सा था, जिसमें कसूरी ने भारत के खिलाफ नफरत भरे भाषण दिए और पहलगाम आतंकी हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया।

सैफुल्लाह कसूरी, जिसे सैफुल्लाह खालिद के नाम से भी जाना जाता है, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का कथित मास्टरमाइंड है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। यह हमला 22 अप्रैल 2025 को बैसरन घाटी में हुआ था, जिसकी जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) ने ली थी। कसूरी का यह बयान भारत द्वारा हाल ही में उठाए गए कड़े कदमों, जैसे सिंधु जल संधि को स्थगित करने और अटारी बॉर्डर पर व्यापार बंद करने के जवाब में आया है।

  • सैफुल्लाह कसूरी

सैफुल्लाह कसूरी लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रमुख आतंकी कमांडर है, जो संगठन के डिप्टी चीफ के रूप में कार्य करता है। वह हाफिज सईद का करीबी सहयोगी है, जो 2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित वैश्विक आतंकी है। कसूरी को भारत में कई बड़े आतंकी हमलों से जोड़ा गया है, और वह लंबे समय से भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, वह लग्जरी कारों और अत्याधुनिक हथियारों का शौकीन है, और उसकी सुरक्षा के लिए लश्कर के आतंकी हमेशा तैनात रहते हैं।

कसूरी का नाम पहलगाम आतंकी हमले के बाद विशेष रूप से चर्चा में आया, जिसे 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकांश हिंदू पर्यटक थे। हमलावरों ने धर्म पूछकर पुरुष पर्यटकों को निशाना बनाया था, जिससे इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इस हमले में पांच से छह आतंकवादी शामिल थे, जिनमें से कुछ विदेशी (संभवतः पाकिस्तानी) थे, जिन्होंने हमले से कुछ दिन पहले घाटी में घुसपैठ की थी।

  • कैसूर रैली और बयान

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कैसूर में 29 मई 2025 को लश्कर-ए-तैयबा के राजनीतिक विंग, पाकिस्तान मार्कजी मुस्लिम लीग (पीएमएमएल), द्वारा आयोजित 'यौम-ए-तकबीर' रैली में सैफुल्लाह कसूरी ने 20 मिनट तक भारत के खिलाफ जहर उगला। इस रैली में हाफिज सईद का बेटा, तलहा सईद, भी मौजूद था, जो भारत की मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल है। रैली में कसूरी ने पहलगाम हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार करते हुए दावा किया कि उसे भारत द्वारा "फंसाया" गया है। उसने यह भी कहा कि भारत ने जम्मू-कश्मीर में 10 लाख सैनिक तैनात किए हैं और वह पाकिस्तान की शांति को नष्ट करना चाहता है।

कसूरी ने अपने भाषण में ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों को "शहीद" बताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी और एक आतंकी, मुदस्सिर अहमद, के नाम पर सड़क, अस्पताल, और सेंटर बनाने की घोषणा की। खुफिया सूत्रों के अनुसार, मुदस्सिर उन आतंकियों में से एक था, जिन्हें भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर में मार गिराया था। कसूरी ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तानी हैकरों ने भारत की 70% बिजली ग्रिड को ठप कर दिया था, जिसे उसने अपनी "उपलब्धि" बताया। इस रैली में पाकिस्तानी सेना द्वारा सुरक्षा प्रदान की गई थी, जो कसूरी और लश्कर की गतिविधियों में उनकी संलिप्तता की ओर इशारा करता है।

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें दो स्थानीय और दो विदेशी पर्यटक शामिल थे। हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन माना जाता है। खुफिया सूत्रों ने सैफुल्लाह कसूरी को इस हमले का मास्टरमाइंड बताया, जिसके बाद भारत ने कड़े जवाबी कदम उठाए। भारत ने तत्काल प्रभाव से 1960 के सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया, अटारी बॉर्डर पर व्यापार बंद कर दिया, और पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया।

इसके अलावा, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया। इन हमलों ने बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया, जो वैश्विक आतंकवाद के केंद्र माने जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले के बाद कई सार्वजनिक सभाओं में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। 24 अप्रैल 2025 को मधुबनी, बिहार में एक जनसभा में उन्होंने कहा, "आतंकियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है।" 22 मई 2025 को बीकानेर में उन्होंने कहा, "पाकिस्तान ये भूल गया कि मां भारती का सेवक मोदी यहां सीना तानकर खड़ा है। यह शोध प्रतिशोध का खेल नहीं, यह न्याय का नया स्वरूप है।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत परमाणु बम की धमकियों से डरने वाला नहीं है और पाकिस्तान के साथ अब न व्यापार होगा, न वार्ता, बल्कि बात होगी तो सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) की।

सैफुल्लाह कसूरी का हालिया बयान भारत के इन कठोर कदमों के जवाब में आया है। उसने 24 अप्रैल 2025 को एक वीडियो जारी कर पहलगाम हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया था, जिसमें वह डरा हुआ दिखाई दिया। उसने कहा, "जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में जो आतंकी हमला हुआ, हम इसकी निंदा करते हैं। यह भारत की साजिश है।" इस वीडियो में उसने भारत को "जंगी दुश्मन" करार देते हुए आरोप लगाया कि भारत पाकिस्तान के पानी को रोककर उसे तबाह करना चाहता है।

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हालांकि, कैसूर रैली में उसका रुख पूरी तरह उलट था। उसने भारत के खिलाफ नफरत भरे बयान दिए और दावा किया कि वह भारत के दिल में कांटे की तरह चुभता है। यह बयान उसकी हताशा और भारत के जवाबी हमलों से उत्पन्न डर को दर्शाता है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, कसूरी ने पहले भी पाकिस्तान के पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में भड़काऊ भाषण दिए हैं, जिसमें उसने पाकिस्तानी सेना को भारत के खिलाफ उकसाया और 2 फरवरी 2026 तक कश्मीर को "आजाद" करने का दावा किया था।

कसूरी की गतिविधियां और लश्कर-ए-तैयबा की रैलियां पाकिस्तानी सेना के समर्थन के बिना संभव नहीं हैं। खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कसूरी ने दो महीने पहले पंजाब के कंगनपुर में पाकिस्तानी सेना के साथ एक बैठक की थी, जहां उसने भारत के खिलाफ जिहादी भाषण दिया। इसके अलावा, पिछले साल एबटाबाद के जंगलों में लश्कर और पीएमएमएल द्वारा आयोजित एक ट्रेनिंग कैंप में कसूरी ने सैकड़ों युवाओं को भारत के खिलाफ उकसाया और टारगेट किलिंग के लिए चुना।

इन आतंकियों को बाद में पाकिस्तानी सेना की मदद से भारत में घुसपैठ करवाया गया। सैफुल्लाह कसूरी का हालिया बयान और उसकी रैली भारत के खिलाफ उसकी और लश्कर-ए-तैयबा की सतत आतंकी गतिविधियों का हिस्सा है। पहलगाम हमले जैसे जघन्य कृत्यों के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है, जिसके तहत ऑपरेशन सिंदूर जैसे सैन्य अभियान और कूटनीतिक कदम उठाए गए हैं।

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