ओडिशा में गैंगरेप से बचकर जंगल भागी युवती से ट्रक ड्राईवर ने फिर किया.... पुलिस जांच में जुटी।
Odisha Crime News: ओडिशा के मलकानगिरी जिले में एक भयावह और हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसमें एक युवती के साथ गैंगरेप और उसके बाद ट्रक ड्राइव...
ओडिशा के मलकानगिरी जिले में एक भयावह और हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसमें एक युवती के साथ गैंगरेप और उसके बाद ट्रक ड्राइवर द्वारा यौन शोषण की घटना हुई। यह घटना न केवल महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज में व्याप्त असंवेदनशीलता और अपराधियों के बढ़ते हौसले को भी उजागर करती है। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
यह दुखद घटना 20 जुलाई, 2025 की रात को मलकानगिरी जिले में हुई। पीड़िता अपनी सहेली की जन्मदिन पार्टी में शामिल होने के बाद अपने घर लौट रही थी। रास्ते में, मलकानगिरी शहर से लगभग 10-15 किलोमीटर दूर, तीन लोगों ने उसका अपहरण कर लिया। अपराधियों ने उसे एक सुनसान जंगली इलाके में ले जाया, जहां उन्होंने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपियों ने पीड़िता के साथ मारपीट भी की और उसे जान से मारने की धमकी दी ताकि वह इस घटना का खुलासा न करे।
किसी तरह अपनी जान बचाकर पीड़िता जंगल से भागने में सफल रही। लेकिन उसकी मुसीबतें यहीं खत्म नहीं हुईं। मलकानगिरी शहर के बाहरी इलाके में, राष्ट्रीय राजमार्ग-326 पर बीजा घाटी के पास, एक ट्रक ड्राइवर ने उसका फायदा उठाते हुए उसके साथ यौन शोषण किया। स्थानीय लोगों ने पीड़िता को ट्रक ड्राइवर के साथ संदिग्ध स्थिति में देखा और तुरंत हस्तक्षेप किया। उनकी सूझबूझ और समय पर हस्तक्षेप से पीड़िता की जान बच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पीड़िता को बचाया और ट्रक ड्राइवर को हिरासत में लिया।
मलकानगिरी के पुलिस अधीक्षक विनोद पाटिल ने 22 जुलाई, 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस घटना की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि इस अपराध में चार लोग शामिल थे, जिनमें से तीन ने जंगल में गैंगरेप किया, जबकि ट्रक ड्राइवर ने बाद में यौन शोषण किया। पुलिस ने मलकानगिरी टाउन थाने में दो मामले दर्ज किए हैं: एक गैंगरेप के लिए (केस नंबर 364/25) और दूसरा ट्रक ड्राइवर द्वारा यौन शोषण के लिए (केस नंबर 363/25)। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 137(2) (अपहरण), धारा 64 (बलात्कार), धारा 65(1) (16 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ बलात्कार), और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 4 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
पुलिस ने सभी चार आरोपियों को 6 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया। ट्रक ड्राइवर की पहचान मध्य प्रदेश के शुभम सिंह (26 वर्ष) के रूप में हुई, जो सीमेंट से लदा ट्रक लेकर कोरापुट जिले के जयपुर जा रहा था। पीड़िता की मां ने मलकानगिरी सदर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर कार्रवाई शुरू हुई। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया और उसका बयान अदालत में दर्ज किया गया। पुलिस ने बताया कि जल्द ही इस मामले में चार्जशीट दाखिल की जाएगी और आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
इस घटना ने ओडिशा में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। विपक्षी दलों, जैसे बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस, ने मलकानगिरी थाने का दौरा किया और इस मामले की निष्पक्ष और गहन जांच की मांग की। नेताओं ने दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। यह घटना उस समय हुई जब ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की एक श्रृंखला ने पहले से ही जनता में आक्रोश पैदा कर रखा था। उदाहरण के लिए, बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज में एक 20 वर्षीय छात्रा ने 12 जुलाई, 2025 को एक शिक्षक द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के बाद आत्मदाह कर लिया था। इस घटना ने भी पूरे राज्य में व्यापक विरोध को जन्म दिया था।
- ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध
यह घटना ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों की एक और कड़ी है। हाल के महीनों में, कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जो समाज और प्रशासन के लिए चेतावनी का काम करती हैं। उदाहरण के लिए:
गोपालपुर बीच पर गैंगरेप: 17 जून, 2025 को गंजाम जिले के गोपालपुर बीच पर एक कॉलेज छात्रा के साथ 10 अज्ञात युवकों ने गैंगरेप किया। इस मामले में भी पुलिस ने जांच शुरू की है, लेकिन अभी तक सभी आरोपी पकड़े नहीं गए हैं।
पुरी में नाबालिग को जलाने की कोशिश: 19 जुलाई, 2025 को पुरी जिले में तीन लोगों ने एक 15 वर्षीय लड़की को जिंदा जलाने की कोशिश की। पीड़िता गंभीर हालत में दिल्ली के एम्स में भर्ती है।
जाजपुर में कोच द्वारा बलात्कार: जाजपुर में एक 15 वर्षीय हॉकी ट्रेनी के साथ उसके कोच ने बलात्कार किया।
इन घटनाओं ने ओडिशा में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा की है। विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि इन अपराधों के पीछे सामाजिक असमानता, शिक्षा की कमी, और अपराधियों में कानून का डर न होने जैसे कारक जिम्मेदार हैं।
इस तरह की घटनाएं न केवल पीड़िता और उसके परिवार पर गहरा प्रभाव डालती हैं, बल्कि समाज में भय और असुरक्षा का माहौल भी पैदा करती हैं। पीड़िता को न केवल शारीरिक और मानसिक आघात से गुजरना पड़ा, बल्कि उसे सामाजिक कलंक और मानसिक दबाव का भी सामना करना पड़ सकता है। कई बार, पीड़िताएं सामाजिक दबाव के कारण अपनी शिकायत दर्ज करने से हिचकिचाती हैं। इस मामले में, स्थानीय लोगों की त्वरित कार्रवाई और पीड़िता की मां की हिम्मत ने इस घटना को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए कानूनी और सामाजिक दोनों स्तरों पर सुधार की आवश्यकता है। पुलिस और प्रशासन को तेजी से कार्रवाई करने, पीड़िताओं को तुरंत सहायता प्रदान करने, और अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने की दिशा में काम करना होगा। साथ ही, समाज में जागरूकता फैलाने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की जरूरत है।
Also Read- लखनऊ में पनीर की जगह चिकन डिलीवरी की, धार्मिक भावनाएं आहत, पुलिस ने जांच शुरू की।
What's Your Reaction?