दिल्ली के तिमारपुर में ट्रैफिक पुलिसकर्मी पर बाइक सवारों ने किया हमला, वायरल वीडियो के बाद दो गिरफ्तार, देखें पूरा वीडियो
यह घटना दिल्ली में पुलिसकर्मियों पर हमलों की एक कड़ी है। पिछले साल भी कई ऐसे मामले सामने आए थे। जैसे, जनवरी 2025 में रोहिणी इलाके में एक कांस्टेबल पर

दिल्ली के उत्तर-पश्चिम जिले के तिमारपुर इलाके में बुधवार दोपहर एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी पर कुछ लोगों ने क्रूरता से हमला कर दिया। यह घटना तब हुई जब सब-इंस्पेक्टर सूरजपाल सिंह एक बिना हेलमेट बाइक सवार को रोकने की कोशिश कर रहे थे। हमलावरों ने न सिर्फ पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारे और लातें मारीं, बल्कि उसे जमीन पर पटक दिया। इस दौरान सूरजपाल सिंह के चेहरे से खून बहने लगा। पूरा मामला एक वीडियो में कैद हो गया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में दिख रहा है कि भीड़ ने पुलिसकर्मी को घेर लिया है और कई लोग बारी-बारी से मारपीट कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दो हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य फरार हो गए हैं। जिनकी तलाश जारी है। यह घटना न सिर्फ कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ी करती है, बल्कि पुलिसकर्मियों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ा रही है।
घटना 24 सितंबर 2025 को दोपहर करीब 2 बजे वजीराबाद फ्लाईओवर के पास हुई। तिमारपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस इलाके में ट्रैफिक जाम एक आम समस्या है। सब-इंस्पेक्टर सूरजपाल सिंह, जो दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में तैनात हैं, ड्यूटी पर थे। वे हेलमेट न पहनने वाले वाहन चालकों पर चालान काट रहे थे। एक मोटरसाइकिल सवार, जो बिना हेलमेट के तेज रफ्तार से आ रहा था, को सूरजपाल सिंह ने हाथ के इशारे से रोकने की कोशिश की। लेकिन बाइक सवार रुकने के बजाय गुस्से में आ गया। उसने बाइक रोकी और पुलिसकर्मी पर झपट्टा मारा। पहले तो सूरजपाल सिंह ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन हमलावर ने थप्पड़ जड़ दिया।
यह देखते ही आसपास के कुछ लोग इकट्ठा हो गए। वीडियो में साफ दिख रहा है कि एक व्यक्ति, जो भूरी टी-शर्ट पहने है, सूरजपाल सिंह को जोरदार थप्पड़ मारता है। फिर अन्य लोग भी शामिल हो जाते हैं। वे पुलिसकर्मी को धक्का देते हैं, मुक्के मारते हैं और लातें ठोकते हैं। एक हमलावर ने तो सूरजपाल सिंह को जमीन पर गिरा दिया और फिर पैर से ठोका। इस दौरान सूरजपाल सिंह के माथे से खून बहने लगा। वे चिल्ला रहे थे, लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। भीड़ में खड़े अन्य लोग हमलावरों का साथ दे रहे थे। वीडियो में एक जगह यह भी दिखा कि सूरजपाल सिंह का मोबाइल फोन छीन लिया गया। पूरी घटना करीब दो मिनट की है, लेकिन इतने में पुलिसकर्मी बुरी तरह घायल हो गए। सूरजपाल सिंह ने बाद में बताया कि हमलावरों ने उन्हें जातिसूचक गालियां भी दीं।
वीडियो किसी राहगीर ने अपने फोन से बनाया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अपलोड कर दिया। रात होते-होते यह लाखों बार देखा जा चुका था। लोगों ने इसे रीट्वीट करते हुए दिल्ली पुलिस को टैग किया। कई यूजर्स ने लिखा कि पुलिसकर्मी ड्यूटी पर जान जोखिम में डालते हैं, फिर भी उन्हें सुरक्षा नहीं मिलती। एक यूजर ने कहा, 'यह वर्दी का अपमान है। सख्त सजा दो।' वायरल वीडियो के बाद दिल्ली पुलिस ने देर रात कार्रवाई शुरू की। तिमारपुर थाने में केस दर्ज किया गया। गिरफ्तार हमलावरों की पहचान अकबर हुसैन और सलमान के रूप में हुई है। दोनों की उम्र 30 से 35 साल के बीच बताई जा रही है। वे स्थानीय निवासी हैं। पुलिस ने बताया कि अकबर हुसैन ही वह बाइक सवार था, जिसे रोकने की कोशिश की गई थी। सलमान उसके साथी था।
दोनों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया। सूरजपाल सिंह को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका मेडिको-लीगल चेकअप कराया गया। डॉक्टरों ने चोटें गंभीर बताईं, लेकिन जान का खतरा नहीं है। उनके माथे पर गहरी चोटें हैं और चेहरे पर कई निशान बने हुए हैं। पुलिस ने एफआईआर बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 221 (सार्वजनिक सेवक के कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालना), 132 (सार्वजनिक सेवक पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 121(1) (सेवक को ड्यूटी से रोके जाने के लिए चोट पहुंचाना) और 3(5) (साझा दायित्व) के तहत दर्ज की है। इन धाराओं में सजा सात साल तक की हो सकती है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियो की जांच शुरू कर दी है। फरार हमलावरों की संख्या तीन से चार बताई जा रही है। उनकी तलाश में टीमें लगाई गई हैं।
दिल्ली पुलिस के डीसीपी (उत्तर-पश्चिम) ने एक बयान जारी कर कहा कि यह घटना अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने बताया कि सूरजपाल सिंह एक अनुभवी अधिकारी हैं, जो पिछले दस साल से ट्रैफिक ड्यूटी पर हैं। हमला इसलिए हुआ क्योंकि हमलावर चालान कटने से नाराज थे। डीसीपी ने अपील की कि कोई भी वाहन चालक नियम तोड़े तो सहयोग करे। पुलिस ने कहा कि वर्दी की इज्जत बचाने के लिए सख्त कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सोशल मीडिया पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'पुलिसकर्मी हमारी सुरक्षा के पहरेदार हैं। इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं। दोषियों को सजा मिलेगी।' दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने भी आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं।
यह घटना दिल्ली में पुलिसकर्मियों पर हमलों की एक कड़ी है। पिछले साल भी कई ऐसे मामले सामने आए थे। जैसे, जनवरी 2025 में रोहिणी इलाके में एक कांस्टेबल पर बाइकर्स ने हमला किया था। मार्च में साउथ दिल्ली में एक इंस्पेक्टर को गाड़ी से कुचलने की कोशिश की गई। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रैफिक ड्यूटी सबसे जोखिम भरी होती है। क्योंकि चालान कटने पर लोग गुस्सा हो जाते हैं। एक पूर्व डीसीपी ने कहा, 'कानून सख्त हैं, लेकिन जागरूकता की कमी है। वाहन चालकों को समझना चाहिए कि नियमों का पालन सबकी भलाई के लिए है।' सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग कह रहे हैं कि वीडियो में कोई मदद नहीं करने वाला दिखा, जो समाज की उदासीनता दर्शाता है। एक एनजीओ ने कहा कि पुलिसकर्मियों के लिए हेलमेट कैमरा अनिवार्य किया जाए, ताकि सबूत मिले।
तिमारपुर इलाका दिल्ली का एक व्यस्त क्षेत्र है। यहां मॉल रोड, वजीराबाद फ्लाईओवर और कई बाजार हैं। ट्रैफिक जाम के कारण पुलिस की ड्यूटी दोगुनी मुश्किल हो जाती है। सूरजपाल सिंह के साथी पुलिसकर्मियों ने अस्पताल पहुंचकर उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि हम सब एक परिवार हैं। ऐसी घटनाएं हमें कमजोर नहीं करेंगी। पुलिस ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि फरार हमलावरों के बारे में जानकारी दें। इनाम की घोषणा भी की गई है। वर्तमान में इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है।
यह मामला पुलिस सुधार पर भी बहस छेड़ रहा है। क्या दिल्ली पुलिस को और मजबूत हथियार और बैकअप मिलना चाहिए? या जागरूकता अभियान चलाने चाहिए? सूरजपाल सिंह ने अस्पताल से बयान दिया कि वे जल्द ड्यूटी पर लौटेंगे। उन्होंने कहा, 'मेरा काम जनता की सेवा है। ऐसे लोग समाज के दुश्मन हैं।' गिरफ्तार अकबर और सलमान को कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस को शक है कि वे पहले भी चालान से बचने के लिए झगड़ा कर चुके हैं। जांच में यह सामने आया कि सलमान का पुराना चालान लंबित था।
दिल्ली में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन आम है। हेलमेट न पहनना, सिग्नल तोड़ना जैसी गलतियां रोज होती हैं। लेकिन हमला करना अपराध है। यह घटना एक सबक है कि कानून सबके लिए बराबर है। वायरल वीडियो ने न सिर्फ पुलिस की त्वरित कार्रवाई कराई, बल्कि समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया। क्या हम पुलिसकर्मियों का सम्मान करेंगे? सूरजपाल सिंह जैसे योद्धाओं को सलाम। उम्मीद है कि न्याय मिलेगा और ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। फिलहाल, पुलिस फरारों को पकड़ने में जुटी है।
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